hindi sahitya || हिन्दी कहानी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर || Hindi Story Important question

हिन्दी कहानी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर(Hindi Story Important question)||hindi sahitya ka itihas||hindi sahitya

दोस्तो आज की पोस्ट में हिन्दी कहानी के टॉपिक से संबन्धित 200+ प्रश्नों का संकलन तैयार किया गया है जिसमे से आपको हर exam में question मिलेंगे .. अगर आपको हमारे द्वारा किया गया प्रयास अच्छा लगे तो इस पोस्ट को शेयर जरूर कीजिएगा 

⇒ राजेन्द्र यादव ने इंदुमती पर टेम्पेस्ट (शेक्सपीयर) की छाप सिद्ध करते हुए ’चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी‘ कृत ’उसने कहा था’ कहानी को हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी मानते हैं।

⇒ आचार्य शुक्ल की कहानी 1903 में ’ग्यारह वर्ष का समय’ सरस्वती में प्रकाशित हुई।

⇒ चंद्रिका, इन्दुमती और गुलबहार आदि किशोरीलाल गोस्वामी के प्रमुख कहानी संग्रह है।

⇒ बंग महिला का वास्तविक नाम ’राजेन्द्र बाला घोष’ है।

⇒ चन्द्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा रचित हिन्दी की प्रथम कहानी ’सुखमय जीवन’ हैं।

⇒ प्रेमचन्द पहले नवाब राय के नाम से कथा साहित्य लिखते थे।

⇒ राष्ट्र प्रेम का स्वर प्रबल होने के कारण प्रेमचंद की ’सोजेवतन’ कहानी संग्रह को अंग्रेज सरकार ने जब्त कर लिया था।

⇒ यह प्रेमचन्द कृत ’पंचपरमेश्वर’ कहानी घटना प्रधान कहानी है।

⇒ प्रेमचन्द की अन्तिम कहानी ’कफन’ है।

⇒ मुंशी प्रेमचन्द ने लगभग 300 कहानियाँ लिखी जो मानसरोवर के आठ खण्डों में प्रकाशित हुई।

⇒ जयशंकर प्रसाद की पहली कहानी ग्राम (1911) ’इन्दु’ पत्रिका में प्रकाशित हुई।

⇒ प्रसाद की ’गुण्डा’ कहानी में भारत के इतिहास के ईस्ट इंडिया कम्पनी के युग का चित्रण है।

⇒ ’रक्षाबंधन’ विश्वम्भर नाथ शर्मा कौशिक द्वारा रचित हिन्दी में पहली कहानी है।

⇒ रांगेय राघव ने यथार्थवादी कहानियों के साथ-साथ स्त्री-पुरुष सम्बन्धों को नए दृष्टिकोण से विश्लेषित किया हैं।

⇒ जैनेन्द्र व्यक्ति को केन्द्र मानकर कहानी लिखने वाले कहानीकार है।

⇒ उपेन्द्रनाथ अश्क ने अपनी कहानियों में सामाजिक कुरीतियों और विकृतियों पर व्यग्ंय किया हैं।

⇒ आचार्य चतुरसेन शास्त्री की पहली कहानी ’गृहलक्ष्मी’ है।

⇒ मुस्लिम पात्रों को केन्द्र में रखकर सर्वाधिक कहानी लिखने वाले प्रेमचंद, यशपाल जी है।

⇒ नई कहानी की शुरुआत निर्मल वर्मा के परिंदे से मानी जाती है।

⇒ हिन्दी साहित्य में नई कहानी आन्दोलन के जनक कहानीकार है- मोहन राकेश, राजेन्द्र यादव, कमलेश्वर।

⇒ अकहानी आन्दोलन के बाद ’सचेतन कहानी’ के प्रवर्तक कहानीकार है- महीप सिंह।

⇒ ’सहज कहानी’ के बाद समान्तर कहानी के आन्दोलन को चलाया-कमलेश्वर।

⇒ कमल जोशी कृत ’जीवन चक्र’ अछूतों की समस्या भूमिसुधार, कृषि आन्दोलन, वर्तमान शिक्षा की उद्देश्यहीनता, नैतिक अधःपतन आदि प्रश्नों को लेकर लिखी गई कहानी है।

⇒ रांगेय राघव कृत ’गदल’ राजस्थानी परिवेश में प्रेम की निगूढ़ अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिन्दी की उल्लेखनीय कहानी है।

⇒ कमलेश्वर की कहानी ’भटके हुए लोग’ भारत विभाजन की पृष्ठभूमि में शरणार्थी से सम्बन्धित कहानी है।

⇒ उषा प्रियंवदा द्वारा लिखित ’वापसी’ कहानी में दर्शाया गया है कि सेवा निवृत्त होकर व्यक्ति किस तरह अपने परिवार में फालतू हो जाता है।

⇒ कमलेश्वर की ’बयान’, राजा निरबंसिया राजेन्द्र यादव की ’टूटना’ मन्नू भंडारी की ’यही सच है’ मोहन राकेश की अपरिचित आदि कहानियों में प्रेम और विवाह के कटु-मधुर सम्बन्धों का चित्रण है।

⇒ भीष्म सहानी कृत ’चीफ की दावत’ बदलते हुए पारिवारिक वातावरण के सन्दर्भ में बुजुर्गों की स्थिति का चित्रण किया है।
⇒ इलाचंद्र जोशी की कहानियाँ मनोविज्ञान की दृष्टि से ’केस हिस्ट्री’ सी प्रतीत होती है।

⇒ किशोरीलाल गोस्वामी कृत कहानी ’इंदुमती’ शेक्सपीयर के किस नाटक के आधार पर लिखी गई हैं- ’टेम्पेस्ट’

⇒ लक्ष्मीनारायण लाल ने शिल्पविधि की दृष्टि से हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी किसे माना है ?- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत ’ग्यारह वर्ष का समय’

⇒साहित्य  हिन्दी में ऐतिहासिक कहानियों की परम्परा को किसने जन्म दिया ?- वृंदावनलाल वर्मा

⇒ ’हिन्दी गल्पमाला’ नामक मासिक पत्र का प्रकाशन कब और कहाँ से प्रारम्भ हुआ ? – 1918 में काशी से

⇒ प्रसाद का कहानी-साहित्य में पदार्पण किस पत्रिका के माध्यम से हुआ ?- इंदु

⇒ जैनेन्द्र की पहली कहानी है ?- ’खेल’ (1928, विशाल भारत में प्रकाशित)

⇒ प्रेमचंद की अद्र्धांगिनी शिवरानी देवी की कहानियाँ किसमें संकलित हैं ?- कौमुदी

⇒ ’नई कहानीः सदर्भ और प्रकृति’ पुस्तक के लेखक हैं ?- देवीशंकर अवस्थी

⇒ साहित्य में ’नई कहानी’ आन्दोलन की विवेचना करने वाले प्रमुख आलोचक थे ?- नामवर सिंह, देवीशंकर अवस्थी

⇒ किस कहानीकार की कहानियों को ब्रेन ट्यूमर की कहानियाँ कहा जाता है ?- श्रीकांत वर्मा

⇒हिन्दी साहित्य में  ’सचेतन कहानी’- आन्दोलन के प्रवर्तक थे- महीप सिंह

⇒ ’सचेतन कहानी’ आन्दोलन में प्रमुख कहानीकार हैं ?- कमल जोशी, मधुकर सिंह योगेश गुप्त वेद राही, हिमांशु जोशी आदि

⇒ ’अ-कहानी’ आन्दोलन के प्रमुख कहानीकार हैं- गंगा प्रसाद विमल, जगदीश चतुर्वेदी, रवीन्द्र कालिया, दूधनाथ सिंह, प्रयाग शुक्ल, सुधा अरोङा, ज्ञानरंजन, रमेश बक्षी, श्रीकांत वर्मा, विजय मोहन सिंह, विश्वेश्वर आदि।

⇒ 1912 ई. में इंदु में प्रकाशित भावपूर्ण कहानी ’कानों में कंगना’ के रचनाकार हैं ?- राधिकारमण प्रसाद सिंह

⇒ हिन्दी कहानी का प्रांरभिक रूप किस ग्रंथ में मिलता है ?- गोकुलनाथ कृत ’चैरासी वैष्णवन की वार्ता में ।

⇒ चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कौन-सी कहानी प्रथम विश्वयुद्ध के पृष्ठभूमि में लिखी गई तथा जिसका प्रतिपाद्य अशरीरी (उदात्त) प्रेम हैं ?- उसने कहा था

⇒ कृष्णा सोबती की कौन-सी चर्चित कहानी देश के बँटवारे की त्रासदी पर आधारित है ?- सिक्का बदल गया

⇒ ’नई कहानी की भूमिका’ पुस्तक के लेखक हैं- कमलेश्वर

⇒ फ्रांसीसी साहित्य के ’एंटी स्टोरी’ के अनुकरण पर हिन्दी में किस कहानी आंदोलन का विकास हुआ ? -अ-कहानी

⇒ ’सन् 1938-1942 के बाद ’कहानी’ पत्रिका पुनः प्रकाशन कब शुरू हुआ ?- 1955 से

⇒ समकालीन कहानी: ’दशा और दृष्टि’ के लेखक हैं- धनंजय

⇒ किस महिला कथाकार ने वर्ष 1996 का श्लाका सम्मान विलम्ब से मिलने के कारण ठुकरा दिया था ?- कृष्णा सोबती

⇒ प्रेमचंद युग की प्रमुख महिला कहानीकार हैं- उषादेवी मित्रा, होमवती देवी, सत्यवती मलिक, कमल चैधरी, शिवरानी देवी, सुभद्रा कुमारी चैहान

⇒ नामवर सिंह ने अकहानी आंदोलन का प्रवर्तक निर्मल वर्मा को उनकी कहानी ’एक और शुरुआत’ के आधार पर बताया है।

⇒ विश्वम्भर नाथ शर्मा ’कौशिक’ ने 200 कहानियाँ लिखी हैं।

⇒ द्वितीय विश्वयुद्ध की घटनाओं पर आधारित कहानी संकलन ’संगीनों का साया’ प्रभाकर माचवे की है।

⇒ ’कहानी’ पत्रिका का प्रकाशन 1955 ई. (नामवर सिंह) में हुआ।

⇒ प्रसिद्ध कहानी ’गुलरा के बाबा’ के रचनाकार हैं- मार्कण्डेय

⇒ ’वारेन हेस्टिंग्स का सांड’ कहानी के लेखक हैं ?- उदय प्रकाश

⇒ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने सरस्वती पत्रिका में छपी इंदुमती (1900) को हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी माना है।

⇒ किशोरीलाल गोस्वामी को हिन्दी का प्रथम मौलिक कहानीकार और उपन्यासकार माना है।

⇒ माधवराव सप्रे कृत कहानी ’एक टोकरी भर मिट्ठी’ सन् 1901 में ’छत्तीसगढ़ मित्र’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई जिसे अधिकांश विद्वान हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी मानते हैं।

⇒ साहित्य हिन्दी की पहली महिला कहानीकार ’बंग महिला’ को माना जाता है।

⇒ हिन्दी की पहली वैज्ञानिक कहानी ’चन्द्रलोक की यात्रा’ है।

⇒ सरस्वती, सुदर्शन और इन्दु आधुनिक हिन्दी कहानी की जन्मदात्री पत्रिकाएँ है।

⇒ प्रेमचन्द की पहली कहानी सौत (1915) माना जाता है लेकिन उनकी पहली कहानी ’सांसारिक प्रेम और देश प्रेम’ (1908) है।

⇒ मुंशी प्रेमचन्द उपनाम से लिखी गई पहली कहानी ’ममता’ है।

⇒ प्रेमचन्द की दो बैलों की कथा पराधीनता के विरुद्ध संघर्ष की प्रतीकात्मक कहानी है।

⇒ ’उसने कहा था’ कहानी में फ्लैश बैक की शैली का पहली बार प्रयोग हुआ है।

⇒ रामविलास शर्मा ने मुंशी प्रेमचन्द को कबीर के बाद हिन्दी का सबसे बङा व्यंग्यकार माना हैं।

⇒ प्रसाद ने कुल 69 कहानियाँ लिखी हैं।

⇒ जयशंकर प्रसाद की कहानी ’सन्देश’ दाम्पत्य प्रेम का उज्जवल रूप प्रस्तुत करने वाली कहानी हैं।

⇒ यशपाल जी पूँजीपतियों की शोषक वृत्ति, सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए नए स्वस्थ समाज के निर्माण का आग्रह करने वाल कथाकार हैं।

⇒ प्रसाद जी की प्रारम्भिक कहानियाँ ’इन्दु’ पत्रिका में छपती थीं।

⇒ जैनेन्द्र द्वारा प्रणीत ’दो चिङिया’ मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर व्यक्ति मन की शंकाओं को विश्लेषण करती है।

⇒ श्रीराम शर्मा ने शिकारी जीवन पर कहानियाँ लिखी हैं।

⇒ पाण्डेय बेचनशर्मा उग्र ’प्रकृतिवादी’ कहानीकार हैं।

⇒ नामवर सिंह ने शिवप्रसाद सिंह की कहानी ’दादी माँ’ को पहली नयी कहानी कहा हैं।

⇒ नई कहानी के बाद हिन्दी में अकहानी आन्दोलन की नकल है- अंग्रेजी फ्रेंच की ऐंटी स्टोरी

⇒ ’सचेतन कहानी’ के बाद सहज कहानी आन्दोलन के प्रवर्तक हैं- अमृतराय

⇒ कमलेश्वर ने ’आम आदमी की कहानी’ और समान्तर कहानी आंदोलन चलाया हैं-1974 में सारिका पत्रिका से

⇒ दूधनाथ सिंह की कहानियों में एकाकीपन एवं निवर्सन की भावना अधिक उभर कर आयी है।

⇒ लक्ष्मीनारायण लाल ने जैनेन्द्र को मानव जीवन दर्शन का सबसे बङा कहानीकार कहा है।

⇒ शेखर जोशी की कहानी ’उस्ताद’ औद्योगिक सन्दर्भ में मजूदरों के जीवन का चित्रण करने वाली कहानी है।

⇒ मोहन राकेश की ’मिसपाल’ कमलेश्वर की ’तलाश’ उषा प्रियंवदा की ’छुट्टी का एक दिन’ अमरकान्त की ’जिन्दगी और जोंक’ , टूटे हुए पुरुष’ – नारी की कहानी है।

⇒ ’आधार’ नामक पत्रिका में महीपसिंह ने सचेतन कहानी विशेषांक निकाला।

⇒ 1900 ई. में ’सुदर्शन’ में प्रकाशित कहानी ’मन की चंचलता’ के लेखक थें- माधव प्रसाद मिश्र

⇒ चंद्रधर शर्मा ’गुलेरी’ की प्रसिद्ध कहानियाँ है-3 (उसने कहा था, सुखमय जीवन, बुद्धु का काँटा)

⇒ ’इंदु’ का प्रकाशन कब और कहाँ से प्रारम्भ हुआ ?- 1909 में काशी से

⇒ ’सबसे उत्तम कहानी वह होती है, जिसका आधार किसी मनोवैज्ञानिक सत्य पर हो’ -कथन किसका है ?- प्रेमचंद

⇒ इलाचंद्र जोशी की पहली कहानी है ?- सजनवाँ (1919, ’हिन्दी गल्पमाला’ में प्रकाशित)

⇒ ’चम्पा’ और मधूलिका प्रसाद के किस कहानी की नायिका है ?- ’आकाशदीप’ और पुरस्कार

⇒ ’नई कहानियाँ’ नामक पत्रिका का प्रकाशन कब और कहाँ से प्रारम्भ और इसके संपादक थे ?-क्रमशः 1960 में दिल्ली से, भैरव प्रसाद गुप्त

⇒ ’कहानी- नई कहानी’ पुस्तक के लेखक हैं ?- नामवर सिंह

⇒ ’नई कहानी’ आंदोलन के प्रमुख कहानीकार हैं- मोहन राकेश, राजेन्द्र यादव, कमलेश्वर, मार्कण्डेय, शिवप्रसाद सिंह, निर्मल वर्मा, अमरकांत, ज्ञानरंजन, धर्मवीर भारती, शेखर जोशी आदि।

⇒ ’अ-कहानी’ आंदोलन की प्रतिष्ठा कब हुई ?- 1960-62 के आसपास

⇒ सचेतन कहानी आंदोलन का आरंभ कब से माना जाता हैं?- 1964 ई. में ’आधार’ पत्रिका के ’सचेतन कहानी विशेषांक’ के प्रकाशन से

⇒ सन् 1972 ई. के आस-पास ’सारिका’ के माध्यम से ’समांतर कहानी’ आंदोलन किसने चलाया ?-कमलेश्वर

⇒ पाण्डेय बेचन शर्मा ’उग्र’ के किस कहानी-संग्रह को ब्रिटिश सरकार ने जब्त कर लिया था?- चिनगारियां

⇒ मोहन राकेश कृत ’मलबे का मालिक’ किस विषय पर आधारित है ?- भारत-पाक विभाजन

⇒ ’हिन्दी कहानीः एक अंतरंग परिचय’ पुस्तक के लेखक हैं- उपेन्द्रनाथ ’अश्क’

⇒ लहना सिंह, सूबेदारनी तथा बजीरा सिंह किस विख्यात कहानी के पात्र है- उसने कहा था

⇒ ’हिन्दी-कहानीः पहचान और परख’ पुस्तक के लेखक हैं- इंद्रनाथ मदान

⇒ आजादी के बाद हिन्दी कहानी का पहला पङाव किस आंदोलन के रूप में आया ?- नई कहानी

⇒ ’कहानीः स्वरूप और संवेदना’ पुस्तक के लेखक हैं-राजेन्द्र यादव

⇒ ’नई कहानी’ आंदोलन के दौर में उपेन्द्रनाथ ’अश्क’ द्वारा संपादित किस संकलन में दस नए कथाकारों की चुनी हुई कहानियाँ संकलित हैं ?- संकेत

⇒ ’सक्रिय कहानी’ आंदोलन के प्रमुख कहानीकार हैं- राकेश वत्स, रमेश बतरा, चित्रा मुदग्ल, सच्चिदानंद धूमकेतु, सुरेन्द्र सुकुमार, धीरेन्द्र अस्थाना।

⇒ आजादी के बाद हिन्दी-कहानी आंदोलनों का सही विकास क्रम है- नई कहानी, अकहानी, सचेतन कहानी, समान्तर कहानी, जनवादी कहानी, सक्रिय कहानी।

⇒ ’नई कहानी’ आंदोलन लगभग किस वर्ष आरंभ हुआ ?- 1956 ई.

⇒ सक्रिय कहानी के प्रवर्तक राकेश वत्स है।

⇒ आरसी प्रसाद सिंह ने अपनी कहानियों में काम-भावना एवं यौन-समस्या प्रधान घटनाआंे को चित्रित किया है।

⇒ जी. पी श्रीवास्तव की कहानियाँ हास्य-व्यंग्य प्रधान हैं जो नई कहानी जीवन के प्रति एक नया भाव बोध जगाती है।

⇒ सहज कहानी के प्रवर्तक अमृत राय जी है।

⇒ बंगला कथाकार हरिसाधन मुखोपाध्याय की कहानी ’सेलिम समाबेगम’ की रूपांतरित कहानी है ?- चतुरसेन शास्त्री

कृत ’दुखवा मैं कासो कहूँ मोरी सजनी’।

⇒ अज्ञेय की कहानियों की प्रमुख विशेषता है ?- व्यक्ति का आत्मसंघर्ष

 

⇒साठोत्तरी कहानी को गंगा प्रसाद विमल प्रारम्भ में ’ समकालीन कहानी’ के नाम से पुकारा, किन्तु शीघ्र ही ’अ-कहानी’

की व्याख्या करना आरम्भ कर दिया।

⇒ गंगा प्रसाद विमल ने लिखा है, ’’ ’अ-कहानी’ किसी तरह के मूल्यों की रक्षा करती हुई या आग्रह रखती हुई नहीं चलती है।

उसके लिए पुराने मूल्यों का टूटना कोई महत्त्वपूर्ण बात नहीं है।….

1960 के बाद की कहानी मानव-विश्वास को आदर्श कहानी नहीं है, अपितु वह मनुष्य मस्तिष्क के भीषण संकटबोध की

यथार्थ प्रतीति की कहानी है, जो मानव-पीङन को इसलिए व्यक्त नहीं करती कि वह कोई प्रदर्शनीय प्रसंग है, अपितु वह

यथार्थ का भोग है।’’

⇒ कथाकार मार्कण्डेय ने लिखा है, ’’ नयी कहानी से हमारा मतलब उन कहानियों से है जो सच्चे अर्थों में कलात्मक निर्माण है,

जो जीवन के लिए उपयोगी है और महत्वपूर्ण होने के साथ ही उसके किसी न किसी नए पहलू पर आधारित है।’’

⇒साहित्य में  डाॅ. महीप सिंह के ’आधार’ पत्रिका के ’सचेतन कहानी विशेषांक’ से ’सचेतन कहानी’ आन्दोलन का आरम्भ माना जाता है।

⇒ डाॅ. महीप सिंह ने लिखा है- ’’ सचेतन एक दृष्टि है जिसमें जीवन जीया भी जाता है और जाना भी जाता है।’’

⇒ सहज कहानी के सम्बन्ध में अमृतराय ने लिखा है, ’’कहानी का लक्ष्य अपने कहानीपन को न खोकर जीवन की प्रस्तुति

सहज रूप में करते हुए जीवन के कटु सत्यों और व्यवस्था की भ्रष्टता को उजागर करना है।’’

⇒ अमृतराय ने ’सहज कहानी’ आन्दोलन ’नयी कहानियाँ’ पत्रिका से आरम्भ किया।

⇒ कमलेश्वर ने अकहानीकारों के भोगवादी प्रवृत्ति का विरोध करते हुए ’धर्मयुग’ में ’अय्याश प्रेतों का विद्रोह’ शीर्षक से

एक लेख प्रकाशित करवाया।

⇒साहित्य में  ’समान्तर कहानी’ आन्दोलन में ’आम आदमी’ को प्रतिष्ठित करने पर बल दिया जाता है।

⇒ ’समान्तर कहानी’ आन्दोलन का सूत्रपात ’सारिका’ पत्रिका के माध्यम से हुआ।

⇒साहित्य में  राकेश वत्स ने ’मंच’ पत्रिका द्वारा ’सक्रिय कहानी’ का प्रवर्तन किया।

⇒ राकेश वत्स ने लिखा है, ’’सक्रिय कहानी का सीधा और स्पष्ट मतलब है कि चेतनात्मक ऊर्जा और जीवन्तता की कहानी।’’

⇒ ’जनवादी कहानी’ आन्दोलन का सूत्रपात दिल्ली में जनवादी लेखक संघ के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन के साथ हुआ।

⇒ वैचारिक धरातल पर जनवादी कहानी मार्क्सवाद को आधार बनाकर चलती है। इसमें मुख्यतः किसानों-मजदूरों ,

पीङितों दलितों और असहायों का जीवन-संघर्ष चित्रित किया जाता है।

⇒ नामवर सिंह ने ’परिंदे’ को हिन्दी की पहली कहानी माना है।

⇒साहित्य में  नामवर सिंह ने लिखा है, ’परिंदे’ की लतिका की समस्या स्वतन्त्रता या मुक्ति की समस्या है। अतीत से मुक्ति,

स्मृति से मुक्ति, उस चीज से मुक्ति ’जो हमें चलाए चलती है और अपने रेले में घसीट ले जाती हैं।’

सारी कहानी इस मुक्ति की पीङा की मार्मिक अभिव्यंजना है।….. मुक्ति का यह क्षण जिसमें मनुष्य स्वयं अपना

साक्षी हो जाती है, निर्मल की अनेक कहानियों का आलोक केन्द्र है।’

हिंदी की प्रसिद्ध कहानियों के पात्र

लहना सिंह, सूबेदारनी, सूबेदार हजारा सिंह, बोधा, वजीरा सिंह ,कीरत सिंह,⇒⇒उसने कहा था
♦अरुण ,मधुलिका, कौशल नरेश, सेनापति ⇒⇒पुरस्कार
♦ हीरामन ,हीराबाई ⇒⇒तीसरी कसम

♦बिरजू ,मां ,चंपिया ,जंगी की पतोहू ,⇒⇒लाल पान की बेगम
♦ मोहना, मिर्दांगिया⇒⇒ रसप्रिया
♦ गदल, निहाल ,नारायण,⇒⇒ गदल

♦मिस्टर शामनाथ, बूढ़ी मां, पत्नी⇒⇒ चीफ की दावत
♦प्रकाश, बीना, निर्मला, बच्चा ⇒⇒एक और जिंदगी
♦ वचन ,लाली, बिन्नी, ⇒⇒ आर्द्रा
♦लतिका ,डॉक्टर मुखर्जी ,मिस्टर ह्यूबर्ट, गिरीश फादर एलमेंड ,मिस वुड ⇒⇒परिंदे
♦ पति ,सीता ,संध्या ⇒⇒एक पति के नोट्स
♦शनिचरी, प्रधान दरोगा ,लीडर⇒⇒ कसाईबाड़ा
♦ रजुआ ,शिवनाथ बाबू, शनिचरी देवी,⇒⇒ जिंदगी और जोंक
♦लक्ष्मी ,गोविंद ,लाला रूपाराम, रामस्वरूप⇒⇒ जहां लक्ष्मी कैद है
♦हामिद ,अमीना, मोहसीन, सम्मी,नूरे, महमूद⇒⇒ ईदगाह
♦ जुम्मन शेख, अलगू चौधरी,⇒⇒ पंच परमेश्वर
♦कैलाश, डॉक्टर चड्ढा⇒⇒ मंत्र
♦ मिर्जा, सज्जाद अली ,मीर ,बेगम⇒⇒ शतरंज के खिलाड़ी
♦जोखू,जंगी, ठाकुर ⇒⇒ठाकुर का कुआं
♦वंशीधर, पंडित अलोपीदीन,⇒⇒ नमक का दारोगा
♦ हल्कू, मुन्नी, जवरा⇒⇒ पूस की रात
♦ बेनी माधव सिंह, श्रीकंठ, लाल बिहारी, आनंदी⇒⇒ बड़े घर की बेटी
दुखी चमार, झुरिया ,पंडित घासीराम⇒⇒ सद्गति
♦सुजान महतो ,बुलाकी ,भोला⇒⇒ सुजान भगत
♦झूरी ,हीरा, मोती⇒⇒ दो बैलों की कथा
♦माधव घीसू ⇒⇒कफन
♦बलवंत ⇒⇒रसिया बालम

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