काव्यशास्त्र

Samasokti Alankar – समासोक्ति अलंकार : परिभाषा, उदाहरण, पहचान

Samasokti Alankar

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत समासोक्ति अलंकार (Samasokti Alankar) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। समासोक्ति अलंकार समासोक्ति अलंकार की परिभाषा – Samasokti Alankar ki Paribhasha परिभाषा – जहाँ पर कार्य, लिंग या विशेषण की समानता के कारण प्रस्तुत के कथन में अप्रस्तुत व्यवहार का समारोप होता है, …

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कवित्त छंद – परिभाषा, भेद , उदाहरण – Kavitt Chhand in Hindi

Kavitt Chhand

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत कवित्त छंद (Kavitt Chhand) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। कवित्त छंद – Kavitt Chhand कवित्त छंद की परिभाषा – Kavitt Chhand ki Paribhasha साधारण रूप में मुक्तक दण्डकों को ही जो दण्ड की तरह बहुत लम्बे छन्द होते हैं, उन्हें ‘कवित्त’ कहते …

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रोला छंद – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Rola Chand

Rola Chand

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत रोला छंद (Rola Chand) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। रोला छंद ⇒ रोला छंद के लक्षण यह मात्रिक सम छंद होता है। इस छंद के प्रत्येक चरण में 11,13 मात्राओं के क्रम से यति होती है। इसमें कुल इसमें 24 मात्रायें होती हैं। …

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उल्लाला छंद – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || ULLala Chand

Ulala Chand

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत उल्लाला छंद (Ullala Chand) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। उल्लाला छंद – Ullala Chand उल्लाला छंद किसे कहते हैं दोस्तो यह एक मात्रिक छंद होता हैं। इस छंद के प्रत्येक चरण में 15 व 13 के क्रम से 28 मात्रायें होती हैं। …

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दृष्टान्त अलंकार – परिभाषा , उदाहरण | Drishtant Alankar

दृष्टान्त अलंकार

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत दृष्टान्त अलंकार (Drishtant Alankar) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। दृष्टान्त अलंकार – Drishtant Alankar दृष्टान्त अलंकार की परिभाषा – Drishtant Alankar ki Paribhasha जहाँ पूर्व में कोई कथन कहकर दूसरे कथन में उसकी पुष्टि की जाये। दृष्टांत में सामान्य से विशेष की …

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उदाहरण अलंकार किसे कहतें है – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Udaharan Alankar

उदाहरण अलंकार किसे कहतें है

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत उदाहरण अलंकार (Udaharan Alankar) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। उदाहरण अलंकार – Udaharan Alankar उदाहरण अलंकार किसे कहतें है? जब कोई साधारण बात कह कर ’ज्यों’, ’जैसे’ इत्यादि वाचक शब्दों द्वारा किसी विशेष बात से जहाँ समता दिखाई जाती है वहाँ …

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टी. एस. ईलियट के काव्य सिद्धान्त-काव्यशास्त्र

टी. एस. ईलियट के काव्य सिद्धान्त

दोस्तो आज की पोस्ट में हम टी. एस. ईलियट के काव्य सिद्धान्त(T. S. Elliot’s poetic theory) को सरल तरीके से समझेंगे | दोस्तो जैसा कि आप जानते हो कि आधुनिक काल के पाश्चात्य समीक्षकों में टी. एस. ईलियट (Thomas Stern Eliot- 1888-1965 ई. ) का नाम अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उनका जन्म सेन्ट लुई (अमेरिका) में …

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अरस्तू का विरेचन सिद्धान्त – हिंदी साहित्य – काव्यशास्त्र

Arastu ka virechan Siddhant

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंन्तर्गत अरस्तू का विरेचन सिद्धान्त (Arastu ka virechan Siddhant) विस्तार से पढेंगे । अरस्तू का विरेचन सिद्धान्त (Arastu ka virechan Siddhant) दोस्तो  प्लेटो ने काव्य पर आरोप लगाया था कि काव्य हमारी वासनाओं का दमन करने के स्थान पर उनका पोषण करता है। अरस्तू का मत इससे भिन्न …

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भारतीय काव्यशास्त्री और उनका जीवन परिचय

भारतीय काव्यशास्त्री एवं उनकी कालजयी कृतियां 1. भरतमुनि (  2 शती ई॰ पूर्व से 3 शती ई॰ पू॰ के बीच ) कालजयी कृति :  नाट्यशास्त्र (नाट्यविधानों का अमर विश्वकोश) रस-सम्प्रदाय के प्रवर्तक तत्र विभावानुभावव्यभिचारी संयोगात्द्रस-निष्पत्ति। —नाट्यशास्त्र, भरतमुनि भवति जगति योग्यं नाटकं प्रेक्षकाणम्। —नाट्यशास्त्र   2. भामह  (छठी शती का मध्यकाल)   कालजयी कृति : काव्यालंकार  …

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काव्य दोष – अर्थ ,परिभाषा और उदाहरण || Kavya Dosh

काव्य दोष

दोस्तो आज की पोस्ट में हम काव्यशास्त्र का महत्वपूर्ण विषय काव्य दोष (Kavya Dosh) के बारे में चर्चा करेंगे काव्य दोष – Kavya Dosh आचार्य मम्मट ने अपनी काव्य परिभाषा में दोषहीनता को काव्य का एक लक्षण मानते हुए लिखा है: ’’तद्दोषौ शब्दार्थौ सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि’’ स्पष्टीकरण – यहां प्रयुक्त ’अदोषौ’ का तात्पर्य दोषहीनता से है। …

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