नाट्यशास्त्र

भारतीय काव्यशास्त्री और उनका जीवन परिचय

भारतीय काव्यशास्त्री एवं उनकी कालजयी कृतियां 1. भरतमुनि (  2 शती ई॰ पूर्व से 3 शती ई॰ पू॰ के बीच ) कालजयी कृति :  नाट्यशास्त्र (नाट्यविधानों का अमर विश्वकोश) रस-सम्प्रदाय के प्रवर्तक तत्र विभावानुभावव्यभिचारी संयोगात्द्रस-निष्पत्ति। —नाट्यशास्त्र, भरतमुनि भवति जगति योग्यं नाटकं प्रेक्षकाणम्। —नाट्यशास्त्र   2. भामह  (छठी शती का मध्यकाल)   कालजयी कृति : काव्यालंकार  …

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काव्य गुण – प्रसाद, ओज, माधुर्य | Kavya Gun

काव्य गुण

आज के आर्टिकल में हम काव्य गुण का अर्थ(Kavya Gun kya hota hai) , काव्य गुण की परिभाषा(Kavya gun ki Paribhasha) और काव्य गुण के भेद(Kavya gun ke Bhed) को विस्तार से पढेंगे। काव्य गुण – Kavy Gun परिभाषा :  जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में शूरवीरता, सच्चरित्रता, उदारता, करुणा, परोपकार आदि मानवीय गुण होते …

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