• Home
  • PDF Notes
  • Videos
  • रीतिकाल
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • आर्टिकल

हिंदी साहित्य चैनल

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • PDF NOTES
  • VIDEOS
  • कहानियाँ
  • व्याकरण
  • रीतिकाल
  • हिंदी लेखक
  • कविताएँ
  • Web Stories

वाक्य रचना अन्वय || हिंदी व्याकरण || Hindi Grammar

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:27th Apr, 2022| Comments: 0

Tweet
Share19
Pin
Share
19 Shares

आज की पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण के अंतर्गत वाक्य रचना में अन्वय के बारे में जानेंगे ,आप इस टॉपिक को अच्छे से क्लियर करें |

वाक्य रचना में अन्वय

जिस पद्धति द्वारा लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष के अनुसार वाक्य में प्रयुक्त विभिन्न पदों का एक-दूसरे के साथ अन्वय या मेल दिखाया जाता है उसे ’अन्वय’ कहते हैं। यह अन्वय मुख्यतः चार प्रकार से होता है –

  • कर्ता और क्रिया का अन्वय
  • कर्म और क्रिया का अन्वय
  • संज्ञा और सर्वनाम का अन्वय
  • विशेषण और विशेष्य का अन्वय

1. कर्ता और क्रिया का अन्वय –

Table of Contents

  • 1. कर्ता और क्रिया का अन्वय –
  • उदाहरण –
  • अन्य अन्वय
  • उदाहरण –
  • 2. कर्म और क्रिया का अन्वय –
  • उदाहरण –
  • उदाहरण –
  • 3. संज्ञा और सर्वनाम का अन्वय –
  • 4. विशेषण और विशेष्य का अन्वय –
    • कुछ अन्य बातें –
  • महत्त्वपूर्ण लिंक :

(क) यदि वाक्य में कर्ता का ’ने’ चिह्न प्रकट हो और कर्म के साथ ’को’ चिह्न आया हो या कर्म का प्रयोग ही न हो तो क्रिया सदा अन्यपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग रहती है। जैसे – उसने राम को देखा, सीता ने कहा। पहले वाक्य में कर्म के साथ ’को’ चिह्न आया है और दूसरे में कर्म का प्रयोग नहीं है।

(ख) यदि वाक्य में कर्ता के साथ ’ने’ चिह्न रहने पर कर्म के साथ ’को’ चिह्न न हो या ’को’ के अर्थ से युक्त सर्वनाम के ’उसे’, ’मुझे’ आदि रूप न हों तो क्रिया कर्म के लिंग, वचन, पुरुष के अनुसार होती है। जैसे – उसने आम खाया, मैंने रोटी खायी, उसने फल देखे हैं, आदि।

(ग) यदि वाक्य में कर्ता कई हों तो क्रिया बहुवचन में होती है। लिंग कर्ता के अनुसार ही रहता है। जैसे – राम और श्याम आते हैं। सीता और राधा खेलती है।

(घ) यदि वाक्य में कई कर्ता हों, परंतु वे एक ही अर्थ को प्रकट करते हों तो क्रिया एकवचन में ही होती है। जैसे – मुझे दुःख और क्षोभ हुआ।

(च) यदि वाक्य में एक से अधिक प्राणिवाचक संज्ञाओं के कर्ता का एकवचन में प्रयोग हो, परंतु उनके लिंग परस्पर भिन्न हों तो कर्ता के साथ आनेवाली क्रिया बहुधा एकवचन और पुल्लिंग होती है।

उदाहरण –

दुष्यन्त और शकुन्तला आ रहे हैं। राम लक्ष्मण और सीता शिला पर बैठे हैं। कुत्ता और बिल्ली बैठे हैं।

(छ) यदि वाक्य में दोनों लिंगों और वचनों के अनेक चिह्नरहित कर्ता हों और अंतिम कर्ता के पूर्व ’और’ आदि संयोजक हो तो क्रिया बहुवचन में प्रयुक्त होगी तथा लिंग अंतिम कर्ता के अनुसार होगा। जैसे – एक लङका, तीन बूढ़े और बहुत-सी लङकियाँ आती हैं। एक भैंस, चार गायें और बहुत-से घोङे मैदान में चरते हैं।

(ज) यदि वाक्य में अनेक चिह्नरहित कर्ताओं के बीच ’या’ अथवा ’वा’ जैसे विभाजक समुच्चयवाचक अव्यय हों तो अंतिम कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार क्रिया प्रयुक्त होगी। जैसे – दो कम्बल या एक चादर बिकेगी। रामू के दो कम्बल या चार दरियाँ बिकेंगी। उसकी गाय या बैल बिकेगा।

(झ) वाक्य में क्रियार्थक संज्ञा की क्रिया सदा एकवचन, पुल्लिंग और अन्यपुरुष में प्रयुक्त होती है। जैसे – उसका हँसना बुरा लगा। तुम्हारा गाना अच्छा लगा।

(ट) यदि वाक्य में ’आप’ का कर्ता के रूप में प्रयोग हो तो क्रिया बहुवचन में और ’आप’ के लिंग के अनुसार ही रहेगी। जैसे – आप पढ़ते हैं। आप देखती है।

(ठ) यदि वाक्य में चिह्नरहित आदरणीय कर्ता एकवचन में आये तो आदर व्यक्त करने के लिए उसकी क्रिया बहुवचन में प्रयुक्त होती है। जैसे – वह विद्यालय आएँगे। श्री मार्तंडजी आज बनारस जाएँगे।

अन्य अन्वय

(ड) यदि वाक्य में ईश्वर-वाचक शब्द कर्ता के रूप में आया हो तो क्रिया का प्रयोग एकवचन में होता है। जैसे – उसने धोखा नहीं दिया – ईश्वर ही साक्षी है। ईश्वर, तू ही मेरा सहारा। भगवान जाने क्या होनेवाला है।

(ढ) यदि वाक्य में आँसू, दर्शन, प्राण, अक्षत, हस्ताक्षर, ओठ आदि आये हों तो क्रिया का प्रयोग बहुवचन में पाया जाता है। जैसे – राम की आँखों से आँसू टपक पङे।

(त) यदि वाक्य में कर्ता या कर्म का जिसके अनुसार क्रिया के लिंग या वचन का प्रयोग होता है – लिंग स्पष्ट न हो तो क्रिया सदा पुल्लिंग एकवचन में प्रयुक्त होती है। जैसे – वेदों में लिखा है। गरीबों की पुकार यहाँ कौन सुनेगा?

(ध) वाक्य में मुख्य कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार ही क्रिया के लिंग और वचन होते हैं, विधेय के रूप में प्रयुक्त अप्रधान कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार नहीं।

उदाहरण –

कोयला राख बन गया, आँसू बन गये मोती, लङकी सूखकर काँटा हो गयी, लङका सूखकर काठ हो गया, वाराणसी प्राचीनकाल से संस्कृति का केन्द्र रही है, कभी कलकत्ता भारत की राजधानी था।

(द) यदि वाक्य में भिन्न-भिन्न लिंग-वचन की एक से अधिक संज्ञाएँ प्रत्ययरहित कर्ता बनकर आएँ तो क्रिया के लिंग-वचन अंतिम कर्ता के अनुसार होंगे। जैसे – राजा और प्रजा उनके गुणों को अच्छी तरह जानती है, रावण के दस सिर और बीस भुजाएँ थीं, आलमारी में रजिस्टर और डायरी नहीं मिलेगी, हवा के झकोरे और वर्षा की बूँदें बङी सुहानी लग रही थीं, शूर्पणखा की नाक और कान काटे गये।

(ध) यदि एक ही वाक्य में तीनों पुरुष (उत्तम, मध्यम, अन्य) कर्ता हों, तो क्रिया उत्तम पुरुष के अनुसार होगी। जैसे – वह तुम और मैं पढूँगा। तुम और हम चलेंगे।
यदि मध्यमपुरुष और अन्यपुरुष के कर्ता एक साथ हों तो क्रिया मध्यमपुरुष के अनुसार होगी। जैसे – तू और वह अवश्य आना।

2. कर्म और क्रिया का अन्वय –

(क) यदि कर्ता ’ने’ विभक्ति के साथ हो और कर्म की ’को’ विभक्ति लुप्त हो तो उसकी क्रिया कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार ही होगी। जैसे – मोहन ने पुस्तक पढ़ी, सीता ने आम खाया, मैंने पैसे लिये, तुमने भिक्षा माँगी, रमेश ने चार नारंगियाँ खरीदीं।

(ख) यदि कर्ता ’ने’ विभक्ति के साथ और कर्म ’को’ विभक्ति के साथ हो तो क्रिया सर्वदा एकवचन, पुल्लिंग तथा अन्यपुरुष में होगी। जैसे – मैंने राधा को खिलाया, तुमने किसको देखा, बच्ची ने बच्चे को मार दिया।

(ग) यदि विभक्तियुक्त कर्ता के साथ कर्म से लगी किसी क्रियासार्थक संज्ञा का प्रयोग हो तो क्रिया सर्वदा पुल्लिंग, एकवचन तथा अन्य पुरुष में होगी। जैसे – तुम्हें सितारा बजाना नहीं आता, मुझे रसोई बनाना नहीं आता, मंजु को नाव चलाना नहीं आता।

(घ) यदि एक ही लिंग और एकवचन ही अनेक प्राणिवाचक संज्ञाएँ प्रत्ययहीन कर्मकारक के रूप में प्रयुक्त हों तो क्रिया अंतिम के लिंग और बहुवचन में होती है। जैसे – उन्होंने गाय और भैंस खरीदीं, उस भाग्यवान से नाती और पोते देेखे, हमने चीता और भेङिया देखे, तुमने हाथी और बैल मोल लिए।

(च) यदि एक ही लिंग और एकवचन की अनेक प्राणिवाचक संज्ञाएँ विभक्तिरहित कर्म के रूप में प्रयुक्त हों और उनसे पार्थक्य का भान होता हो तो क्रिया एकवचन में आयेगी।

उदाहरण –

तुमने एक घोङा और एक बैल बेचा, बूढ़े ने नाती और पोता देखा, उसने एक गाय और एक भैंस खरीदी।

(छ) यदि एक ही लिंग की एकवचन अप्राणिवाचक संज्ञाएँ या भाववाचक संज्ञाएँ विभक्तिरहित कर्म के रूप में प्रयुक्त हों तो क्रिया एकवचन में रहेगी। जैसे – उसने झोली से ग्लास और लोटा निकाला, मोहन ने बक्स में सूई और कैंची रख दी, उसने इस विपत्ति में धीरज और साहस दिखाया।

(ज) यदि भिन्न-भिन्न लिंगों की प्राणिवाचक या अप्राणिवाचक संज्ञाएँ एकवचन में आकार विभक्तिरहित कर्म के रूप में प्रयुक्त हों तो क्रिया एकवचन में रहेगी। जैसे – उसने लङका और लङकी देखे, किसान ने बछङा और गाय बेचे, राजा ने सेवक और सेविका भेजे, तुमने मिठाई और पापङ खाये, उसने भात और दाल खिलाये।

(झ) यदि भिन्न-भिन्न लिंगों और वचनों की अनेक संज्ञाएँ विभक्तिरहित कर्मकारक के रूप में प्रयुक्त हों तो क्रिया अंतिम कर्म के अनुसार ही होगी।

उदाहरण –

दर्जी ने कमीजें और पाजामे तैयार किये। उसने अपने पास संतरे, मौसमियाँ, केले और शराब रख ली। उसकी आलमारी में अनेक ग्रन्थ, फाइलें और डायरियाँ रखी हुई हैं।

(ट) यदि अनेक संज्ञाएँ विभक्तिरहित कर्म कारक के रूप में प्रयुक्त होकर एक ही व्यक्ति या वस्तु का बोध करायें तो क्रिया एकवचन में रहती है। जैसे – मैंने उसे एक अच्छा मित्र और सहयोगी पाया। लङकी ने ’धरती की बेटी’ पढ़ी। क्या तुमने ’सागर, लहरें और मनुष्य’ पढ़ी?

(ठ) यदि दो कर्मों का प्रयोग हो तो क्रिया प्रधान कर्म के अनुसार होती है। जैसे – मैंने मोहन को एक नारंगी दी। उसने सीता को एक आम दिया। यदु ने राधा को तीन संतरे दिये।

(ड) यदि विभक्तिरहित कर्मों का कोई समानाधिकरण शब्द प्रयुक्त हो तो क्रिया समानाधिकरण शब्द के अनुसार ही होती है। जैसे – उसने धन, मान, कीर्ति -सब-कुछ पाया। श्रीराम ने घर-बार, धन-संपत्ति, ऐश-आराम-सब-कुछ त्याग दिया।

(ढ) यदि विभक्तिरहित कर्म विभाजक अव्यय द्वारा जुङे हो तो क्रिया अंतिम कर्म के अनुसार होती है। जैसे – तुमने धोती या कुत्र्ता लिया होगा। बच्चे ने कागज या कलम पायी थी।

3. संज्ञा और सर्वनाम का अन्वय –

(क) वाक्य में संज्ञा के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार ही सर्वनाम के लिंग, वचन और पुरुष होते हैं। जैसे – बच्चों ने कहा कि हम भी बाजार जाएँगे। श्याम ने कहा कि मैं भी पढूँगा।

(ख) यदि वाक्य में अनेक संज्ञाओं के बदले एक ही सर्वनाम प्रयुक्त हो तो उसके लिंग और वचन संज्ञाओं के लिंग और वचन के अनुसार ही होंगे। जैसे – बालमुकुन्द और नरेश घर गये हैं, एक सप्ताह के बाद ही वे लौटेंगे। अभी-अभी महेन्द्र यहाँ था, पता नहीं वह कहाँ चला गया। शुभ्रा और सुधा अभी तो पढ़ ही रही थीं, कह नहीं सकता वे कहाँ चली गयीं।

4. विशेषण और विशेष्य का अन्वय –

(क) विशेषण का लिंग और वचन हमेशा विशेष्य के अनुसार होता है। जैसे – वह मोटा लङका है। वह नाटी लङकी है।

(ख) यदि वाक्य में कर्म का चिह्न प्रकट रहे, तो उसका विधेय-विशेषण एकवचन पुल्लिंग में रहता है। जैसे – उसने छङी सीधी की। उसने छङी को सीधा किया।

(ग) यदि वाक्य में एक विशेष्य के कई विशेषण हों, तो विशेषण विशेष्य के अनुसार होते हैं। जैसे – काले घने बाल। नीली, पीली तितलियाँ।

(घ) यदि वाक्य में एक विशेषण के कोई विशेष्य हों तो विशेषण प्रथम विशेष्य के अनुसार ही होता है। जैसे- बङे-बङे लङके और लङकियाँ। मोटी-मोटी भैसें और बैल।

कुछ अन्य बातें –

(क) यदि अकर्मक क्रिया का उद्देश्य चिह्नयुक्त हो, तो क्रिया सदा पुल्लिंग एकवचन और अन्यपुरुष में रहती है। जैसे – लङकी से तैरा नहीं जाता। रोगी से चला नहीं जाता।

(ख) यदि दो या उससे अधिक समानाधिकरण वाक्य ’और’ से जुङे हों और भिन्न रूपों में कर्ताकारक आए, तो प्रायः पिछले कर्ताकारक का अध्याहार यथानियम चलता है।

जैसे -मैंने नौकरी छोङ दी है और दर्शन का अध्ययन करने लगा हूँ। मैं अनेक देशों की यात्रा कर चुका हूँ, पर गंगा जैसी नदी कहीं नहीं देखी। यहाँ पहले वाक्य के ’दर्शनशास्त्र का अध्ययन करने लगा हूँ’ खंड में ’मैं’ कर्ता का और दूसरे वाक्य के ’कहीं नहीं देखी’ खंड में ’मैंने’ कर्ता का अध्याहार होगा।

महत्त्वपूर्ण लिंक :

सूक्ष्म शिक्षण विधि    🔷 पत्र लेखन      

  🔷प्रेमचंद कहानी सम्पूर्ण पीडीऍफ़    🔷प्रयोजना विधि 

🔷 सुमित्रानंदन जीवन परिचय    🔷मनोविज्ञान सिद्धांत

🔹रस के भेद  🔷हिंदी साहित्य पीडीऍफ़  

🔷शिक्षण कौशल  🔷लिंग (हिंदी व्याकरण)🔷 

🔹सूर्यकांत त्रिपाठी निराला  🔷कबीर जीवन परिचय  🔷हिंदी व्याकरण पीडीऍफ़    🔷 महादेवी वर्मा

  • साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 
Tweet
Share19
Pin
Share
19 Shares
Previous Post
Next Post

Reader Interactions

ये भी पढ़ें

  • My 11 Circle Download – Latest Version App, Apk , Login, Register

    My 11 Circle Download – Latest Version App, Apk , Login, Register

  • First Grade Hindi Solved Paper 2022 – Answer Key, Download PDF

    First Grade Hindi Solved Paper 2022 – Answer Key, Download PDF

  • Ballebaazi App Download – Latest Version Apk, Login, Register, Fantasy Game

    Ballebaazi App Download – Latest Version Apk, Login, Register, Fantasy Game

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Subscribe Us Now On Youtube

Search

सम्पूर्ण हिंदी साहित्य पीडीऍफ़ नोट्स और 5000 वस्तुनिष्ठ प्रश्न मात्र 100रु

सैकंड ग्रेड हिंदी कोर्स जॉइन करें

ट्विटर के नए सीईओ

टेलीग्राम चैनल जॉइन करें

Recent Posts

  • द्वन्द्व समास – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Dwand samas
  • द्विगु समास – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Dvigu Samas
  • NTA UGC NET Hindi Paper 2022 – Download | यूजीसी नेट हिंदी हल प्रश्न पत्र
  • My 11 Circle Download – Latest Version App, Apk , Login, Register
  • First Grade Hindi Solved Paper 2022 – Answer Key, Download PDF
  • Ballebaazi App Download – Latest Version Apk, Login, Register, Fantasy Game
  • कर्मधारय समास – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Karmadharaya Samas
  • Rush Apk Download – Latest Version App, Login, Register
  • AJIO App Download – Latest Version Apk, Login, Register
  • अव्ययीभाव समास – परिभाषा, भेद और उदाहरण || Avyayibhav Samas

Categories

  • All Hindi Sahitya Old Paper
  • App Review
  • General Knowledge
  • Hindi Literature Pdf
  • hindi sahitya question
  • Motivational Stories
  • NET/JRF टेस्ट सीरीज़ पेपर
  • NTA (UGC) NET hindi Study Material
  • Uncategorized
  • आधुनिक काल साहित्य
  • आलोचना
  • उपन्यास
  • कवि लेखक परिचय
  • कविता
  • कहानी लेखन
  • काव्यशास्त्र
  • कृष्णकाव्य धारा
  • छायावाद
  • दलित साहित्य
  • नाटक
  • प्रयोगवाद
  • मनोविज्ञान महत्वपूर्ण
  • रामकाव्य धारा
  • रीतिकाल
  • रीतिकाल प्रश्नोत्तर सीरीज़
  • विलोम शब्द
  • व्याकरण
  • शब्दशक्ति
  • संतकाव्य धारा
  • संधि
  • समास
  • साहित्य पुरस्कार
  • सुफीकाव्य धारा
  • हालावाद
  • हिंदी डायरी
  • हिंदी पाठ प्रश्नोत्तर
  • हिंदी साहित्य
  • हिंदी साहित्य क्विज प्रश्नोतर
  • हिंदी साहित्य ट्रिक्स
  • हिन्दी एकांकी
  • हिन्दी जीवनियाँ
  • हिन्दी निबन्ध
  • हिन्दी रिपोर्ताज
  • हिन्दी शिक्षण विधियाँ
  • हिन्दी साहित्य आदिकाल

हमारा यूट्यूब चैनल देखें

Best Article

  • बेहतरीन मोटिवेशनल सुविचार
  • बेहतरीन हिंदी कहानियाँ
  • हिंदी वर्णमाला
  • हिंदी वर्णमाला चित्र सहित
  • मैथिलीशरण गुप्त
  • सुमित्रानंदन पन्त
  • महादेवी वर्मा
  • हरिवंशराय बच्चन
  • कबीरदास
  • तुलसीदास

Popular Posts

Net Jrf Hindi december 2019 Modal Test Paper उत्तरमाला सहित
आचार्य रामचंद्र शुक्ल || जीवन परिचय || Hindi Sahitya
तुलसीदास का जीवन परिचय || Tulsidas ka jeevan parichay
रामधारी सिंह दिनकर – Ramdhari Singh Dinkar || हिन्दी साहित्य
Ugc Net hindi answer key june 2019 || हल प्रश्न पत्र जून 2019
Sumitranandan pant || सुमित्रानंदन पंत कृतित्व
Suryakant Tripathi Nirala || सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

Footer

हिंदी व्याकरण

 वर्ण विचार
 संज्ञा
 सर्वनाम
 क्रिया
 वाक्य
 पर्यायवाची
 समास
 प्रत्यय
 संधि
 विशेषण
 विलोम शब्द
 काल
 विराम चिह्न
 उपसर्ग
 अव्यय
 कारक
 वाच्य
 शुद्ध वर्तनी
 रस
 अलंकार
 मुहावरे लोकोक्ति

कवि लेखक परिचय

 जयशंकर प्रसाद
 कबीर
 तुलसीदास
 सुमित्रानंदन पंत
 रामधारी सिंह दिनकर
 बिहारी
 महादेवी वर्मा
 देव
 मीराबाई
 बोधा
 आलम कवि
 धर्मवीर भारती
मतिराम
 रमणिका गुप्ता
 रामवृक्ष बेनीपुरी
 विष्णु प्रभाकर
 मन्नू भंडारी
 गजानन माधव मुक्तिबोध
 सुभद्रा कुमारी चौहान
 राहुल सांकृत्यायन
 कुंवर नारायण

कविता

 पथिक
 छाया मत छूना
 मेघ आए
 चन्द्रगहना से लौटती बेर
 पूजन
 कैदी और कोकिला
 यह दंतुरित मुस्कान
 कविता के बहाने
 बात सीधी थी पर
 कैमरे में बन्द अपाहिज
 भारत माता
 संध्या के बाद
 कार्नेलिया का गीत
 देवसेना का गीत
 भिक्षुक
 आत्मकथ्य
 बादल को घिरते देखा है
 गीत-फरोश
Copyright ©2020 HindiSahity.Com Sitemap Privacy Policy Disclaimer Contact Us