संतकाव्य धारा

Kabir Das ka Jivan Parichay | कबीर दास का जीवन परिचय

Kabir Das

आज के आर्टिकल में भक्तिकाल के चर्चित कवि कबीरदास के सम्पूर्ण जीवन परिचय (Kabir Das ka Jivan Parichay) को विस्तार से पढेंगे । कबीर दास जी का सम्पूर्ण परिचय – Kabir Das ka Jivan Parichay कबीर(Kabir Das) (1398 – 1518 ई.) भारतीय धर्म साधना के इतिहास में कबीर ऐसे महान् विचार एवं प्रतिभाशाली महाकवि हैं …

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भक्तिकालीन सम्बन्ध में प्रमुख आलोचनात्मक कथन || hindi sahitya

दोस्तों आज की पोस्ट में भक्तिकालीन सम्बन्ध में प्रमुख आलोचनात्मक कथन दिए गए है जो परीक्षा के लिए काफी उपयोगी साबित होंगे भक्तिकालीन कवियों के सम्बन्ध में प्रमुख आलोचनात्मक कथन ⇒कबीर तथा अन्य निर्गुण पंथी संतों के द्वारा अंतस्साधना में रागात्मिकता ’भक्ति’ और ज्ञान का योग तो हुआ है पर कर्म की दिशा वही रही …

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Kabir ke Dohe in Hindi – कबीर के प्रचलित दोहे – व्याख्या सहित

kabir ke dohe

आज के आर्टिकल में हम कबीर के प्रचलित दोहे व्याख्या सहित (Kabir ke dohe in hindi) पढेंगे ,इन्हें आप अच्छे से पढ़ें | सुनिए गुण की बारता, औगुन लीजै नाहिं। हंस छीर को गहत है, नीर सो त्यागे जाहिं।। व्याख्या – कबीर कहते है कि बुद्धिमान पुरुष को गुणों अर्थात् अच्छे विचार, अच्छा आवरण और …

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कबीर के काव्य में भावपक्ष – Hindi Sahitya

कबीर के काव्य में भावपक्ष

आज की पोस्ट में हम हिंदी साहित्य के भक्तिकाल में कबीर के काव्य में भावपक्ष(Kabir ke kavy me bhavpaksh) की चर्चा करेंगे ,ताकि आप इसे अच्छे से समझ सकें | कबीर के काव्य में भावपक्ष कबीर निरक्षर थे वे शास्त्रज्ञ विद्वान् नहीं थे, तथापि कविता रचना के लिए बङी-बङी उपाधियों की आवश्यकता न पहले होती …

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संतकाव्य धारा की विशेषताएं – हिंदी साहित्य

संतकाव्य धारा

दोस्तो आज की पोस्ट में आप हिंदी साहित्य में भक्तिकाल के अंतर्गत संतकाव्य धारा की विशेषताएँ(Sant kavya dhara ki Visheshta) पढेंगे ,जो आपके लिए जानना बेहद जरुरी है । संतकाव्य धारा की विशेषताएं हिंदी सन्त काव्य का प्रारम्भ निर्गुण काव्य धारा से होता है । आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने नामदेव और कबीर द्वारा प्रवर्तित भक्ति …

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