रीतिकाल

रीतिकाल की पृष्ठभूमि || Ritikaal ki prsthbhumi || hindi sahitya

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रीतिकाल की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि भाषा साहित्य के निर्माण में युगीन वातावरण का विशेष योगदान होता है। प्रत्येक युग का वातावरण राजनीति, समाज, संस्कृति और कला के मूल्यों द्वारा निर्मित होता है, इसलिए युग विशेष के साहित्य के अध्ययन के लिए तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का ज्ञान होना आवश्यक है। रीतिकाल की पृष्ठभूमि के …

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भूषण || रीतिकाल कवि || हिंदी साहित्य

भूषण कवि

आज के आर्टिकल में रीतिकाल के महत्त्वपूर्ण कवि ’भूषण’ से सम्बन्धित जानकारी दी गयी है। यह परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण साबित होगा। भूषण (सं 1670-1772)⇒ ये कानपुर के समीपवर्ती तिकवांपुर(उत्तरप्रदेश) नामक स्थान पर रत्नाकर त्रिपाठी के घर संवत् 1670 (1613ई.) को जन्में। ये प्रसिद्ध कवि चिंतामणि और मतिराम के भाई कहे जाते हैं। भूषण(Bhushan …

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रीतिमुक्त काव्य की विशेषताएँ || रीतिकाल || hindi sahitya

दोस्तों आज हम रीतिकाल काव्यधारा में हम रीतिमुक्त काव्य की विशेषताएँ पढेंगे ,जिसके बारे में आपको जानना बहुत जरुरी है रीतिमुक्त काव्य की सामान्य विशेषताएँ  भावावेग काव्य – रीतिमुक्त पद्धति के कवियों और इनकी काव्य-प्रवृत्तियाँ का जो परिचय यहां प्रस्तुत किया गया है उसके समन्वित आकलन से रीतिकालीन स्वच्छंद काव्यधारा का यह स्वरूप स्थिर होता …

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रीतिबद्ध काव्य धारा सम्पूर्ण

रीतिबद्ध काव्य धारा

दोस्तो आज हम रीतिकाल की रीतिबद्ध काव्य धारा सम्पूर्ण के बारे मे विस्तृत से जानेगे ताकि हमारा ये टॉपिक अच्छे से क्लियर हो सके रीतिबद्ध काव्य धारा सम्पूर्ण हिन्दी साहित्य  भूषण  भूषण ( १६१३-१७०५ ) रीतिकाल के तीन प्रमुख कवियों बिहारी , केशव और भूषण में से एक हैं। हिंदी साहित्य योजना से जुड़ें  ⇒  …

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