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संज्ञा – परिभाषा, प्रकार और उदाहरण – Noun in Hindi ,Wiki

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:17th May, 2022| Comments: 0

दोस्तो आज की पोस्ट मे हम संज्ञा(Noun) के बारे में जानने वाले है. जिसमें हम संज्ञा किसे कहते है(Sangya kise kahate hain), संज्ञा का अर्थ(Sangya ka Arth), संज्ञा की परिभाषा(Sangya ki paribhasha) संज्ञा के भेद(Sangya ke Bhed), संज्ञा के उदाहरण(Sangya ke udaharan) एवं महत्त्वपूर्ण प्रश्नों  के बारे मे विस्तार से बताने जा रहें है ,हम उम्मीद करते है कि आप  इसे अच्छे से समझ पाएंगे.Noun in hindi

sangya in hindi

प्यारे विद्यार्थियों आज हम एक विशेष टॉपिक संज्ञा (Sangya) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, आज हम संज्ञा क्या है ? (What is Noun in Hindi?),संज्ञा के प्रकार (Types of noun in Hindi)और संज्ञा की परिभाषा के(Definition of Noun in Hindi) के बारे में बात करेंगे।

संज्ञा – Sangya ki Paribhasha

Table of Contents

  • संज्ञा – Sangya ki Paribhasha
    • संज्ञा किसे कहते है – Sangya kise Kahate Hain
    • संज्ञा का अर्थ – Meaning of noun
    • संज्ञा के कितने भेद होते है – Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain ?
    • ⇒ संज्ञा के भेद – Types of Noun
      • तो चलिए अब हम शुरुआत में व्यक्तिवाचक संज्ञा को समझतें है
    • व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?
      • व्यक्तिवाचक संज्ञा – Vyaktivaachak sangya
    • व्यक्तिवाचक संज्ञा उदाहरण :
    • जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?
      • जातिवाचक संज्ञा – Jaati Vachak Sangya
    • जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण
    • भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?
      • भाववाचक संज्ञा – Bhaav vachak sangya
        • भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण – Bhav vachak sangya
        • समूहवाचक संज्ञा – Samuh Vachak Sangya
        • द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?
        • द्रव्यवाचक संज्ञा – Dravya Vachak Sangya
    • संज्ञाओं का प्रयोग – Sangya
    • जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
    • विशेषण से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
    • अव्ययों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
    • क्रियाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
    • संज्ञा के बहुविकल्पीय प्रश्न
      • संज्ञा के प्रश्न उत्तर
      • संज्ञा के महत्वपूर्ण प्रश्न

संज्ञा किसे कहते है – Sangya kise Kahate Hain

दोस्तो संसार में किसी भी वस्तु, भाव और जीव का अगर कोई नाम है तो उस नाम को संज्ञा(Noun) कहेंगे। दोस्तो एक बात का विशेष ध्यान रखें कि संज्ञा एक विकारी शब्द है। जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक आदि के कारण उसका रूप परिवर्तन होता है उन्हें विकारी शब्द कहते हैं और बिल्कुल इसके विपरीत परिस्थिति को अविकारी शब्द कहतें हैं, आज के आर्टिकल का हमारा विषय संज्ञा है, इसलिए हम संज्ञा(Sangya) पर चर्चा करने वाले हैं।

’संज्ञा’ उस विकारी शब्द को कहते हैं, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो।

संज्ञा का अर्थ – Meaning of noun

यहाँ ’वस्तु’ शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में हुआ है, जो केवल प्राणी और पदार्थ का वाचक नहीं, वरन उनके धर्मों का भी सूचक है। साधारण अर्थ में ’वस्तु’ का प्रयोग इस अर्थ में  नहीं होता।

अतः वस्तु के अंतर्गत प्राणी, पदार्थ और धर्म आते है। इन्हीं के आधार पर संज्ञा के भेद किए गए है।

संज्ञा के कितने भेद होते है – Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain ?

⇒ संज्ञा के सामान्य भेद – Sangya ke Bhed

Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain

⇒ संज्ञा के भेद – Types of Noun

संज्ञा के भेदों के संबंध में  वैयाकरण एकमत नहीं है। पर, अधिकतर वैयाकरण संज्ञा के पाँच भेद मानते हैं-

  • जातिवाचक (Jativachak)
  • व्यक्तिवाचक (Vyaktivachak)
  • गुणवाचक (Gunvachak)
  • भाववाचक (Bhav vachak sangya)
  • द्रव्यवाचक (Dravya Vachak Sangya)

ये भेद अँग्रेजी के आधार पर है, कुछ रूप के अनुसार और कुछ प्रयोग के अनुसार। किंतु, हिंदी व्याकरण में  सभी तरह की संज्ञाओं को दो भागों  बाँटा गया है

-एक, वस्तु की दृष्टि से और दूसरा, धर्म की दृष्टि से –

इस प्रकार, हिंदी व्याकरण में संज्ञा के मुख्यतः चार  भेद हैं-

  1. व्यक्तिवाचक
  2. जातिवाचक
  3. भाववाचक
  4. द्रव्यवाचक

पं. कामता प्रसाद गुरु के अनुसार, ’’समूहवाचक का समावेश व्यक्तिवाचक तथा जातिवाचक में और द्रव्यवाचक का समावेश जातिवाचक में हो जाता है।’’

noun in hindi

तो चलिए अब हम शुरुआत में व्यक्तिवाचक संज्ञा को समझतें है

व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?

व्यक्तिवाचक संज्ञा – Vyaktivaachak sangya

जिस शब्द से किसी एक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो, उसे ’व्यक्तिवाचक संज्ञा’ कहते हैं, जैसे-हिमालय , गाँधीजी, सूर्य , गंगा इत्यादि।

’हिमालय’, ’गाँधीजी’, कहने से एक पर्वत का -एक व्यक्ति का, ’गंगा’ कहने से एक नदी का और ’सूर्य ’ कहने से ग्रह का बोध होता हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञाओं की तुलना में कम है।

व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ निम्नलिखित उदाहरण सचित्र दी गयी हैं –

vyakti vachak sangya
Vyakti Vachak Sangya

व्यक्तिवाचक संज्ञा उदाहरण :

  • दिनों, महीनों के नाम – जनवरी, फरवरी, सितम्बर, दिसम्बर, मार्च, अप्रैल , जुलाई, अक्टूबर,  मई,  सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शनिवार, रविवार
  • पर्वतों के नाम – कंचनजंघा, राॅकीज पर्वत, अलकनंदा, हिमालय, काराकोरम, विंध्याचल
  • दिशाओं के नाम – उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम
  • देशों के नाम –  चीन, अफगानिस्तान, इटली, जर्मनी, जापान, भारत, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान
  • ऐतिहासिक युद्धों और घटनाओं के नाम – तराईन का युद्ध, बक्सर का युद्ध, प्लासी का युद्ध, प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध
  • पुस्तकों तथा समाचारपत्रों के नाम – रामचरितमानस, ऋग्वेद, धर्मयुग
  • समुद्रों के नाम – अंध महासागर , काला सागर, भूमध्यसागर, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर
  • त्योहारों, उत्सवों के नाम – दीपावली, वैशाखी, ईद, लोहङी , रक्षाबंधन, विजयादशमी, होली
  • राष्ट्रीय जातियों के नाम – भारतीय, रूसी, जापानी
  • व्यक्तियों के नाम – संजय, रवि, रीना, ललिता, महेन्द्र
  • नगरों, चौकों और सङको के नाम – वाराणसी, चाँदनी चौक, अशोक मार्ग
  • नदियों के नाम – कृष्णा, कावेरी, सिंधु  यमुना, नर्मदा, गोदावरी, सरस्वती, गंगा, ब्रह्मपुत्र

दोस्तो आपने व्यक्तिवाचक संज्ञा को समझ लिया होगा ,अब हम जातिवाचक संज्ञा  को समझेंगे

जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?

जातिवाचक संज्ञा – Jaati Vachak Sangya

जिन संज्ञाओं से एक ही प्रकार की वस्तुओं अथवा व्यक्तियों का बोध हो, उन्हें ’जातिवाचक संज्ञा’ कहते हैं। जैसे – गाय, कार, घर, बस, कुत्ता, आदमी, फूल, मनुष्य, पहाङ, नदी, इत्यादि।

’फूल’ कहने से  फूलों की प्रजातियों का, ’गाय’ कहने से सभी तरह की गायों की प्रजातियों का, ’पहाङ’ कहने से विश्व के सभी पहाङों का

और ’नदी’ कहने से सभी प्रकार की नदियों का जातिगत बोध होता है।

Jaati Vachak Sangya
Jaati Vachak Sangya

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण

  • संबंधियों , व्यवसायों, पदों और कार्यों के नाम – भाई, पिता, दादा, कारीगर, बैंककर्मी,  जुलाहा, दुकानदार, धोबी, प्रोफेसर, दानी, ठग
  • पशु-पक्षियों के नाम – कुत्ता, घोङा, हाथी, गाय, चीता, बाघ, कौआ, मोर, कबूतर, कोयल, बाज
  • वस्तुओं के नाम – पेन, मेज , कुर्सी, प्लेट, पुस्तक, घड़ा, चाबी, कप, गिलास
  • प्राकृतिक तत्त्वों के नाम – आँधी, चक्रवात, बिजली, वर्षा,  सुखा, सुनामी, तूफान, भूकंप

भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?

Bhav Vachak Sangya

भाववाचक संज्ञा – Bhaav vachak sangya

जिस संज्ञा-शब्द से व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म, दशा अथवा व्यापार का बोध होता है, उसे ’भाववाचक संज्ञा’ कहते हैं, जैसे– बुढ़ापा, नारीत्व, लङकपन, मिठास, अपनत्व, शैशव, मित्रता, ममता, सुनाई, हँसी, लिखावट, दान, ठंडक, भूख, शत्रुता, यौवन, बचपन, मनुष्यता, स्वत्व, सर्वस्व, दिखावा इत्यादि। हर पदार्थ का धर्म होता है। पानी में शीतलता, आग में गर्मी,  मिठाई में मिठास का, मनुष्य में देवत्व और पशुत्व इत्यादि का होना आवश्यक है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा की तरह भाववाचक संज्ञा से भी किसी एक ही भाव का बोध होता है, ’धर्म’, ’गुण’, ’अर्थ’ और ’भाव’ प्रायः पर्यायवाची शब्द हैं। इस संज्ञा का अनुभव हमारी इंद्रियों को होता है भाववाचक संज्ञा का बहुवचन नहीं होता है।

bhav vachak sangya
Bhav Vachak Sangya
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण – Bhav vachak sangya

भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया, सर्वनाम और अव्यय में प्रत्यय लगाकर होता है।

उदाहरण –

सर्वनाम से – अपना-अपनापन, अपनाव, मम-ममता, ममत्व, निज-निजत्व,  इत्यादि

जातिवाचक संज्ञा से – गुरु-गुरुत्व, बच्चा-बचपन, राष्ट्र-राष्ट्रीयता, पुरुष-पुरुषत्व, बुढ़ा-बुढ़ापा, शिष्य-शिष्यत्व, जाति-जातीयता, लङका-लङकपन, शत्रु-शत्रुता, विद्वान-विद्वता दास-दासत्व, पंडित-पंडिताई,  इत्यादि।

अव्यय से – दूर-दूरी, परस्पर-पारस्पर्य, समीप-सामीप्य, निकट-नैकट्य, शाबाश-शाबाशी, वाहवाह-वाहवाही इत्यादि।

क्रिया से – हारना-हार, हँसना-हँसी, उतरना-उतार, सजना-सजावट, बचना-बचाव, बिकना-बिक्री, सूझना-सुझाव, लिखना-लिखाई, धोना-धुलाई, उङना-उङान, चढ़ना-चढ़ाई।

विशेषण से – चतुर-चतुराई, लंबा-लंबाई, ठंडा-ठंडाई, मूर्ख-मूर्खता, बुरा-बुराई, सुंदर-सुंदरता, मीठा-मिठास, मधुर-मधुरता, ऊँचा-ऊँचाई, चौङा-चौङाई, लघु-लघुता।

भाववाचक संज्ञा में जिन शब्दों का प्रयोग होता है,

समूहवाचक संज्ञा – Samuh Vachak Sangya

जिस संज्ञा से वस्तु अथवा व्यक्ति के समूह का बोध हो, उसे ’समूहवाचक संज्ञा’ कहते हैं, जैसे-व्यक्तियों का समूह-सभा, दल, गिरोह, वस्तुओं का समूह-गुच्छा, कुंज, मंडल, घौद।

द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?
द्रव्यवाचक संज्ञा – Dravya Vachak Sangya

जिस संज्ञा से नाप-तौल वाली वस्तु का बोध हो, उसे ’द्रव्यवाचक संज्ञा’(Dravya Vachak Sangya) कहते हैं। इस संज्ञा का सामान्यतः बहुवचन नहीं होता, जैसे-लोहा, सोना, चाँदी, दूध, पानी, तेल, तेजाब इत्यादि।

 

संज्ञाओं का प्रयोग – Sangya

संज्ञाओं के प्रयोग में कभी-कभी उलटफेर भी हो जाया करता है। कुछ उदाहरण यहाँ दिए जा रहे हैं

–
(क) जातिवाचक ⇒ व्यक्तिवाचक – कभी-कभी जातिवाचक संज्ञाओं का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञाओं में होता है।

जैसे-’पुरी’ से जगन्नाथपुरी का, ’देवी’ से दुर्गा का, ’दाऊ’ से कृष्ण के भाई बलदेव का, ’संवत्’ से विक्रमी संवत् का, ’भारतेन्दु ’ से बाबू हरिश्चंद्र का

और ’गोस्वामी’ से तुलसीदासजी का बोध होता हैं।

इसी तरह, बहुत-सी योगरूढ़ संज्ञाएँ मूल रूप से जातिवाचक होते हुए भी प्रयोग में व्यक्तिवाचक के अर्थ में चली आती है,

जैसे-गणेश, हनुमान, हिमालय, गोपाल इत्यादि।

(ख) व्यक्तिवाचक ⇒ जातिवाचक – कभी-कभी व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग जातिवाचक (अनेक व्यक्तियों के अर्थ) में होता है।

ऐसा किसी व्यक्ति का असाधारण गुण या धर्म दिखाने के लिए किया जाता है।

ऐसी अवस्था में व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा में बदल जाती है।

जैसे-गाँधी अपने समय के कृष्ण थे, यशोदा हमारे घर की लक्ष्मी है, तुम कलियुग के भीम हो इत्यादि।

(ग) भाववाचक ⇒ जातिवाचक – कभी-कभी भाववाचक संज्ञा(Bhav Vachak Sangya) का प्रयोग जातिवाचक संज्ञा में होता है।

उदाहरणार्थ-ये सब कैसे अच्छे पहरावे है। यहाँ ’पहरावा’ भाववाचक संज्ञा है, किंतु प्रयोग जातिवाचक संज्ञा में हुआ।

’पहरावे’ से ’पहनने के वस्त्र’ का बोध होता है।

जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना

जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञा
आदमीआदमियत
अतिथिआतिथ्य
नरनरत्व
नारीनारीत्व
किशोरकैशोर्य
जवानजवानी
चिकित्सकचिकित्सा
इंसानइंसानियत
कुमारकौमार्य
चोरचोरी
ठगठगी
देवदेवत्व
नेतानेतृत्व
पितापितृत्व
युवकयौवन
बूढ़ाबुढ़ापा
पशुपशुता/पशुत्व
ब्राह्मणब्राह्मणत्व
विद्वानविद्वत्ता
ठाकुरठकुराई
तरुणतारुण्य/तरुणाई
शिशुशैशव/शिशुता/शिशुत्व
वक्तावक्तृत्व
बंधुबंधुता/बंधुत्व
बालबालपन
ईश्वरईश्वरत्व/ईश्वरता
देवदेवत्व
शिष्यशिष्यता/शिष्यत्व
वृद्धवृद्धत्व/वार्धक्य
पुरुषपौरुष/पुरुषत्व
प्रभुप्रभुता
सज्जनसज्जनता
खेतखेती
दासदासता
सदस्यसदस्यता
दादादादागिरी
हिन्दूहिन्दुत्व
पुरुषपुरुषत्व
राष्ट्रराष्ट्रीयता
संस्कृतिसंस्कार
क्षत्रियक्षत्रियत्व
दोस्तदोस्ती
मित्रमित्रता
शठशठता
वीरवीरता/वीरत्व
स्त्रीस्त्रीत्व
वेदवेदत्व
वत्सलवात्सल्य
सतीसतीत्व
बच्चाबचपन
कुमारकौमार्य
सेवकसेवा
दानवदानवता
व्यक्तिव्यक्तित्व
चोरचोरी
बापबपौती
मातामातृत्व
भाईभाईचारा
लुटेरालूट
वकील वकालत
मनुष्यमनुष्यता
रंगरंगत
जातिजातीयता
शिक्षकशिक्षा
मूर्खमूर्खता

विशेषण से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना

विशेषणभाववाचक संज्ञा
अकेलाअकेलापन
अजरअजरता
उचितऔचित्य
आवश्यकआवश्यकता
उदारउदारता/औदार्य
संभाव्यसंभाव्यता
असारअसारता
सुभगसौभाग्य
अस्थिरअस्थिरता
अलगअलगाव
कृत्रिमकृत्रिमता
कुपात्रकुपात्रता
कृतघ्नकृतघ्नता
कुशलकुशलता
कुशाग्रकुशाग्रता
कुँआराकुँआरापन
कुटिलकुटिलता, कौटिल्य
कुलीनकुलीनता
अच्छाअच्छाई
आस्तिकआस्तिकता
उपयोगीउपयोगिता
अनिवार्यअनिवार्यता
एकएकता
एकाकीएकाकीपन
अनुकूलअनुकूलता
अवसरवादीअवसरवादिता
आलसीआलस्य
अजनबीअजनबीपन
कठोरकठोरता
कातरकातरता
ग्रामीणग्रामीणता
ऊँचाऊँचाई
गहरागहराई
ऊपरऊपरी
ग्राह्यग्राह्यता
अतिशयअतिशयता
गँवारगँवारुपन
असाध्यअसाध्यता
अरुणअरुणिमा
अमरअमरता/अमरत्व
उपयुक्तउपयुक्तता
अनदेखाअनदेखापन
अधिकआधिक्य/अधिकता
कालाकालापन/कालिमा
कमजोरकमजोरी
खट्टाखटास/खट्टापन
खारीखारीपन
अमरअमरता
गंभीरगंभीरता
गरीबगरीबी
गंदागंदगी
अनुकूलअनुकूलता
चपलचपलता
चंचलचंचलता
चारुचारुता
आधुनिकआधुनिकता
चतुरचतुरता/चातुर्य
कृशकृशता
चालाकचालाकी
चालबाजचालबाजी
तरलतरलता
तपतपस्या
तीव्रतीव्रता
तप्तताप
दुर्गमदुर्गमता
दुर्वहदुर्वहता
दानीदानशीलता
धीरधैर्य/धीरता
नवीननवीनता
नीरसनीरसता
नीरवनीरवता
प्रपंचीप्रपंच
प्रसन्नप्रसन्नता
पंकिलपंक
प्रचलितप्रचलन
फैलाफैलाव
बुराबुराई
भावुकभावुकता
भव्यभव्यता
मर्यादितमर्यादा
मलिनमलिनता/मालिन्य
मौलिकमौलिकता
मोहकमोह
यशस्वीयश
हानिकारकहानि
विकलविकलता
विफलविफलता
वध्यवध्यता
व्यथितव्यथा
विचारशीलविचारशीलता
वन्दनीयवन्दना
विलक्षणविलक्षणता
सुगमसुगमता
उन्नतउन्नति
ऋजुऋजुता
चौधरीचौधराहट
चमत्कारीचमत्कारिता
चलाऊचलाऊपन
धवलधवलता
निंदितनिंदा
नास्तिकनास्तिकता
नश्वरनश्वरता
नाटकनाटकीयता
नीलानीलापन/नीलिमा
परायापरायापन
पतलापतलापन
प्रयुक्तप्रयोग
प्रतिष्ठितप्रतिष्ठा
फेनिलफेन
बाह्यबाह्यता
भिन्नभिन्नता
भाग्यवान्भाग्य
भूराभूरापन
मोहकमोह
मानसिकमानसिकता
माननीयमान
मादकमादकता
लम्बालम्बाई
हिंसकहिंसा
सुन्दरसौन्दर्य/सुंदरता
सहृदयसहृदयता
सहजसहजता
शान्तशांति
स्पष्टस्पष्टता
स्वस्थस्वास्थ्य
शापितशाप
वाच्यवाचनीयता
विफलविफलता
सुलभसुलभता
उपकारीउपकारिता
दीनदीनता/दैन्य
दुष्टदुष्टता
दुर्लभदुर्लभता
दुर्बलदुर्बलता
नवलनवलता
निपुणनिपुणता/नैपुण्य
नितांतनितांतता
पराधीनपराधीनता
परतंत्रपरतंत्रता
प्रतापीप्रताप
परिमार्जितपरिमार्जन
ब्रह्माचारीब्रह्मचर्य
बुद्धिमानबुद्धिमता
मन्दमन्दता
मन्थरमन्थरता
मधुरमधुरता/माधुर्य
मधुमधुत्व
विचित्रविचित्रता/वैचित्र्य
लज्जितलज्जा
सरलसरलता/सारल्य
हराहीरतिमा/हरियाली
हास्यप्रदहास/हास्य
विकसितविकास
विमनवैमनस्य
व्यसनीव्यसन
वीरवीरता
स्थायीस्थायित्व
सुखदसुख
अच्छाअच्छाई
आलसीआलस्य
उदासीनउदासीनता
कटुकटुता
कांतकांति
परतंत्रपरतंत्रता
परिष्कृतपरिष्कार
पतिव्रतापातिव्रत्य
योगीयोग
लोभीलोभ
श्वेतश्वेतिमा
सुष्ठुसौष्ठव
स्वामीस्वामित्व

अव्ययों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना

अव्यय भाववाचक संज्ञा
तेजतेजी
शीघ्रशीघ्रता
निकटनिकटता
बहुतबहुतायत
जल्दीजल्दबाजी
देरदेरी
मनामनाही
नीचेनिचाई
समीपसमीपता
दूरदूरी
धिक्धिक्कार

क्रियाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना

क्रिया भाववाचक संज्ञा
अस्तिअस्तित्व
अतिक्रमणअतिक्रम
इच्छितइच्छा
आबादआबादी
आशीर्वादआशीष
उबालनाउबाल
खींचनाखिंचाव
खेलनाखेल/खिलवाङ
खोजनाखोज
घबरानाघबराहट
चिल्लानाचिल्लाहट
चुननाचुनाव
चबानाचबेना
छींकनाछींक
जीनाजीवन
जगानाजागृति
जोतनाजुताई
जलनाजलन
टीपनाटीप
टेरनाटेर
ठहरनाठहराव
दौङनादौङ
देखनादर्शन/दृष्टि
धधकनाधधक
फलाँगनाफलाँग
बचना/बचानापहुँचना/पहुँचाना
पालनापालन
बननाबनावट
बढ़नाबढ़ावा
बहनाबहाव
बहकनाबहक
बोलनाबोल
मुङनामोङ
रोकनारोक
रोनारुलाई
रोपनारुपाई
भभकनाभभक
सीखनासीख, सिखाई
आहुतआहुति
आयातितआयात
आनंदितआनंद
उत्तरितउत्तर
उतारनाउतराई
उभारनाउभार
कसनाकसावट
काटनाकटाई
कटनाकटाव
गिननागिनती
गरजनागर्जना
गुर्रानागुर्राहट
चीखनाचीख
चरानाचराई
छीजनाछीजन
जपनाजाप/जप
झपकनाझपकी
झपटनाझपट
झाँकनाझाँकी
झुकनाझुकाव
डरनाडर
तराशनातराश
तोङनातोल/तुलाई
दहाङनादहाङ
दिखानादिखावा
फैलनाफैलाव
पैठनापैठ
पढ़नापढ़ाई
पूजनापूजा
लूटनालूट
हँसनाहँसी
लुभानालोभ
भिङनाभिङन्त
भूलनाभूल
बुलानाबुलावा
लगानालागत
मारनामार
मिलानामिलान
सीनासिलाई
आमंत्रितआमंत्रण
अभिलषितअभिलाषा
आकांक्षितआकांक्षा
अक्सादितअवसाद
उधारउधारी
उलझानाउलझाव
अवधारितअवधारणा
अवमानितअवमानना
कमानाकमाई
गिरनागिरावट
गिङानागिङगिङाहट
चकरानाचक्कर
चलनाचलान
छापनाछपाई
छलनाछल
छटपटानाछटपटाहट
जगमगानाजगमगाहट
झुँझलानाझुँझलाहट
झङनाझङन
टकरानाटकराव
टिकानाटिकाव
ढ़लना/ढालनाढलना/ढलाई
तकना/ताकनाताक
थरथरानाथरथराहट
धङधङाना/धङकानाधङकन
नापनानाप/नपाई
पीसना/पिसानापिसाई
मिलनामेल/मेलिन
बोनाबुवाई
मुस्कुरानामुस्कान/मुस्कुराहट
मौतमरण/मृत्यु/मौत
लचकनालचक
सींचनासिंचाई
हरनाहरण
हारनाहार
सुधरनासुधार
लगना/लगनपहुँचना
संभालबढ़ाना
बदलनाबदलाव
उङताउङाव
गङगङानागङगङाहट
जलनाजलन
जपनाजप
जीनाजीवन
दौङनादौङ
धोनाधुलाई
पहुँचनापहुँच
बढ़ानाबढ़ोतरी
रोकनारोक
हारनाहार
सुधारना सुधार
लङनालङाई
सोना शयन
मारनामार
जीतनाजीत

दोस्तो अब हम संज्ञा टॉपिक को समझनें के बाद इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को भी पढेंगे ⇓⇓

संज्ञा के बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ’झूठा आदमी विश्वास के योग्य नहीं होता’ – इस वाक्य में ’विश्वास’ है-
(अ) अकर्मक क्रिया (ब) जातिवाचक संज्ञा
(स) गुणवाचक विशेषण (द) भाववाचक संज्ञा
सही उत्तर-(द)

2. निम्नलिखित में भाववाचक संज्ञा कौनसी है?
(अ) शत्रुता (ब) वीर
(स) मनुष्य (द) गुरु
सही उत्तर-(अ)

3. ’मधुर’ विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञा है?
(अ) माधुर्य (ब) मधुरिमा
(स) माधुरी (द) मधुरता
सही उत्तर-(अ)

4. निम्नलिखित में कौन-सा शब्द ’व्यक्तिवाचक संज्ञा’ है?
(अ) गाय (ब) पहाङ
(स) यमुना (द) आम
सही उत्तर-(स)

5. ’विद्वान’ विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञा है?
(अ) विदुषी (ब) विधाता
(स) विद्वता (द) वरदान
सही उत्तर-(स)

6. कौन-सा शब्द भाववाचक संज्ञा नहीं है?
(अ) मिठाई (ब) चतुराई
(स) लङाई (द) उतराई
सही उत्तर-(अ)

7. ’तुम्हें धोखा नहीं देना चाहिए’ वाक्य में ’धोखा’ संज्ञा है?
(अ) भाववाचक
(ब) समुदाय वाचक
(स) जाति वाचक
(द) व्यक्ति वाचक
सही उत्तर-(अ)

8. निम्नलिखित में कौन द्रव्यवाचक संज्ञा नहीं है?
(अ) लोहा (ब) घङी
(स) तेल (द) दूध
सही उत्तर-(ब)

9. जिन शब्दों का रूप लिंग वचन और कारक के आधार पर बदल जाता है, वे कहलाते है?
(अ) अविकारी (ब) एकार्थी
(स) अव्यय (द) विकारी
सही उत्तर-(द)

10. निम्नलिखित में कौन व्यक्तिवाचक संज्ञा नहीं है?
(अ) रामायण (ब) पटना
(स) औरत (द) गंगा
सही उत्तर-(स)

11. निम्न में से कौन-सा शब्द संज्ञा है?
(अ) क्रुद्ध (ब) क्रोधी
(स) क्रोध (द) क्रोधित
सही उत्तर-(स)

12. अर्थ के विचार से संज्ञा कितने प्रकार की होती है?
(अ) 4 (ब) 5
(स) 6 (द) 7
सही उत्तर-(ब)

13. इन शब्दों में भाववाचक संज्ञा शब्द कौन-सा है?
(अ) मित्रता (ब) पंडित
(स) इच्छा (द) चलना
सही उत्तर-(अ)

14. जातिवाचक संज्ञा बताएँ?
(अ) लङका (ब) सेना
(स) श्याम (द) दुःख
सही उत्तर-(अ)

15. संज्ञा का प्रकार नहीं है?
(अ) व्यक्तिवाचक (ब) जातिवाचक
(स) देशवाचक (द) भाववाचक
सही उत्तर-(स)

16. व्याकरण की दृष्टि से ’प्रेम’ शब्द क्या है?
(अ) भाववाचक संज्ञा (ब) विशेषण
(स) क्रिया (द) अव्यय
सही उत्तर-(अ)

17. ’भारतीय सेना बहुत शक्तिशाली है’ वाक्य में ’सेना’ संज्ञा है?
(अ) जातिवाचक (ब) समुदायवाचक
(स) भाववाचक (द) व्यक्तिवाचक
सही उत्तर-(ब)

18. अविकारी शब्द होता है?
(अ) संज्ञा (ब) सर्वनाम
(स) विशेषण (द) अव्यय
सही उत्तर-(द)

19. ’भाववाचक संज्ञा’ के अन्तर्गत आते है?
(अ) पशु-पक्षी आदि (ब) गुण-दोष आदि
(स) दिशाएँ आदि (द) आभूषण आदि
सही उत्तर-(ब)

20. जाति वाचक संज्ञा से किसका बोध नहीं होता है?
(अ) पद का (ब) पक्षी के नाम का
(स) पशु के नाम का (द) आदमी की जाति का
सही उत्तर-(द)

21. कौन-सा प्रत्यय लगाने से ’मधुर’ विशेषण भाववाचक संज्ञा में परिवर्तित हो जाएगा?
(अ) त्व (ब) ता
(स) तम (द) पन
सही उत्तर-(ब)

22. किसी व्यक्ति या वस्तु के नाम का बोध कराने वाले शब्द कहलाते हैं?
(अ) नामवाची (ब) संज्ञा
(स) नामधारी (द) विशेष
सही उत्तर-(ब)

23. जिन शब्दों में प्रयोग के अनुसार कोई परिवर्तन नहीं होता है, उन्हें कहा जाता है?
(अ) पद (ब) विकारी शब्द
(स) अविकारी (द) पदबंध
सही उत्तर-(स)

24. ’सोना-चाँदी’ में संज्ञा का भेद बताएँ?
(अ) समूह वाचक (ब) जातिवाचक
(स) द्रव्यवाचक (द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(स)

25. बुढ़ापा भी एक प्रकार का अभिशाप है’ – शब्द में ’बुढ़ापा’ कौनसी संज्ञा है?
(अ) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ब) भाववाचक संज्ञा
(स) जातिवाचक संज्ञा (द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)

26. ’कुँज’ में संज्ञा शब्द का भेद बताएँ?
(अ) जातिवाचक (ब) समूहवाचक
(स) भाववाचक (द) इनमें से कोई नहीं
सही उत्तर-(ब)

27. निम्नलिखित शब्दों में कौन-सा शब्द ’भाववाचक संज्ञा’ के अन्तर्गत रखा जाएगा?
(अ) मोहन (ब) नदी
(स) हरियाली (द) अयोध्या
सही उत्तर-(स)

28. निम्नलिखित में कौन व्यक्तिवाचक संज्ञा है?
(अ) शिक्षक (ब) विद्यार्थी
(स) मंत्री (द) महेन्द्र
सही उत्तर-(द)

29. इनमें व्यक्तिवाचक संज्ञा कौनसी है?
(अ) माण्डवी (ब) घरेलू
(स) भला (द) स्वतंत्र
सही उत्तर-(अ)

30. ’कोयला’ में संज्ञा शब्द का भेद बताएँ?
(अ) व्यक्तिवाचक (ब) समूहवाचक
(स) भाववाचक (द) जातिवाचक
सही उत्तर-(द)

संज्ञा के प्रश्न उत्तर

31. व्यक्तिवाचक संज्ञा के लिए कौन-सा शब्द स्वीकार्य है?
(अ) फल (ब) आलस्य
(स) देश (द) राकेश
सही उत्तर-(द)

32. ’मिठास’ शब्द है?
(अ) व्यक्तिवाचक संज्ञा (ब) जातिवाचक संज्ञा
(स) भाववाचक संज्ञा (द) समूह वाचक संज्ञा
सही उत्तर-(स)

33. ’हिमालय’ शब्द में संज्ञा है-
(अ) जातिवाचक (ब) भाववाचक
(स) द्रव्यवाचक (द) व्यक्तिवाचक
सही उत्तर-(द)

34. ’माहात्म्य’ शब्द है?
(अ) क्रिया (ब) जातिवाचक
(स) व्यक्तिवाचक (द) भाववाचक
सही उत्तर-(द)

35. संज्ञा के विकार हैं-
(अ) लिंग (ब) वचन
(स) कारक (द) उपर्युक्त सभी
सही उत्तर-(द)

36. निम्नलिखित में से किस विकल्प में सभी शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ है?
(अ) ममता, बैल, राधेश्याम
(ब) राधेश्याम, पन्नालाल, हिमालय
(स) आम, साधना, ऊँचाई
(द) गाय, मूर्खता, चालाकी
सही उत्तर-(ब)

37. निम्न में से व्यक्तिवाचक संज्ञा है-
(अ) अरावली (ब) पर्वत
(स) बचपन (द) नगर
सही उत्तर-(अ)

38. निम्नलिखित में से किस विकल्प में सभी शब्द भाववाचक संज्ञाएँ है?
(अ) धैर्य, चतुराई, प्रेम
(ब) अकेलापन, वृक्ष, दृढ़ता
(स) खुलापन, फूहङता, सूर्य
(द) उङासी, शेर, चालाकी
सही उत्तर-(अ)

39. भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है-
(अ) हिमालय (ब) भारतवर्ष
(स) कठोरता (द) जयन्त
सही उत्तर-(स)

40. विशेषण से भाववाचक बनने वाला शब्द है?
(अ) नहाता (ब) शिष्टता
(स) खेलता (द) दौङना
सही उत्तर-(ब)

संज्ञा के महत्वपूर्ण प्रश्न

41. ’नीलिमा’ शब्द में निहित संज्ञा है-
(अ) द्रव्यवाचक (ब) व्यक्तिवाचक
(स) जातिवाचक (द) भाववाचक
सही उत्तर-(द)

42. हमें गरीबों पर दया करनी चाहिए, इसमें रेखांकित शब्द है?
(अ) अवस्था सूचक विशेषण
(ब) संज्ञा
(स) विशेषण
(द) क्रिया
सही उत्तर-(स)

43. जातिवाचक संज्ञा नहीं है?
(अ) शैशव (ब) लोहा
(स) लकङी (द) पुस्तक
सही उत्तर-(अ)

44. भाववाचक संज्ञा में बोध होता है-
(अ) गुण, दशा, व्यापार का
(ब) व्यक्ति, वस्तु, स्थान का
(स) जाति, वर्ग का
(द) उपर्युक्त सभी का
सही उत्तर-(अ)

45. ’वात्सल्य’ ’वत्सल’ की कौन-सी संज्ञा है?
(अ) जातिवाचक (ब) भाववाचक
(स) व्यक्तिवाचक(द) द्रव्यवाचक
सही उत्तर-(ब)

Sangya

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