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काल – KAAL | काल व उसके भेद | HINDI VYAKARAN

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:18th Aug, 2021| Comments: 0

दोस्तों आज की पोस्ट में हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण टॉपिक काल(Kaal) पर चर्चा करेंगे ,जिसके एक या दो प्रश्न एग्जाम में जरुर पूछे जाते है

काल (Kaal)

 काल किसे कहते हैं – Kaal kise kahate hain

Table of Contents

  •  काल किसे कहते हैं – Kaal kise kahate hain
    • काल की  परिभाषा – Kaal Ki Pribhasha
    • काल के भेद (Kaal ke bhed)
  • वर्तमानकाल किसे कहते है – Vartamaan Kaal kise kahte hain
    • वर्तमान काल के पाँच भेद हैं –
  • भूतकाल किसे कहते है -Bhootkaal kise kahate hain
    • भूतकाल के छ: भेद है –
      • 1. सामान्य भूत –
      • 2. आसन्न भूत –
      • 3. पूर्ण भूत –
      • 4. अपूर्ण भूत –
      • 5. संदिग्ध भूत –
      • 6. हेतुहेतुमद्भूत –
  • भविष्यत काल किसे कहते है – Bhavishyat kaal kise kahate hain
    • भविष्यत काल परिभाषा –
      • भविष्यत काल के तीन भेद है –
      • 1. सामान्य भविष्य –
      • 2. संभाव्य भविष्य –
      • 3. हेतुहेतुमद् भविष्य –

काल का अर्थ हम “समय “से लेते है।
अर्थात क्रिया के जिस रूप से हमें काम के होने के समय का बोध हो उसे काल(Kaal) कहते है।
सरल शब्दो मे ज़ब हम या कोई भी व्यक्ति कोई भी कार्य करता है , उस कार्य से हमें उस समय का पता चलता है जिस समय मे वह काम हो रहा है या किया जा रहा है। तो उसे हम काल(Kaal) कहेगे । काल से हमें कार्य के समय का ज्ञान होता है। और कार्य के सही समय का पता चलता है कि काम अभी हो रहा है या पहले हुआ था या आने वाले समय मे होगा।

आइये इन्हे हम कुछ उदहारण से समझेंगे।

(1) राधा ना गाना गया था।
इससे हमें पता चल रहा है कि गाना गया जा चूका है। काम खत्म हो चूका है। ज़ब कार्य पूर्ण होता है तो था, थे, थी का प्रयोग होता है ।

(2) मीरा कपड़े धो रही थी।
यहां मीरा कपड़े धो रही थी ।मतलब काम कर रही थी काम क़ो बीते समय मे यह बताने कि कोशिश की जा रही है।
रहा था, रही थी शब्दो से कार्य हो रहा था का पता चलता है ।

(3) मैं खाना बनाता हूँ।
यहां खाना बनाना वर्तमान समय मे होना बताया जा रहा है । खाना अभी बन रहा है।

(4) श्याम पत्र लिखता होगा।
श्याम पत्र लिखता होगा यहां वर्तमान मे काम कर रहा है ।

(5) हम घूमने जायेगे।
इस वाक्य से स्पष्ट होता है कि हम घूमने जायेगे ,अभी गए नहीं है।
भविष्य मे होने वाले समय का पता चल रहा है।

हम उम्मीद करतें है कि आप काल(Kaal) के बारे में समझें होंगे

काल की  परिभाषा – Kaal Ki Pribhasha

क्रिया के उस रूपांतर को ’काल’(Kaal) कहते हैं, जिससे कार्य-व्यापार का समय और उसकी पूर्ण अथवा अपूर्ण अवस्था का बोध हो।

kaal in hindi
KAAL in Hindi

काल के भेद (Kaal ke bhed)

काल के तीन भेद हैं –

  1. वर्तमानकाल
  2. भूतकाल
  3. भविष्यतकाल

वर्तमानकाल किसे कहते है – Vartamaan Kaal kise kahte hain

परिभाषा – क्रियाओं के व्यापार की निरंतरता को ’वर्तमानकाल’ कहते हैं। इसमें क्रिया का आरंभ हो चुका होता है।

जैसे-

  • वह खाता है।

यहाँ ’खाने’ का कार्य-व्यापार चल रहा है, समाप्त नहीं हुआ है।

  • वह पढ़ रहा है।
  • पक्षी आकाश में उङते है।
  • वह अभी गया है।
  • उसने खाना खा लिया है।

वर्तमान काल के पाँच भेद हैं –

  1. सामान्य वर्तमान
  2. तात्कालिक वर्तमान
  3. पूर्ण वर्तमान
  4. संदिग्ध वर्तमान
  5. संभाव्य वर्तमान।

सामान्य वर्तमान काल किसे कहते हैं ?

1. सामान्य वर्तमान किसे कहते है –

क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया का वर्तमानकाल में होना पाया जाए, ’सामान्य वर्तमान’ कहलाता है।

जैसे –

  • वह आता है ।
  • वह देखता है।
  • पक्षी आकाश में उङते है।
  • वह अभी गया है।
  • उसने खाना खा लिया है।

2. तात्कालिक वर्तमान – इससे यह पता चलता है कि क्रिया वर्तमानकाल में हो रही है।

जैसे –

  • मैं पढ़ रहा हूँ ।
  • वह जा रहा है।
  • हम घूमने जा रहे हैं।
  • विद्या कपङे धो रही है।
  • टंकी से पानी बह रहा है।
  • बच्चे खिलौनों से खेल रहे हैं।
  • बाघ हरिण का पीछा कर रहा है।
  • कुछ लोग पंडाल में आ रहे है, कुछ बाहर जा रहे है।

3. पूर्ण वर्तमान – इससे वर्तमानकाल में कार्य की पूर्ण सिद्धि का बोध होता है।

जैसे –

  • वह आया है ।
  • लङके ने पुस्तक पढ़ी है।
  • वह चला गया है।
  • उसने भोजन कर लिया है।
  • मैं तो सुबह ही नहा चुका हूँ।
  • घङा पानी से भर गया है।

4. संदिग्ध वर्तमान – जिससे क्रिया के होने में संदेह प्रकट हो, पर उसकी वर्तमानता में संदेह न हो।

जैसे –

  • राम खाता होगा ।
  • वह पढ़ता होगा।
  • वह सो रहा होगा।
  • उल्लास खेलता होगा।
  • छात्र कहानियाँ सुन रहे होंगे।
  • पहरेदार जाग रहा होगा।

5. संभाव्य वर्तमान – इससे वर्तमानकाल में काम के पूरा होने की संभावना रहती है।

जैसे –

  • वह आया हो ।
  • वह लौटा हो ।
  • सुधाकर आता है तो काम हो जाना चाहिए।
  • वह स्वस्थ होता लगता है।
  • वह पढ़े तो पढ़ने देना।
  • अब तो देश आगे बढ़ना ही चाहिए।

भूतकाल किसे कहते है -Bhootkaal kise kahate hain

परिभाषा – जिस क्रिया से कार्य की समाप्ति का बोध हो, उसे भूतकाल की क्रिया कहते हैं।

जैसे –

  • लङका आया था ।
  • वह खा चुका था ।
  • मैंने गाया।
  • दो दिन पहले जोर की वर्षा हुई थी।
  • नेता जी का प्रचार-रथ बङी भीङ के साथ जा रहा था।

भूतकाल के छ: भेद है –

  1. सामान्य भूत
  2. आसन्न भूत
  3. पूर्ण भूत
  4. अपूर्ण भूत
  5. संदिग्ध भूत
  6. हेतुहेतुमद्भुत।

1. सामान्य भूत –

जिससे भूतकाल की क्रिया के विशेष समय का ज्ञान न हो।

जैसे –

  • मोहन आया ।
  • सीता गई।
  • मोहन आया, सीता गई।
  • विनय घर गया।
  • मैंने खाना खाया।
  • वे कल यहाँ आए थे।
  • उसने पिछले वर्ष परीक्षा दी।

2. आसन्न भूत –

इससे क्रिया की समाप्ति निकट भूत में या तत्काल ही सूचित होती है।

जैसे-

  • मैंने आम खाया है।
  • मैं चला हूँ।
  • वे अभी आए हैं।
  • बच्चा सो गया है।
  • प्रभा बस अभी गयी है।
  • वृक्ष गिर गया है।
  • वह पिछले सप्ताह गाँव आया है।
  • विद्यालय घण्टे भर पहले बन्द हुआ है।
  • वे घर आ गए है।
  • अनुराधा अभी घर गई है।
  • बहुत गर्मी हो गई है।
  • मैंने विचार किया है।

3. पूर्ण भूत –

क्रिया के उस रूप को पूर्ण भूत कहते हैं, जिससे क्रिया की समाप्ति के समय का स्पष्ट बोध होता है कि क्रिया को समाप्त हुए काफी समय बीता है।

जैसे –

  • उसने मुरारी को मारा था ।
  • वह आया था।
  • व्यास जी ने महाभाारत रचा था।
  • वर्षा न होने से खेती सूख गई थी।
  • पुलिस के आने से पहले ही लुटेरे भाग चुके थे।
  • अब पछताए होत का, चिङियाँ चुग गई खेत।
  • मैंने दो वर्ष पहले बी. ए. किया था।
  • शिवशंकर ने 2009 में यह बच्चा गोद लिया।
  • इस मकान में आप कब आए थे।
  • अपराधी तो दुर्घटना में मर चुका था।
  • ओलों से फसल नष्ट हो चुकी थी।
  • सभी सहेलियाँ घरों को जा चुकी थी।

4. अपूर्ण भूत –

इससे यह ज्ञात होता है कि क्रिया भूतकाल में हो रहा थी, किंतु उसकी समाप्ति का पता नहीं चलता।

जैसे-

  • सुरेश गीत गा रहा था ।
  • गीता सो रही थी।
  • वह सोता था।
  • चुनावी रंग निरन्तर बढ़ रहा था।
  • रोम जलता था नीरो बंशी बजाता था।
  • वे अँधेरे में ही आगे बढ़ रहे थे।
  • अँग्रेज झाँसी को हङपने का षड्यंत्र रच रहे थे।
  • सीमा पर हमारे जवान दिन-रात पहरा देते थे।
  • हम बचपन में इस पार्क में खेला करते थे।
  • बहुत पहले पृथ्वी पर डायनासोर रहा करते थे।
  • वह प्रायः शुक्रवार को आता था।
  • चिङियाँ इन्हीं झाङियों में चहकती थी।
  • वह हर महीने उधार चुकाती थी।
  • झरना मंदगति से बह रहा था।
  • शत्रु घात लगाकर आगे बढ़ रहा था।
  • बेचारी गाय सङक पर दम तोङ रही थी।
  • डाकू धीरे-धीरे आगे बढ़ते आ रहे थे।
  • पुजारी रोज शाम को आरती किया करता था।
  • याद है, हम दोनों नदी किनारे घण्टों घूमा करते थे।

5. संदिग्ध भूत –

इसमें यह संदेश बना रहता है कि भूतकाल में कार्य पूरा हुआ था या नहीं।

जैसे-

  • तुमने गाया होगा ।
  • तू गाया होगा।
  • वह चला गया होगा।
  • किसान काम बंद करके घर जा चुके होंगे।
  • लगता है वह ठीक समय पर पहुँच गया होगा।
  • अवश्य ही मरने से पहले, उसने मुझे याद किया होगा।
  • शायद सभी छात्र, तब तक जा चुके होंगे।

6. हेतुहेतुमद्भूत –

इससे यह पता चलता है कि क्रिया भूतकाल में होनेवाली थी, पर किसी कारण(reason) न हो सकी।

जैसे –

  • मैं आता ।
  • तू जाता ।
  • वह खाता।
  • मैं घर पर होता, तो वह अवश्य रुकती।
  • दिव्या प्रथम आई होती, तो उसे पुरस्कार मिलता।
  • बाढ़ आ गई होती, तो सारा गाँव डूब जाता।
  • यदि समय पर चिकित्सा मिल जाती है, तो अनेक घायलों की जानें बच जातीं।
  • आतंकवादी सफल हो गए होते, तो सैकङों निर्दोष लोगों मारे जाते।
  • सही निर्णय लिया गया होता, तो कश्मीर की समस्या उसी समय सुलझ गई होती।

भविष्यत काल किसे कहते है – Bhavishyat kaal kise kahate hain

 

भविष्यत काल परिभाषा –

भविष्य में होने वाली क्रिया को भविष्यत काल की क्रिया कहते हैं।

जैसे –

  • वह कल घर जाएगा।

भविष्यत काल के तीन भेद है –

  1. सामान्य भविष्य
  2. संभाव्य भविष्य
  3. हेतुहेतुमद् भविष्य।

1. सामान्य भविष्य –

इससे यह प्रकट होता है कि क्रिया सामान्यतः भविष्य में होगी।

जैसे-

  • मैं पढूँगा ।
  • वह जाएगा।
  • वह आएगा।
  • हम पढे़ंगे।
  • दालें और सस्ती होंगी।
  • उसका विवाह होगा।
  • भवेश पढ़ेगा।
  • बच्चे खेलेंगे।
  • मनीषा पढ़ेगी।
  • लङकियाँ नाचेंगी।
  • मैं लिखूँगा।
  • मैं लिखूँगी।

2. संभाव्य भविष्य –

जिससे भविष्य में किसी कार्य के होने की संभावना हो ।

जैसे –

  • संभव है ।
  • रमेश कल आया।
  • लगता है वे आएँगे।
  • सम्भव है पीयूष वहाँ मिले।
  • हो सकता है भारत फिर विश्व गुरु हो जाए।
  • सम्भावना है कि फसल अच्छी होगी।
  • सम्भव है, वर्षा आए।
  • लगता है, मजदूर न मिले।
  • हो सकता है, हम तुम्हें स्टेशन पर मिलें।
  • लगता है, सभी कार्यकर्ता चैराहे पर एकत्र हों।
  • सम्भावना है, मैं उससे मिलने जाऊँ।
  • लगता है कि तुम सच बोलो।

3. हेतुहेतुमद् भविष्य –

इसमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करता है।

जैसे –

  • वह आए तो मैं जाऊँ ।
  • वह कमाए तो खाए।

 

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