बुद्धि के सिद्धान्त – Buddhi ke Siddhant

इस पोस्ट में हम आज मनोविज्ञान के अंतर्गत बुद्धि के सिद्धान्त पढ़ेंगे ,इसमें महत्त्वपूर्ण तथ्य ही दिए गए है ,जो परीक्षा के लिए उपयोगी है

बुद्धि के सिद्धान्त – Buddhi ke Siddhant

बुद्धि के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक –(Doctrines of intelligence)

  • एक खण्ड का /निरंकुशवादी सिद्धांत (1911) – बिने, टरमन व स्टर्न
  • द्विखण्ड का सिद्धांत (1904) – स्पीयरमैन
  • तीन खण्ड का सिद्धांत – स्पीयरमैन
  • बहु खण्ड का सिद्धांत – थार्नडाईक
  • समूह कारक सिद्धांत – थर्स्टन व कैली

बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने का सूत्र – Buddhi Labdhi ka Sutra

  • बुद्धि लब्धि (I.Q.) = मानसिक आयु (M.A.)/वास्तविक आयु (C.A.)×100
  • बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का प्रतिपादक – विलियम स्टर्न (1912)
  • बुद्धि लब्धि (I.Q.) ज्ञात करने के सूत्र का सर्वप्रथम प्रयोग – (1916)

 

  • बुद्धि लब्धि (Intelligent Quotient) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – टरमन
  • मानसिक आयु (Mental Age) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – बिने (1908)

 

वैयक्तिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –

  • बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण – बिने & थियोडर साइमन (1905,1908,1911)
  • स्टेनफोर्ड-बिने स्केल – स्टेनफोर्ड वि.वि. में बिने द्वारा (1916,1937,1960)

 

वैयक्तिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –

  • पोर्टियस भूल-भूलैया परीक्षण – एस. डी. पोर्टियस (1924)
  • वैश्लर-वैल्यूब बुद्धि परीक्षण – डी. वैश्लवर (1944,1955)

 

सामूहिक भाषात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –

  • आर्मी अल्फ़ा परीक्षण – आर्थर एस. ओटिस (1917)
  • सेना सामान्य वर्गीकरण (A.G.C.T.) – (1945)

 

सामूहिक क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण/परीक्षाएँ –

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top