• मुख्यपृष्ठ
  • पीडीऍफ़ नोट्स
  • साहित्य वीडियो
  • कहानियाँ
  • हिंदी व्याकरण
  • रीतिकाल
  • हिंदी लेखक
  • हिंदी कविता
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • हिंदी लेख
  • आर्टिकल

हिंदी साहित्य चैनल

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • 🏠 मुख्यपृष्ठ
  • पीडीऍफ़ नोट्स
  • साहित्य वीडियो
  • रीतिकाल
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • आर्टिकल

कविता के बहाने || कविता व्याख्या सहित || कुंवर नारायण

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:27th May, 2020| Comments: 0

आज के आर्टिकल में कुंवर नारायण द्वारा लिखित कविता कविता के बहाने (Kavita ke bahane) की व्याख्या को समझाया गया है |

कविता के बहाने (Kavita ke bahane)

Table of Contents

  • कविता के बहाने (Kavita ke bahane)
    • रचना-परिचय-
    • व्याख्या-
    • व्याख्या-

रचना-परिचय-

’इन दिनों’ काव्य-संग्रह से संकलित कविता ’कविता के बहाने’ में बताया गया है कि आज यान्त्रिकता के दबाव के कारण कविता का अस्तित्व मिट सकता है। ऐसे में यह कविता कविता-लेखन की अपार संभावनाओं को समझने का अवसर देती है। कवि का मानना है कि यह ऐसी यात्रा का वर्णन है जो चिङिया, फूल से लेकर बच्चे तक की यात्रा है। ये तीनों अपने-आप में सुन्दर होते हुए सीमाबद्ध है जबकि कविता का क्षेत्र असीम है। रचनात्मक ऊर्जा के कारण सीमाओं के बन्धन स्वयं टूट जाते है। अतः कविता का क्षेत्र अतीव व्यापक है।

कविता एक उङान है चिङिया के बहाने
कविता की उङान भला चिङिया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
कविता के पंख लगा उङने के माने
चिङिया क्या जाने ?


व्याख्या-

कवि बताता है कि कविता कल्पना की मोहक उङान होती है, वह चिङिया की उङान को देखकर नयी-नयी कल्पनाएँ प्रस्तुत करती है। कविता स्वयं उङान भरती है, उसमें नये-नये भाव एवं विचार आते है। कविता की उङान असीमित होती है। चिङिया की उङान की एक सीमा होती है, अतः वह कविता की उङान का ओर-छोर नहीं जान पाती है। चिङिया बाहर, भीतर, इस घर से उस घर तक उङकर आती-जाती रहती है, जबकि कविता की उङान व्यापक होती है, उस पर कल्पनाओं के ऐसे पंख लगे रहते है कि वह घर से बाहर सब जगह- सारी सृष्टि में उङान भर लेती है। बेचारी चिङिया सीमित उङान के कारण कविता की उङान को नही जान पाती है। आशय यह है कि पक्षी की उङान सीमित है; परन्तु कविता का क्षेत्र अतीव व्यापक एवं अनन्त है।

कविता एक खिलना है फूलों के बहाने
कविता का खिलना भला फूल क्या जाने!
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
बिना मुरझाए महकने के माने
फूल क्या जाने ?
कविता एक खेल है बच्चों के बहाने
बाहर भीतर
यह घर, वह घर
सब घर एक कर देने के पाने
बच्चा ही जाने।

व्याख्या-

कवि कहता है कि कविता इस प्रकार खिलती अर्थात् विकसित होती है, जैसे फूल विकसित एवं पल्लवित होते है। फूल की तरह कविता में नये-नये रंग, भाव-सौन्दर्य आ जाते है; परन्तु फूलों की अपनी सीमा होती है। फूल बाहर-भीतर, इधर-उधर और घर में सुगन्ध और सुषमा को भर देता है; परन्तु वह कविता के खिलने को नहीं समझ पाता। फूल खिलने के बाद मुरझा जाता है, परन्तुु कविता बिना मुरझाए ही महकती रहती है। इसलिए फूल की खिलना एवं सुगन्ध फैलाना सीमित प्रक्रिया है। इसके विपरीत कविता घर, बाहर, इधर-उधर अर्थात् सर्वत्र और सब समय अपनी भाव-सुरभि बिखेरती रहती है। अतः फूल कविता के सुगन्ध बिखेरने तथा महकने को कहाँ जान पाता है ? फूल की अपनी एक सीमा होती है, जबकि कविता की सीमा नहीं होती है।

कवि कहता है कि कविता बच्चों के खेल के समान है। कवि बच्चों के खेलों के देखकर शाब्दी-क्रीङा करने लगता है। इस प्रकार वह शब्दों के द्वारा नये-नये भावों एवं मनोरम कल्पनाओं के खेल खेलता है। जिस प्रकार बच्चे खेल खेलते हुए कभी घर में जाते है और कभी बाहर भागते है। वे सभी घरों में समान रूप से खेलते है और अपने-पराये का भेदभाव नहीं रखते है। बच्चों के खेल में कोई सीमा-बंधन नहीं है। उसी प्रकार कविता में भी शब्दों का खेल है। कवि शब्दों के माध्यम से अपने हृदय के, बाहरी संसार के तथा अपने-पराये सभी घरों या मानवों के मनोभावों को कलात्मक अभिव्यक्ति देता है। वह सभी को समान मानकर सर्वकालिक भावों का वाणी देता है।

यह भी पढ़ें :

कार्नेलिया का गीत 

भिक्षुक कविता 

बादल को घिरते देखा है 

गीतफरोश कविता 

साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

Tweet
Share14
Pin
Share
14 Shares
केवल कृष्ण घोड़ेला

Published By: केवल कृष्ण घोड़ेला

आप सभी का हिंदी साहित्य की इस वेबसाइट पर स्वागत है l यहाँ पर आपको हिंदी से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी l हम अपने विद्यार्थियों के पठन हेतु सतर्क है l और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है l धन्यवाद !

Previous Post
Next Post

Reader Interactions

ये भी पढ़ें

  • Matiram Ka Jivan Parichay | मतिराम का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

    Matiram Ka Jivan Parichay | मतिराम का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

  • रीतिकाल कवि देव का जीवन परिचय – Biography Of Dev in Hindi

    रीतिकाल कवि देव का जीवन परिचय – Biography Of Dev in Hindi

  • Meera Bai in Hindi – मीराबाई का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

    Meera Bai in Hindi – मीराबाई का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Hindi Sahitya PDF Notes

Search

Recent Posts

  • Utpreksha Alankar – उत्प्रेक्षा अलंकार, परिभाषा || परीक्षोपयोगी उदाहरण
  • अनुप्रास अलंकार – अर्थ | परिभाषा | उदाहरण | हिंदी काव्यशास्त्र
  • रेवा तट – पृथ्वीराज रासो || महत्त्वपूर्ण व्याख्या सहित
  • Matiram Ka Jivan Parichay | मतिराम का जीवन परिचय – Hindi Sahitya
  • रीतिकाल कवि देव का जीवन परिचय – Biography Of Dev in Hindi
  • Meera Bai in Hindi – मीराबाई का जीवन परिचय – Hindi Sahitya
  • सूरदास का जीवन परिचय और रचनाएँ || Surdas
  • उजाले के मुसाहिब – कहानी || विजयदान देथा
  • परायी प्यास का सफर – कहानी || आलमशाह खान
  • हिन्दी उपन्यास – Hindi Upanyas – हिंदी साहित्य का गद्य

Join us

हिंदी साहित्य चैनल (telegram)
हिंदी साहित्य चैनल (telegram)

हिंदी साहित्य चैनल

Categories

  • All Hindi Sahitya Old Paper
  • Hindi Literature Pdf
  • hindi sahitya question
  • Motivational Stories
  • NET/JRF टेस्ट सीरीज़ पेपर
  • NTA (UGC) NET hindi Study Material
  • Uncategorized
  • आधुनिक काल साहित्य
  • आलोचना
  • उपन्यास
  • कवि लेखक परिचय
  • कविता
  • कहानी लेखन
  • काव्यशास्त्र
  • कृष्णकाव्य धारा
  • छायावाद
  • दलित साहित्य
  • नाटक
  • प्रयोगवाद
  • मनोविज्ञान महत्वपूर्ण
  • रामकाव्य धारा
  • रीतिकाल
  • रीतिकाल प्रश्नोत्तर सीरीज़
  • व्याकरण
  • शब्दशक्ति
  • संतकाव्य धारा
  • साहित्य पुरस्कार
  • सुफीकाव्य धारा
  • हालावाद
  • हिंदी डायरी
  • हिंदी साहित्य
  • हिंदी साहित्य क्विज प्रश्नोतर
  • हिंदी साहित्य ट्रिक्स
  • हिन्दी एकांकी
  • हिन्दी जीवनियाँ
  • हिन्दी निबन्ध
  • हिन्दी रिपोर्ताज
  • हिन्दी शिक्षण विधियाँ
  • हिन्दी साहित्य आदिकाल

Footer

Keval Krishan Ghorela

Keval Krishan Ghorela
आप सभी का हिंदी साहित्य की इस वेबसाइट पर स्वागत है. यहाँ पर आपको हिंदी से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी. हम अपने विद्यार्थियों के पठन हेतु सतर्क है. और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है. धन्यवाद !

Popular Posts

Net Jrf Hindi december 2019 Modal Test Paper उत्तरमाला सहित
आचार्य रामचंद्र शुक्ल || जीवन परिचय || Hindi Sahitya
Tulsidas ka jeevan parichay || तुलसीदास का जीवन परिचय || hindi sahitya
Ramdhari Singh Dinkar || रामधारी सिंह दिनकर || हिन्दी साहित्य
Ugc Net hindi answer key june 2019 || हल प्रश्न पत्र जून 2019
Sumitranandan pant || सुमित्रानंदन पंत कृतित्व
Suryakant Tripathi Nirala || सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

जीवन परिचय

  1. मैथिलीशरण गुप्त
  2. सुमित्रानंदन पन्त
  3. महादेवी वर्मा
  4. हरिवंशराय बच्चन
  5. कबीरदास
  6. तुलसीदास

Popular Pages

हिंदी साहित्य का इतिहास-Hindi Sahitya ka Itihas
Premchand Stories Hindi || प्रेमचंद की कहानियाँ || pdf || hindi sahitya
Hindi PDF Notes || hindi sahitya ka itihas pdf
रीतिकाल हिंदी साहित्य ट्रिक्स || Hindi sahitya
Copyright ©2020 HindiSahity.Com Sitemap Privacy Policy Disclaimer Contact Us