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हिंदी साहित्य ट्रिक्स

Ritibadhy kavi tricks || रीतिबद्ध कवि ट्रिक्स || हिंदी साहित्य

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:6th Oct, 2019 | 795 View

Ritibadhy kavi tricks || रीतिबद्ध कवि ट्रिक्स || हिंदी साहित्य

दोस्तो आज आपके लिए हिंदी साहित्य में रीतिबद्ध कवियों की ट्रिक्स(Ritibadhy kavi tricks) तैयार की है जो कि आपको इन कवियों के जन्मकाल के सन याद करवा देगी ,अगर आपको हमारी कोशिश अच्छी लगे तो शेयर जरुर करें ,जल्द ही नई ट्रिक्स ले कर आते रहेंगे

आप जानते होंगे कि रीतिकाल को तीन भागो में बांटा गया है – रीतिबद्ध ,रीतिसिद्ध रीतिमुक्त 

रीतिबद्ध कवि ट्रिक्सः

केशवदास 1555ई.-1617 ई.       पंचो-पंचो की जरूरत नहीं केश से होगा—– पंचो-पंचो(55)

चिन्तामणि 1609-1685 ई.        नो(NO) चिन्ता नो टेंशन– नो से 09

भूषण 1613-1715 ई.             तेरा भाषण — तेरा से 13

मतिराम 1616 ई.                   16 साल की उम्र में मति भ्रष्ट –16

जसवंत सिंह 1626 ई.-1688 ई.   तेरे जस(यश) की छवि सी –छवि से 26

देव 1673 ई.-1767 ई.            तिरे तर हो जावो देव में — तिरे तर(73)

रसलीन 1699 ई.-1750 ई.       अगर रस में लीन रहे तो 99 का चक्कर—

गोप 1716 ई.                       16 साल में गप

पद्माकर 1753 ई.- 1833 ई.     तिरे पनघट पर पद्म(कमल) — तिरे पन (53)

ग्वाल 1791 ई.- 1898 ई.        इक कान में ग्वाल पुकारे—- इक कान वे (91)

 

दोस्तो अगर ये ट्रिक अच्छे से समझ न आए तो नीचे दिए गए लिंक से वीडियो में देखे 

Ritibadhy kavi tricks

ये भी पढ़ें ⇓⇓

जहाँ लक्ष्मी कैद है 

net/jrf हिंदी नए सिलेबस के अनुसार मूल पीडीऍफ़ व् महत्वपूर्ण नोट्स 

रस का अर्थ व रस के भेद जानें 

साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

भीष्म साहनी के महत्वपूर्ण उपन्यास ट्रिक || हिंदी साहित्य || hindi sahitya

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:13th Feb, 2021 | 739 View

भीष्म साहनी के महत्वपूर्ण उपन्यास ट्रिक  || हिंदी साहित्य  || hindi sahitya

दोस्तों आज की पोस्ट में भीष्म साहनी के महत्वपूर्ण उपन्यास ट्रिक को समझाया गया है , हम आशा करते है कि  हमारी ये कोशिस आपको जरूर पसंद आएगी

भीष्म साहनी के महत्वपूर्ण उपन्यास ट्रिक 

उपन्यासवर्ष विषयवस्तु
झरोखा1967 ई.आर्य समाजी मध्यवर्गीय परिवार का अंकन
कङियाँ1970 ई.दाम्पत्य जीवन की कटुता और स्त्री की असहाय स्थिति का अंकन
तमस1973 ई.भारत विभाजन की साम्प्रदायिक विभीषिका का महाकाव्यात्मक अंकन
वसंती1980 ई.दिल्ली महानगर की झुग्गी -झोपङी वाली गन्दी बस्तियों का अंकन
मय्यादास की माङी1988ई. सन् 1840 ई. से 1920 ई. पंजाब की राजनीतिक सामाजिक यथार्थ का अंकन
कुंतो1993 ई.नारी जीवन की चिरन्तन पराधीनता-जन्य पीङा का अंकन
नीलू नीलिमा नीलोफर2000 ई.

ट्रिकः

यह ट्रिक उपन्यासों के क्रमानुसार  तैयार की गयी है

झरोखे से कङियाँ दिखा दो तुम बसंती , मय्यादास की माङी का कुत्ता नीलू तो लोफर है।

ये भी जरुर पढ़ें  

हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक : 

स्वर व्यंजन , शब्द भेद,  उपसर्ग  ,कारक , क्रिया, वाच्य , समास ,मुहावरे , विराम चिन्ह

 

परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें 

 

साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

तार सप्तक ट्रिक्स

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:5th Jan, 2021 | 3420 View

तार सप्तक ट्रिक्स

आज की पोस्ट में तार सप्तक ट्रिक्स से हम इस विषयवस्तु को अच्छे से तैयार करेंगे

तार सप्तक ट्रिक्स(taar sapatk trick)

अज्ञेय के अनुसार “एक ही प्रकार की भाव- चेतना के तार में पिरोए सात कवियों की रचनाओं का संकलन तार सप्तक कहलाता है”

‘ तार सप्तक’ मूलतः प्रभाकर माचवे के दिमाग की उपज मानी जाती है, परंतु इसके प्रवर्तन का श्रेय अज्ञेय को प्रदान किया जाता है
अज्ञेय ने तार सप्तक के कवियों में के बारे में लिखा है “यह सातों कवि किसी एक स्कूल के नहीं है।

वे राही नहीं अपितु राहों के अन्वेषी हैं”

हिंदी साहित्य जगत में अब तक चार तार सप्तकों की स्थापना हो चुकी है(1943ई .,1951ई .,1959ई .,1979ई .)

⇒तार सप्तक⇒

तार सप्तक -1943 ई .
तार सप्तक के जनक – अज्ञेय

तार सप्तक के कवि

तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick)
*अमूने गिरा प्रभा*

अ – अज्ञेय
मु – मुक्तिबोध
ने – नेमी चन्द्र जैन
गि – गिरिजाकुमार माथुर
रा – रामविलास शर्मा
प्र- प्रभाकर माचवे
भा- भारतभूषण अग्रवाल

⇒द्वितीय तार सप्तक⇒

सन – 1951 ई .
जनक- अज्ञेय

द्वितीय तार सप्तक कर कवि⇓⇓

तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick)

*धर्मवीर ओर शमशेर शंकुतला का हरण करके भागे*

धर्मवीर – धर्मवीर भारती
शमशेर ,- शमशेर बहादुर
शंकुतला -शंकुत
ह – हरिनारायण व्यास
र – रघुवीर सहाय
न – नरेश मेहता
भगे – भवानी प्रसाद मिश्र

 

⇒तृतीत तार सप्तक⇒

 

सन – 1959 ई .
जनक – अज्ञेय

तृतीत तार सप्तक के कवि

तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick)

*प्रयाग विजय में कीर्ति ने कुँवर सर से केदार के मन की बात कहि*

प्रयाग – प्रयाग नारायण त्रिपाठी
विजय – विजयदेव नारायण शाही
कीर्ति – कीर्ति चौधरी
कुँवर – कुँवर नारायण
सर- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
केदार- केदारनाथ सिंह
मन – मदन वात्स्यायन

⇒चतुर्थ तार सप्तक ⇒

सन -1979 ई .
जनक – अज्ञेय

चतुर्थ तार सप्तक के कवि⇓⇓

तार सप्तक ट्रिक (taar sapatk trick)

*सुश्री राम ने स्वदेशी अवधेश को राजकुमार नन्दकिशोर से मिलाया*

सु – सुमन राजे
श्री – श्रीराम वर्मा
स्वदेशी स्वदेश भारती
अवधेश- अवधेश कुमार
राजकुमार- राजकुमार कुम्भज
नन्द – नन्दकिशोर आचार्य
किशोर- राजेंद्र किशोर

विशेष:-
★तार सप्तकों में प्रथम महिला – शंकुतला माथुर(द्वितीय से)

★तार सप्तकों में कुल महिला – 3

★तारसप्तको में राजस्थान से – नन्दकिशोर आचार्य

★तार सप्तकों में पति -पत्नी –गिरिजाकुमार माथुर, शंकुतला माथुर।

ये भी जरूर देखें 

आदिकाल की बेहतरीन ट्रिक्स 

सूफी काव्य की ट्रिक्स 

समास क्या होता है ?

परीक्षा में आने वाले मुहावरे 

सर्वनाम व उसके भेद 

महत्वपूर्ण विलोम शब्द देखें 

 

विराम चिन्ह क्या है ?

परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें 

साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

 

सूफी काव्य या प्रेममार्गी काव्य ट्रिक्स-हिंदी साहित्य

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:24th Mar, 2020 | 861 View

सूफी काव्य या प्रेममार्गी काव्य ट्रिक्स-हिंदी साहित्य

सूफी काव्य या प्रेममार्गी काव्य ट्रिक्स

  • माधवानल कामकंदला 1527 गणपति
  • ⇒माधवानल कामकंदला 1556 कुशललाभ
  • माधवानल कामकंदला 1584 आलम
  • ⇒माधवानल कामकंदला 1752 बोधा

ट्रिक सन की ⇓⇓

*स्थाई छप्पर चोर बावळे*
स्थाई-27
छप्पर-56
चोर-84
बावळे-52

*हिंदी साहित्य चैनल*

सूफी काव्य में मसनवी शैली का प्रयोग किया गया
*********
आइए जाने क्या है *मसनवी शैली*

जिस रचना के प्रारंभ में ईश वंदना, पैगंबर की स्तुति एवं शाहेवक्त की प्रशंसा की जाती है वह मसनवी शैली कहलाती है इसमें 5 या 7 चौपाई के बाद दोहे का प्रयोग किया जाता है इस में गुरु वंदना करके आत्मपरिचय भी प्रस्तुत किया जाता है
मसनवी शैली में जो क्रम होता है वो ध्यान रखें

ईश वंदना
पैगम्बर की स्तुति
शाहेवक्त की प्रशंसा
*****

ट्रिक:

पहले पहले अक्षर को देखें
*ई-पेशा*

 

*हिंदी साहित्य चैनल*

*******मधुमालती *******
ट्रिक –मधुमालती ne अव 45 baar मंज़न (मंझन ) kiya

मधुमालती –मधुमालती
अव —अवधि भाषा
45—1545 (रचनाकाल )
मंज़न –मंझन ( कवि )

👇👇👇👇
****मृगावती ****
ट्रिक -अवध ke रामचंद्र 3 मृग बन me khoje
English words सिर्फ सपोर्ट के लिये हैं

अवध –अवधि भाषा
रामचंद्र –आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रथम सूफी काव्य माना l
3—1503( रचनाकाल )
मृग —–मृगावती
बन –कुतुबन

👇👇👇

*****सत्यवती कथा *****

ट्रिक —अवध में 1 nahi हजार सत्य ईश्वर ke

अवध -अवधि में रचित
1— 1501 रचनाकाल
नहीं ………
हजार —हजारी प्रसाद द्विवेदी ने इसे प्रथम सूफी काव्य माना l
सत्य –सत्यवती कथा
ईश्वर —ईश्वरदास द्वारा रचित
Ke ……………

….. by….डॉक्टर मीनाक्षी दुबे

 

 

*****(

🌞 हंस (हंसावली1370)और चांद(चंदायन 1379) दोनों सफेद होते है ।
⇒ ढोल (ढोला मारू दुआ 1473) बजाओं 1सतय(सतयवती 1501)मृगावती(1503) ने बोला
🌞 माधव (माधवानंद कामलनंदा 1527) ने पद (पद्मावत1540) मधुर (मधुमालती 1545) गाये
⇒ रूप (रूपमंजरी1568)पर छिटे (छिताई वाता 1590) पडी जो चित्र(चित्रावली1613)पर दिखी

🌞 रस (रस रतन 1618) दीप(ज्ञान दीप 1619)पर गिरा और दीप इंद(इंदावती 1744) पर गिरा जिसके कारण वह बांसुरी (अनुराग बांसुरी 1764) नहीं बजा सका

*****

सूफी काव्य या प्रेममार्गी काव्य ट्रिक्स

सूफ़ी रचनाएँ

1) हंसवाली, 1370 ईस्वी में कवि असाइत द्वारा राजस्थानी भाषा मे लिखी गयी।
2) चंदायन 1379 ईस्वी में मुल्ला दाऊद द्वारा अवधी में लिखी गयी।
3) सत्यवती कथा 1501 में ईश्वरदास द्वारा अवधी में लिखी गयी।
3) मृगावती 1503 में कुतुबन द्वारा अवधी में लिखी गयी।
4) माधवानल कामकंदला 1527 में गणपति द्वारा राजस्थानी में लिखी गयी।
5) पदमावत 1540 जायसी द्वारा अवधी में लिखी गयी।
6) मधुमालती 1545 में मंझन द्वारा अवधी में लिखी गयी।
7) रूपमंजरी 1568 में नंददास ब्रजभाषा में लिखी गयी।
8) चित्रावली 1613 में उस्मान द्वारा अवधी में लिखी गयी।
9) ज्ञानदीप 1619 में शेख नबी द्वारा अवधी में लिखी गयी।
9) हंस जवाहिर 1731 में कासिम शाह द्वारा अवधी में लिखी गयी।
10) इंद्रावती 1744 में नूर मुहम्मद द्वारा अवधी में लिखी गयी।
11) अनुराग बांसुरी 1764 में नूर मुहम्मद द्वारा अवधी में लिखी गयी।

महत्त्वपूर्ण लिंक :

सूक्ष्म शिक्षण विधि    🔷 पत्र लेखन      

  🔷प्रेमचंद कहानी सम्पूर्ण पीडीऍफ़    🔷प्रयोजना विधि 

🔷 सुमित्रानंदन जीवन परिचय    🔷मनोविज्ञान सिद्धांत

🔹रस के भेद  🔷हिंदी साहित्य पीडीऍफ़  

🔷शिक्षण कौशल  🔷लिंग (हिंदी व्याकरण)🔷 

🔹सूर्यकांत त्रिपाठी निराला  🔷कबीर जीवन परिचय  🔷हिंदी व्याकरण पीडीऍफ़    🔷 महादेवी वर्मा

  • साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

आदिकाल विशेष ट्रिक हिंदी साहित्य

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:29th Sep, 2019 | 1145 View

आदिकाल विशेष ट्रिक हिंदी साहित्य

आदिकाल विशेष ट्रिक हिंदी साहित्य(hindi tricks in hindi)

कण्हपा के गुरु–जालंधरपा
कुक्कुरिपा के गुरु-चर्पटिया
शबरपा के गुरु-सरहपा
लुइपा के गुरु-शबरपा
डोम्बिपा के गुरु-विरूपा
***
इसका मिलान करने वाला प्रश्न आ सकता है इसे नोट कर लेवें

हिंदी साहित्य योजना से जुड़ें 

विशेष imp
आदिकाल में रासो परंपरा में विजयपाल रासो एवं हमीर रासो अपभ्रंश की रचनाएं हैं

अपभ्रंश साहित्य के प्रमुख कवि क्रमानुसार
👇👇
जो~~जोइन्दु
स्वयं~~स्वयम्भू
पुष्प~~पुष्पदंत
धन~~धनपाल
राम~~रामसिंह
हे~~हेमचन्द्र
अबे~~~अब्दुल रहमान
******
ट्रिक
*जो* *स्वयं *पुष्प रूपी धन की वर्षा करे राम है अबे
******
*हिंदी साहित्य चैनल*

सिद्ध साहित्य में 2 प्रश्न महत्वपूर्ण है
1. 84 सिद्धों में सबसे ऊंचा स्थान किनका माना जाता है ?
उत्तर-लुइपा
2. सिद्धो में सबसे ज्यादा विद्वान किसे माना जाता है जिन्होंने सबसे ज्यादा 74 ग्रंथ लिखे
उत्तर-कण्हपा
******
अब याद भी कर लो
👇👇
लुइपा में पहला अक्षर *ल* मतलब जो सबसे लंबा होगा वो ऊंचा ही होगा(ल-से लुइपा)😄
👇👇
और जिसे क. ख का ज्यादा ज्ञान होगा वो विद्वान ही होगा(क.. से कण्हपा)

*हिंदी साहित्य चैनल*

*जलन्धर,चर्पट और नागार्जुन*
ये तीनों सिद्धों में भी आते है और नाथों में भी
****
ट्रिक
अब याद करें
इनका तीनों का उद्देश्य था कि सिद्ध और नाथ दोनों में *जचना* (मतलब फिट बैठना)
ज-जलन्धर
च-चर्पट
ना-नागार्जुन
*******
*हिंदी साहित्य चैनल*

 

आदिकाल विशेष ट्रिक हिंदी साहित्य

*रामकुमार वर्मा का काल विभाजन*

संधिकाल (750 सं-1000)
चारण काल (1000 सं-1375)
भक्तिकाल (1375 सं-1700)
रीतिकाल (1700 सं-1900)
आधुनिक काल (1900 सं- से अब तक)
********
ट्रिक:: *सच भरी आ*
सभी कालों का पहला-पहला अक्षर देखें
**************
*हिंदी साहित्य चैनल*

प्रश्न ये उठा कि गणपति(पति) चन्द्र ने प्रारम्भिक काल कब से माना
बस *पति* को याद रखो अपने आप याद होगा
उत्तर::1184
ट्रिक —*हर एक(मतलब एक एक) पति पर चौरासी का चक्र है*
एक एक चौरासी~~~1184 ईस्वी
*हिंदी साहित्य चैनल*

आचार्य शुक्ल ने 12 पुस्तकों के आधार पर वीरगाथा काल का नामकरण किया
साहित्यिक पुस्तकें केवल चार मानी हैं और देश भाषा काव्य की 8 पुस्तकें मानी है

साहित्यिक पुस्तकें चार जो निम्नलिखित है
1*विजयपाल रासो
2. हमीर रासो
3.कीर्तिलता
4.कीर्तिपताका
************
देश भाषा काव्य की 8 पुस्तकें निम्नलिखित मानी है
1.खुमान रासो
2.बीसलदेव रासो
3.पृथ्वीराज रासो
4. जय चंद्रप्रकाश
5.जय मयंक जसचंद्रिका
6.परमाल रासो
7.खुसरो की पहेलियां
8.विद्यापति पदावली
**********
इसमें आपको चार साहित्यिक पुस्तकों का जरूर ध्यान रखना है उसको निम्न ट्रिक से याद करें
ट्रिक:::
*कीर्ति कीर्ति है विजय*
************

*हिंदी साहित्य चैनल*

हिंदी साहित्य का काल विभाजन निम्न प्रकार से शुरुआत मानते है

मिश्रबन्धु—643 ईस्वी से
रामकुमार वर्मा–693 ईस्वी
शुक्ल–993 ईस्वी
गणपति चन्द्र गुप्त–1184 ईस्वी
गणपति की आप को ट्रिक बताई जा चुकी है
बाकी ऊपर 43,93,93 का ध्यान रखें
एग्जाम में कालविभाजन शुरुआत की जानकारी ही पूछी जाती है

1.नेमिनाथ चउपई में पहली बार
बारहमासा का वर्णन मिलता है।
2.हिन्दी में पहली बार बारहमासा बीसलदेव रासो में मिलता है।
3.हिन्दी में पहली बार व्यापक ढंग का बारहमासा पृथ्वीराजरासो में मिलता है।
4.हिन्दी में पहली बार मार्मिक एंव व्यापक ढंग का बारहमासा पद्मावत में मिलता है।

ये भी पढ़ें : Net/Jrf Hindi notes Pdf

  • हिंदी साहित्य quiz 4 
  • quiz 5 हिंदी साहित्य
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**हिंदी साहित्य चैनल*

hindi tricks in hindi

 

तुलसीदास जी की रचनाओं की ट्रिक्स को ऐसे जानें

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:8th Oct, 2019 | 411 View

तुलसीदास जी की रचनाओं की ट्रिक्स(tulsidas tricks)

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