काव्यशास्त्र
रस व उसके भेद #काव्य शास्त्र
रस का अर्थ व भेद दोस्तो आज पोस्ट मे रस का अर्थ व उसके भेद को सविस्तार पढ़ेंगे & भारतीय काव्यशास्त्र के विभिन्न सम्प्रदायों में रस सिद्धान्त सबसे प्राचीन सिद्धान्त है। रस सिद्धान्त का विशद एवं प्रामाणिक विवेचन भरत मुनि के नाट्यशास्त्र में ही सर्वप्रथम उपलब्ध होता है। -आचार्य विश्वनाथ Read more…