Best Hindi Grammar – हिंदी व्याकरण – Hindi Vyakaran No.1 PDF

इस आर्टिकल में हम सभी एग्जाम के लिए महत्त्वपूर्ण विषय हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) पर चर्चा करेंगे। अगर आप हिंदी व्याकरण के अच्छे नोट्स चाहते है, तो आप इस आर्टिकल में बिल्कुल सही हो ।आर्टिकल को पूरा ध्यान से पढ़ें सभी व्याकरण के सभी टॉपिक दिए गए है।

सबसे पहले आपके दिमाग में यहीं प्रश्न उठता होगा

व्याकरण किसे कहते है?

Table of Contents

जो विद्या भाषा की व्याक्रिया, अर्थात् उसका विश्लेषण करती है, व्याकरण कहलाती है। ध्वनि से लेकर वाक्य तक फैली हुई भाषा के ध्वनि, शब्द, पदांश, पद, वाक्यांश और वाक्य तक की विभिन्न संरचनाएँ हैं, व्याकरण इन सबका विवेचन करती है और ये संरचनाएँ अर्थ की अभिव्यक्ति में जो-जो भूमिकाएँ निभाती हैं, इनका विश्लेषण करती है।

Hindi Grammar – हिंदी व्याकरण

एक भाषा में ध्वनि का उच्चारण, उच्चारण-स्थलों का ज्ञान, ध्वनियों का वर्गीकरण आदि विषय वर्ण-विचार में विवेचित किए जाते हैं। भाषा का शब्द-भंडार, शब्दों की उत्पति, विकास, निर्माण तथा शब्दार्थ का विश्लेषण शब्द-विचार के अन्तर्गत तथा शब्द से पदों का निर्माण एवं उनका वाक्य में प्रयोग, पद-निर्माण के विविध रूपों एवं उनके नियम आदि का अध्ययन रूप-विचार या पद-विचार में किया जाता है।

विभिन्न पदों के पारस्परिक संबंध,उप वाक्य तथा वाक्य का गठन वाक्य-विचार के अंतर्गत सम्मिलित किए जाते हैं।
इस प्रकार व्याकरण एक भाषा की वर्ण से लेकर वाक्य के गठन तक की समस्त संरचनाओं, नियमों का अध्ययन करती है और भाषा के शुद्ध तथा सर्वाधिक सार्थक प्रयोग का बोध कराती है।

Hindi Vyakaran Chart

Hindi Grammar
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पर्यायवाची शब्द – Hindi Grammar

किसी शब्द का समान अर्थ बताने वाले शब्द को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। ’पर्याय’ शब्द का अर्थ है – समान तथा ’वाची’ का अर्थ है – बताने वाला। पर्यायवाची शब्द को समानार्थक शब्द भी कहा जाता है……….Read More

अव्यय – Hindi Grammar

अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – जो व्यय न हो। जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता, उसे अव्यय शब्द कहते हैं। अव्यय शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में रहते हैं। इन शब्दों को ’अविकारी शब्द’ भी कहा जाता है। जैसे – तब, अब, परसों, अभी, अगर, वह, वहाँ, यहाँ, इधर, आज, कल, कब, कैसे, क्यूँ, उधर, किन्तु, परन्तु, बल्कि, यद्यपि, इसलिए…..Read More

वर्ण विचार – Hindi Vyakaran

वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है, जिसमें अक्षरों या वर्णों के उच्चारण, आकार, भेद तथा उनसे शब्द बनाने के नियमों का वर्णन हो। वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते। वह सबसे छोटी ध्वनि जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते, वर्ण कहलाती है। वर्ण को अक्षर भी कहा जाता हैं। ’’भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है और इस ध्वनि को वर्ण कहते है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है, इसके और खंड नहीं किये जा सकते। इन्हीं अखंड मूल ध्वनियों को वर्ण कहते हैं……Read More

वाक्य – Hindi Vyakaran

’’सार्थक शब्दों का वह समूह जिसमें वक्ता के कथन को सम्पूर्ण रूप से व्यक्त करने की क्षमता हो, वाक्य कहलाता है।’’ शब्दों के एक सार्थक समूह को ही वाक्य कहते हैं। भाषा व व्याकरण का सबसे बड़ा अंग वाक्य होता है। भावार्थ के आधार पर भाषा की सबसे बड़ी और सबसे छोटी इकाई वाक्य होता है…….Read More

शब्द समूह के लिए एक शब्द – Hindi Grammar

जब किसी वाक्य को कम से कम शब्दों में प्रकट किया जाता है और वह शब्द वाक्यांश के अर्थ को पूरी तरह सिद्ध करता हो तो उसे ’शब्द समूह के लिए एक शब्द’ कहते है। अनेक शब्दों के लिए एक शब्द को प्रयुक्त करना ही ’शब्द समूह के लिए एक शब्द’ कहलाता है। भाषा को सुगठित, सारगर्भित एवं प्रभावशाली बनाने के लिए आवश्यक है कि कम से कम शब्दों में सार्थक अभिव्यक्ति की जाए…..Read More

विशेषण – Hindi Grammar

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताई गई है, उसे विशेष्य कहते हैं। विशेषण किसी वस्तु का अप्रत्यक्ष नाम होता है, अतः सर्वनाम की भांति ही विशेषण भी एक तरह की संज्ञा ही होता है……Read More

पारिभाषिक शब्दावली – Hindi Grammar

’’पारिभाषिक शब्द वे शब्द होते है जिनकी अपनी एक निश्चित परिभाषा होती है या जिसको अर्थ की सीमा में बाँध दिया गया है।’’ पारिभाषिक शब्द का तात्पर्य उस शब्द से है जो किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित और परिसीमित अर्थ को बताता है और जिसकी परिभाषा या व्याख्या की जा सकती है। पारिभाषिक शब्द को अंग्रेजी में ’टेक्निकल वडर््स’ कहते है। टेक्निकल शब्द ग्रीक भाषा के टेक्निक्स शब्द से उत्पन्न हुआ है…..Read More

तत्सम व तद्भव शब्द – Hindi Vyakaran

तत्सम – तत् + सम – उसके समान। हिन्दी में बहुत से शब्द संस्कृत से सीधे आ गए है और आज भी उसी रुप में प्रयोग किए जा रहे हैं, वह तत्सम शब्द होते है। तद्भव – तद् + भव – उससे होना। ऐसे शब्द जिनका जन्म संस्कृत से ही हुआ है परन्तु आज उनका स्वरुप बदल गया है, वह तत्सम शब्द होते है……..Read More

पदबंध – Hindi Vyakaran

वर्णों के सार्थक तथा स्वतंत्र समूह को ’शब्द’ कहते हैं। जब शब्द वाक्य में प्रयोग किए जाते हैं तो वे ’पद’ बन जाते है। जब एक से अधिक पद मिलकर एक व्याकरणिक इकाई का काम करते हैं, तब उस बँधी हुई इकाई को पदबंध कहते हैं। जब दो या अधिक पद नियत क्रम और निश्चित अर्थ में किसी पद का कार्य करते हैं तो वह पदबंध कहलाते है……..Read More

हिंदी वर्णमाला – Hindi Grammar

किसी भी भाषा की अभिव्यक्ति ध्वनियों के माध्यम से जानने को मिलती है। हम जो बोलते हैं, उसे ध्वनि कहते है। इसी के माध्यम से हम अपने विचारों और भावनाओं को प्रकट करते हैं और सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचाते है। अगर हम विचार और भावनाएं लिखना चाहे तो इन्हें ध्वनि को लिखने के लिए हमें चिन्ह का उपयोग करना पड़ता है। ध्वनि के इन्हीं चिन्हों को वर्ण कहते हैं। भाषा के अंदर सबसे छोटी इकाई ध्वनि या वर्ण होता है। वर्णों के समूह को ’अक्षर’ के नाम से जाना जाता है। सभी वर्णों या अक्षरों को मिलाकर वर्णमाला बनती है। वर्णों के व्यवस्थित समूह को ’हिन्दी वर्णमाला’ कहते हैं……….Read More

संधि – Vyakaran in Hindi

सन्धि का शाब्दिक अर्थ है – मेल या समझौता। जब दो या दो से अधिक वर्णों का मिलन समीपता के कारण होता है तब उनमें कोई-न-कोई परिवर्तन होता है और इसी परिवर्तन या विकार को सन्धि कहते हैं। ’दो या दो से अधिक वर्णों के मिलने से उत्पन्न विकार ही सन्धि कहलाता है…..Read More

काल – Vyakaran Hindi

काल का अर्थ – ’समय’। क्रिया के जिस रूप से उसके संपन्न होने का समय ज्ञात हो, उसे काल कहते है। क्रिया का वह रूपान्तर जिससे क्रिया के व्यापार और उसकी पूर्ण या अपूर्ण अवस्था का बोध होता है, काल कहलाता है………Read More

संज्ञा – Hindi Vyakaran

संसार में किसी भी वस्तु, भाव और जीव का अगर कोई नाम है तो उस नाम को संज्ञा कहते है। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि संज्ञा एक विकारी शब्द है। जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक आदि के कारण उसका रूप परिवर्तन होता है उन्हें विकारी शब्द कहते हैं…….Read More

शब्द-युग्म – Hindi Vyakaran

प्रत्येक भाषा में कई ऐसे शब्द होते है, जिनके उच्चारण में या ध्वनियों में अत्यधिक कम अन्तर होता है, किन्तु वह अन्तर उनके अर्थों को परिवर्तित कर देता है। ऐसे शब्दों को शब्द-युग्म कहते हैं, अतः उच्चारण और लेखन के समय इस ओर अवश्य ध्यान देना चाहिए…..Read More

शब्द भेद – Vyakaran in Hindi

शब्द अकेले और कभी दूसरे शब्दों के साथ मिलकर अपना अर्थ प्रकट करते हैं। इन्हें हम दो रूपों में पाते हैं दृ एक तो इनका अपना बिना मिलावट का रूप है, जिसे संस्कृत में प्रकृति या प्रातिपादिक कहते हैं और दूसरा वह, जो कारक, लिंग, वचन, पुरुष और काल बताने वाले अंश को आगे-पीछे लगाकर बनाया जाता है, जिसे पद कहते हैं। यह वाक्य में दूसरे शब्दों से मिलकर अपना रूप झट सँवार लेता है……Read More

शब्द शुद्धि ओर वाक्य शुद्धि के नियम – Hindi Grammar

किसी शब्द को लिखने में प्रयुक्त वर्णों के क्रम को वर्तनी या अक्षरी कहते है। अँग्रेजी में वर्तनी को ‘’Spelling” तथा उर्दू में ‘हिज्जे’ कहते है। किसी भाषा की समस्त ध्वनियों को सही ढंग से उच्चारित करने हेतु वर्तनी की एकरुपता स्थापित की जाती है। जिस भाषा की वर्तनी में अपनी भाषा के साथ अन्य भाषाओं की ध्वनियों को ग्रहण करने की जितनी अधिक शक्ति होगी, उस भाषा की वर्तनी उतनी ही समर्थ होगी……Read More

प्रत्यय – Hindi Grammar

जो शब्दांश किसी शब्द के बाद लगकर उसके अर्थ को बदल देते हैं और नए अर्थ का बोध कराते हैं उसे श्प्रत्ययश् कहते हैं। भाषा में प्रत्यय का महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि उसके प्रयोग से मूल शब्द के अनेक अर्थों को प्राप्त किया जा सकता है। यौगिक शब्द बनाने में प्रत्यय का महत्त्वपूर्ण स्थान है……Read More

वचन – Hindi Vyakaran

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ’वचन’ कहते हैं। दूसरे शब्दों में, शब्दों के संख्याबोधक विकारी रूप का नाम ’वचन’ है। ’वचन’ का शाब्दिक अर्थ है- ’संख्यावचन’। ’संख्यावचन’ को ही संक्षेप में ’वचन’ कहते हैं। ’वचन’ का अर्थ ’कहना’ भी है…..Read More

शब्द शुद्धि – Hindi Vyakaran

भाषा विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और शब्द भाषा की सबसे छोटी सार्थक इकाई है। भाषा के माध्यम से ही मानव मौखिक एवं लिखित रूपों में अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है। इस वैचारिक अभिव्यक्ति के लिए शब्दों का शुद्ध प्रयोग आवश्यक है……Read More

कारक – Vyakaran in Hindi

अगर हम आसानी से इसे समझें तो ऐसे कि क्रिया से सम्बन्ध रखने वाले वे सभी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के रूप में होते हैं, उन्हें कारक कहते हैं। कारक संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वह रूप होता है जिसका सीधा सम्बन्ध क्रिया से ही होता है। किसी कार्य को करने वाला कारक यानि जो भी क्रिया को करने में मुख्य भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है……Read More

लिंग – Hindi Grammar

हिंदी व्याकरण में लिंग बहुत महत्वपूर्ण है। जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति का पता चलता है उसे लिंग कहते हैं। इससे यह पता चलता है की वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का है। लिंग उन शब्दों का रूप होता है जिनसे स्त्री और पुरुष में अंतर किया जा सके। यानी अगर स्त्री और पुरुष का बोध कराते हो, उन्हें लिंग कहा जाता है……Read More

मुहावरे – Hindi Grammar

मुहावरा बात कहने की एक शैली है। यह अरबी भाषा के ‘मुहावर’ शब्द से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘अभ्यास करना’ या ‘बातचीत’। ‘लक्षणा व व्यंजना द्वारा वह सिद्ध वाक्य जो किसी बोली जाने वाली भाषा में प्रचलित होकर रूढ़ हो गया हो तथा प्रत्यक्ष अर्थ के बजाय सांकेतिक अर्थ देता हो’, ‘मुहावरा’ कहलाता है…….Read More

लेटर क्या होता है – Hindi Vyakaran

पत्र-लेखन एक कला है। आधुनिक युग में पत्र-लेखन को ’कला’ की संज्ञा दी गई है। पत्रों में आज कलात्मक अभिव्यक्तियों हो रही है। साहित्य में भी इनका उपयोग होने लगा है। जिस पत्र में जितनी स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही प्रभावकारी होगा। एक अच्छे पत्र के लिए कलात्मक सौंदर्यबोध और अंतरंग भावनाओं का अभिव्यंजन आवश्यक है……Read More

सर्वनाम – Hindi Vyakaran

सर्वनाम दो शब्दों से मिल कर बना शब्द है सर्व और नाम, इसका अर्थ है कि सभी नामों (संज्ञाओं) की जगह आने वाला शब्द सर्वनाम कहलाता है। अगर आसानी से समझें तो सर्वनाम वो शब्द होते है जो संज्ञा के स्थान पर काम आते है…….Read More

पत्र लेखन

पत्र लेखन एक उपयोगी कला है। पत्र लिखने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। पत्र अपने मन की भावना को वाणी देने का उत्तम साधन है। जीवन में सफल होने के लिए प्रभावी पत्र लेखन क्षमता होनी चाहिए……Read More

वाक्य रचना अन्वय – Vyakaran in Hindi

जिस पद्धति द्वारा लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष के अनुसार वाक्य में प्रयुक्त विभिन्न पदों का एक-दूसरे के साथ अन्वय या मेल दिखाया जाता है उसे ’अन्वय’ कहते हैं……Read More

वर्ण-विच्छेद – Hindi Grammar

वर्ण का अर्थ होता हैदृ भाषा की कोई छोटी इकाई, जिसे और टुकड़ों में विभक्त न किया जा सके और विच्छेद का अर्थ होता हैदृ अलग करना। वर्ण-विच्छेद ध्वनि और उच्चारण पर निर्भर करता है। ध्वनि के आधार पर ही विच्छेद किया जाता है। अगर हमारा उच्चारण सही नहीं होगा तो विच्छेद भी गलत ही होगा……Read More

हिंदी गद्यांश – Vyakaran Hindi

’’ऐसे गद्यांश जो पाठ्यग्रंथों से सम्बद्ध नहीं होते हैं, उन्हें अपठित गद्यांश माना जाता है…….Read More

हिंदी वर्णमाला – Hindi Vyakaran

वर्ण भाषा की लघुतम इकाई है, हिन्दी में जितने वर्ण प्रयुक्त होते हैं, उनके समूह को ’वर्णमाला’ कहते हैं, हिन्दी की वर्णमाला स्वर और व्यंजन से मिलकर बनी है। व्यक्ति को अपने विचार विनिमय करने के लिए भाषा की आवश्यकता होती है। भाषा का निर्माण वाक्यों से, वाक्यों का निर्माण सार्थक शब्दों से तथा शब्दों का निर्माण वर्णों के सार्थक मेल से होता है। वर्णों या ध्वनियों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते है…..Read More

हिंदी मात्रा – Hindi Vyakaran

मात्राएँ कभी-भी व्यंजन की नहीं होती है, वह स्वर की होती है। हम व्यंजन को बोलने के लिए स्वरों की मात्राओं का इस्तेमाल करते है। स्वर की आवाज के लिए हमें कोई चिह्न चाहिए होता है, जिसे हम मात्रा कहते है। मात्राओं की संख्या 11 होती है परन्तु ’अ’ की कोई मात्रा नहीं होती, इसलिए हम दस मात्राओं का ही इस्तेमाल करते है। हिन्दी में शब्दों और वाक्यों को लिखने के लिए मात्राओं की आवश्यकता होती है…..Read More

क्रिया – Hindi Grammar

क्रिया हिंदी व्याकरण का एक महत्त्वपूर्ण और जरूरी हिस्सा है। कोई शब्द जिससे कुछ करना या होना का बोध हो वहाँ क्रिया होगी। क्रिया का अर्थ है – काम अर्थात् करना। किसी वाक्य में कर्ता द्वारा किया जाने वाला कार्य ही क्रिया होती है……Read More

स्वर-व्यंजन – Hindi Grammar

स्वर उन वर्णों को कहते है, जिनका उच्चारण बिना अवरोध या बिना बाधा के होता है। इनके उच्चारण में दूसरे वर्ण की सहायता नहीं ली जाती है। ये सभी स्वतंत्र होते है। इनके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख से निर्बाध रुप से निकलती है।

’व्यंजन’ उन वर्णों को कहते हैं, जिनके उच्चारण में स्वर वर्णों की सहायता ली जाती है। जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्णों के नहीं हो सकता उन्हें व्यंजन कहते हैं। जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्णों के नहीं हो सकता उन्हेें व्यंजन कहते हैं। अर्थात् स्वर की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण व्यंजन कहलाते हैं………Read More

पर्यायवाची शब्द – Hindi Grammar

एक दूसरे शब्दों के समान अर्थ होते हैं। एक ही शब्द के एक से ज्यादा अर्थ निकले उसे पर्यायवाची शब्द कहते हैं। पर्यायवाची शब्द को समानार्थक शब्द भी कहते है……Read More

भाषा किसे कहते है – Hindi Vyakaran

सामान्यतः भाषा मनुष्य की सार्थक व्यक्त वाणी को कहते है। ’भाषा’ शब्द संस्कृत के ’भाष्’ धातु से बना है। इसका अर्थ वाणी को व्यक्त करना है। इसके द्वारा मनुष्य के भावों, विचारों और भावनाओं को व्यक्त किया जाता है…….Read More

विलोम शब्द – Hindi Vyakaran

संसार का नियम है कि क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया अवश्य होती है। इसी प्रकार हिंदी भाषा में भी दो विरोधी अर्थों और भावों को अभिव्यक्त करने के लिए अलग -अलग शब्दों का अस्तित्व होता है। विपरीत भावों की अभिव्यक्ति के लिए विलोम शब्दों का ज्ञान होना आवश्यक है……Read More

वाक्य शुद्धि – Hindi Grammar

विचारों की परस्पर भावाभिव्यक्ति का सबसे बङा साधन भाषा है। जिसमें वाक्य का स्थान सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है। किसी विचार अथवा भाव को स्पष्ट एवं पूर्णतः के साथ व्यक्त करने वाला पद समूह वाक्य कहा जाता है…..Read More

विशेषण – Hindi Grammar

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाने वाले शब्दों को विशेषण कहते है।” विशेषण का शाब्दिक अर्थ है – विशेषता बताना। विशेषण एक विकारी शब्द है। विशेषण शब्द वह विकारी शब्द है, जिससे संज्ञा या सर्वनाम शब्दो कि विशेषता पता चलती है। जिस प्रकार से हम किसी भी व्यक्ति या वस्तु का नाम लेने से पहले उस वस्तु के बारे मे कुछ विशेष बात करते है, तो वह उसकी विशेषता हुई……Read More

अनेकार्थी शब्द – Hindi Grammar

अनेकार्थी शब्द का अर्थ है – ऐसे शब्द जिनसे अनेक अर्थ निकलते हो। किसी भाषा के शब्द भंडार की संपन्नता और विविधता उस भाषा के बोलने वालों की संस्कृति की संपन्नता के साथ विकसित होती रहती है, और इस तरह शब्द भंडार बढ़ता रहता है। जीवित भाषा में शब्दों की संख्यावृद्धि एक सतत प्रक्रिया है। यदि कोई पदार्थ या विचार (प्रत्यय) विदेशों से आता है तो विदेशी शब्द साथ में आते हैं…..Read More

वर्ण – Hindi Vyakaran

वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसका खंड न होय जैसे- क् ,प् , ख् , च इत्यादि। ’रानी ’ शब्द की दो ध्वनियाँ है- ’रा ’ और ’नी’। इनके भी चार खंड है- ऱ्आ, ऩ्ई। अब आप यह समझें कि हम इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकङे नहीं कर सकते। इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण का अक्षर होती है। वर्ण वह छोटी-सी ध्वनि है, जिसके टुकङे नहीं किए जा सकते। वर्ण हमारी वाणी की सबसे छोटी इकाई है…..Read More

विराम चिह् – Hindi Vyakaran

विराम का अर्थ रुकना होता है, उसी प्रकार हिंदी व्याकरण में विराम शब्द का अर्थ है – ठहराव या रुक जाना। एक व्यक्ति अपनी बात कहने के लिए, उसे समझाने के लिए, किसी कथन पर बल देने के लिए, आश्चर्य आदि भावों की अभिव्यक्ति के लिए कहीं कम, कहीं अधिक समय के लिए ठहरता है। भाषा के लिखित रूप में कुछ समय ठहरने के स्थान पर जो निश्चित संकेत चिह्न लगाये जाते है, उन्हें विराम-चिह्न कहते है…..Read More

वाच्य – Hindi Grammar

अब बात करें कि वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव किसकी प्रधानता है, वाक्य में इसका पता चलता है, इसे वाच्य कहते है। वाच्य से यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म और भाव में से किसकी प्रधानता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग, वचन तथा पुरुष – कर्ता, कर्म या भाव में से किसके अनुसार है…….Read More

उपसर्ग – Hindi Grammar

उपसर्ग शब्दांश होते है अर्थात यह शब्दो का अंग होते है। वह शब्दांश जो शब्दो के आगे जुड़ कर उसके अर्थ मे परिवर्तन कर देते है या अर्थ मे विशेषता ला देते है अथवा अन्य शब्द बना देते है वह उपसर्ग कहलाते है। उपसर्गों का स्वतंत्र अस्तित्व न होते हुए भी वे अन्य शब्दों के साथ मिलकर उनके एक विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। उपसर्ग शब्द के पहले आते हैं……..Read More

समास – Hindi Grammar

’समास’ का अर्थ है – शब्दों को पास-पास बिठाना, जिससे कम शब्दों का प्रयोग करके अधिक अर्थ प्राप्त किया जा सके। ऐसा करने के लिए पदों में प्रयुक्त विभक्ति चिह्न हटा लिये जाते हैं तथा विग्रह करते समय उन्हीं विभक्ति चिह्नों को पुनः लगा लिया जाता है……Read More

तुकांत शब्द – Hindi Vyakaran

तुकांत शब्द का अर्थ – ’समान तुक वाले शब्द’। वे शब्द जिनके अंत में समान तुक वाले शब्द हो अर्थात् एक समान लय वाले शब्द हो। जिन शब्दों का अंत वाला अक्षर समान होता है उन्हें तुकांत शब्द कहते है। जैसे- ’’राजा-ताजा’’ इसमें ’जा’ शब्द तुकांत शब्द है। इन शब्दों से कविता का आनंद बढ़ जाता है। कविता भूलने की स्थिति में तुकांत के आधार पर कविता तुरंत याद आ जाती है……Read More

Hindi Grammar Class 10

  • वर्ण विचार       🔵 Click Here

 

  • संज्ञा               🔵Click Here

 

  • सर्वनाम           🔵Click Here

 

  • क्रिया              🔵Click Here

 

  • क्रिया विशेषण   🔵Click Here

 

  • वाक्य              🔵Click Here

 

  • पर्यायवाची        🔵Click Here

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  • प्रत्यय              🔵Click Here

 

  • संधि                🔵Click Here

 

 

  • वचन               🔵Click Here

grammar in hindi

 

  • विलोम शब्द      🔵Click Here

 

 

  • विराम चिह्न        🔵Click Here
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  • उपसर्ग             🔵Click Here

 

  • अव्यय              🔵Click Here

 

 

  • वाच्य                 🔵Click Here

 

  • शुद्ध वर्तनी           🔵Click Here

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  • रस                     🔵Click Here

 

  • अलंकार              🔵Click Here

 

  • मुहावरे लोकोक्ति     🔵Click Here

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Hindi Grammar PDF

1-नवीन हिन्दी व्याकरण माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान(New Hindi Grammar Secondary Education Board Rajasthan pdf) के लिए यहाँ क्लिक करें 

2.हिन्दी व्याकरण कामताप्रसाद गुरु ( Kamtaprasad Guru pdf ) यहाँ क्लिक करें 

Hindi-Vyakaran-कामताप्रसाद

3.हिंदी भाषा की ध्वनि व्यवस्था(pdf) यहाँ क्लिक करें 

4. हिन्दी व्याकरण नोट्स 1(pdf) यहाँ क्लिक करें

5.हिंदी व्याकरण डॉक्टर विजयपाल सिंह काशी हिन्दू  विश्वविधालय वाराणसी(free pdf)  यहाँ क्लिक करें 

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Hindi Grammar – FAQ

1.  हिंदी व्याकरण किसे कहते है?

उत्तर  – हिंदी व्याकरण एक भाषा विज्ञान है जो हिंदी भाषा के व्याकरण नियमों, विशेषताओं, और सिद्धांतों का अध्ययन करता है। यह शिक्षा, अध्ययन और उपयोग के लिए हिंदी भाषा की सही और सुव्यवस्थित रूप से बोलने और लिखने के निर्देश देता है।

हिंदी व्याकरण में विभिन्न विषयों को शामिल किया जाता है, जैसे कि शब्द रचना, वाक्य रचना, मुहावरे और लोकोक्तियाँ, संधि, समास, वचन, लिंग, कारक, क्रिया, उपसर्ग, प्रत्यय, आदि। इसका उद्देश्य है भाषा के सटीक और सुगम उपयोग को सुनिश्चित करना और व्यक्ति को भाषा के नियमों का अवगत कराना।

व्याकरण का अध्ययन हिंदी भाषा के सही और सुव्यवस्थित उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह साहित्य, भाषा, संवाद, और रचनात्मक लेखन में सहायक होता है।

2. हिंदी का प्रथम व्याकरण कौन सा है?

उत्तर  –  हिंदी का प्रथम व्याकरण “प्राकृत-प्रकाश” (Prakrit-Prakash) माना जाता है, जो 17वीं सदी में महाकवि उदयराज आले (Udayraj Aale) द्वारा रचित हुआ था। इस ग्रंथ में हिंदी भाषा के व्याकरणिक नियमों का विस्तृत वर्णन है और यह हिंदी के व्याकरण के उन पहलुओं में से एक महत्वपूर्ण है जो भाषा के सुधार और संरचना की दिशा में किए गए थे।

3. व्याकरण का महत्व क्या है?

उत्तर – व्याकरण का महत्व भाषा के सही और सुजीव उपयोग को सुनिश्चित करने में है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक संदेशों को सही रूप से साझा करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां कुछ मुख्य कारण हैं जिनके लिए व्याकरण का महत्व है:

सही संवाद: व्याकरण व्यक्ति को सही रूप से बोलने और लिखने में मदद करता है, जिससे सही संवाद स्थापित होता है।

भाषा का सुधार: व्याकरण भाषा के संरचना में सुधार करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति अच्छी भाषा बोलने और लिखने की क्षमता में सुधार कर सकता है।

शब्दों का सही प्रयोग: व्याकरण व्यक्ति को शब्दों का सही प्रयोग करने में मदद करता है, जिससे उचित अर्थ और संदेश सामाजिक संदर्भ में सही रूप से पहुंचता है।

भाषा की स्वरूप सुरक्षित रखना: व्याकरण भाषा के स्वरूप को सुरक्षित रखने में मदद करता है, जिससे भाषा का सार्थक और स्वच्छ बना रहता है।

साहित्यिक रचनाएं: साहित्य, कविता, कहानियाँ, नाटक, आदि की रचनाएं और उनका आनंद लेने के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है।

विदेशी भाषाओं का अध्ययन: यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य भाषा का अध्ययन कर रहा है, तो उसे उस भाषा के व्याकरण को समझने की आवश्यकता होती है ताकि वह उसे सही रूप से सीख सके।

इन कारणों से हिंदी व्याकरण और अन्य भाषा व्याकरण का महत्व बढ़ता है और व्यक्ति को भाषा में साहित्यिक, सामाजिक, और व्यावसायिक संदेशों को सही रूप से साझा करने में सहायक होता है।

Hindi Vyakaran – FAQ

1. Vyakaran kya hai?

Ans – Vyakaran ek bhasha ke niyam aur tarkik vyavastha ko samjhane ki vidha hai. Isse hum bhasha ka sahi prayog kar sakte hai.

2. Hindi vyakaran kyu mahatvapurna hai?

Ans – Hindi vyakaran hamari bhasha ka mool hai. Iske bina hum sahi tarike se bolne aur likhne me asamarth ho jate hai. Vyakaran ke sahi samajh se hum bhasha ko sundar aur prabhavshali bana sakte hai.

3. Vyakaran kitne prakar ke hote hai?

Ans – Vyakaran do prakar ke hote hai:

  • Swar aur Vyanjan.

Swar vyakaran mein hum shabdon ki uchcharan aur prayog par dhyan dete hai. Vyanjan vyakaran mein hum shabdon ki vyutpatti aur samashti visheshan par dhyan dete hai.

4. Kya vyakaran ka gyan zaruri hai?

Ans – Vyakaran ka gyan zaruri hai kyunki isse hum bhasha ka sahi prayog kar sakte hai. Vyakaran ke bina hum sahi tarike se bolne aur likhne me asamarth ho jate hai.

5. Vyakaran padhne ke liye kya zaruri hai?

Ans – Vyakaran padhne ke liye zaruri hai ki aapko Hindi bhasha ka accha gyan ho aur aapko Hindi vyakaran ke niyam aur tarkik vyavastha ka pata ho.

6. Vyakaran ke niyam kya hai?

Ans – Vyakaran ke niyam bhasha ke sahi prayog ke liye hote hai. Yeh niyam shabdon ki vyutpatti, vyakaran ke tatv, vachan, ling, kaal, sandhi, samas, visheshan, kriya, muhavare, lokoktiyan, anuched likhne adi par dhyan dete hai.

7. Vyakaran sikhne ke liye kya tarike hai?

Ans – Vyakaran sikhne ke liye aap vyakaran ke pustak padh sakte hai, vyakaran ke prashnottar dvara apna gyan badha sakte hai, aur internet par vyakaran se sambandhit video tutorials aur samajhane wale articles padh sakte hai.

8. Vyakaran me sabse jyada pareshani kis vishay par hoti hai?

Ans – Vyakaran me sabse jyada pareshani shabdon ki vyutpatti, vachan, ling, kaal, sandhi, samas, aur kriya par hoti hai. In vishayon ko samajhna aur sahi tarike se prayog karna shuru me mushkil ho sakta hai.

9. Vyakaran ki suvidha kaha se prapt kar sakte hai?

Ans – Vyakaran ki suvidha aap school, college, ya coaching institute se prapt kar sakte hai. Aap vyakaran se sambandhit pustak aur online resources ka upyog kar sakte hai.

10. Vyakaran ko samajhne ke liye kitni mehnat karni padti hai?

Ans – Vyakaran ko samajhne ke liye mehnat karni padti hai. Vyakaran ek niyam aur tarkik vyavastha hai, isliye ise samajhne ke liye niyamit abhyas aur samay dena zaruri hai. Mehnat aur samay lagane se aap vyakaran ko acche se samajh sakte hai.

Hindi Grammar FAQ

What is Hindi grammar?

Ans – Hindi grammar refers to the rules and structures that govern the Hindi language. It includes the study of various aspects such as phonetics, phonology, morphology, syntax, and semantics.

What are the basic components of Hindi grammar?

Ans – The basic components of Hindi grammar include vowels (swar), consonants (vyanjan), matras (diacritical marks), samas (compounds), sandhi (combination of sounds), kriya (verbs), ling (gender), vachan (number), and karak (case).

How many vowels are there in Hindi?

Ans – Hindi has 11 vowels, known as swar. These include अ (a), आ (aa), इ (i), ई (ee), उ (u), ऊ (oo), ऋ (ri), ए (e), ऐ (ai), ओ (o), and औ (au).

How many consonants are there in Hindi?

Ans – Hindi has 33 consonants, known as vyanjan. These include क (ka), ख (kha), ग (ga), घ (gha), ङ (nga), च (cha), छ (chha), ज (ja), झ (jha), ञ (nya), ट (ta), ठ (tha), ड (da), ढ (dha), ण (na), त (ta), थ (tha), द (da), ध (dha), न (na), प (pa), फ (pha), ब (ba), भ (bha), म (ma), य (ya), र (ra), ल (la), व (va), श (sha), ष (sha), स (sa), ह (ha).

What are matras in Hindi grammar?

Ans – Matras are diacritical marks used in Hindi to indicate vowel sounds. There are three matras – swar matra (vowel signs), vyanjan matra (consonant signs), and halant (virama) which is used to form conjunct consonants.

What is a samas in Hindi grammar?

Ans – Samas refers to the compound words in Hindi. It involves combining two or more words to create a new word. There are different types of samas, such as tatpurush samas, karmadharay samas, and dvigu samas.

What is sandhi in Hindi grammar?

Ans – Sandhi is the combination of sounds that occurs when words come together in a sentence. It involves the merging or transformation of sounds at the word boundaries. There are different types of sandhi, such as swar sandhi, vyanjan sandhi, and visarg sandhi.

What are karak in Hindi grammar?

Ans – Karak refers to the case markers used in Hindi grammar. There are eight karak in Hindi – karta (nominative), karma (accusative), karana (instrumental), sampradana (dative), apadana (ablative), sambandha (genitive), adhikaran (locative), and parasmaipada (vocative).

What are ling and vachan in Hindi grammar?

Ans – Ling refers to the gender of nouns in Hindi. There are three genders in Hindi – masculine (pulling), feminine (striling), and neuter (napunsak). Vachan refers to the number of nouns, which can be singular (ek vachan) or plural (bahuvachan).

What is kriya in Hindi grammar?

Ans – Kriya refers to verbs in Hindi grammar. It includes the study of different verb forms, tenses, moods, and voices. Hindi verbs are classified into three main groups – parasmaipadi (active voice), atmanepadi (middle voice), and ubhayapadi (causative voice).

Is Hindi grammar similar to English grammar?

Ans – Hindi grammar and English grammar have some similarities but also many differences. Hindi has a more complex system of noun genders, verb forms, and case markers than English. Additionally, Hindi has postpositions instead of prepositions and uses different word order in sentences.

Where can I learn more about Hindi grammar?

Ans – There are various resources available to learn more about Hindi grammar. You can refer to textbooks, online courses, language learning apps, or consult with a Hindi language tutor. Additionally, there are several websites and forums dedicated to Hindi grammar that provide detailed explanations and exercises.

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