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संख्यावाचक विशेषण – परिभाषा, भेद और उदाहरण || Sankhya Vachak Visheshan

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:11th Jun, 2022| Comments: 0

आज के आर्टिकल में हम विशेषण के अंतर्गत संख्यावाचक विशेषण(Sankhya Vachak Visheshan) को अच्छे से समझेंगे और इसके उदाहरणों के माध्यम से विस्तार से पढेंगे ।

संख्यावाचक विशेषण – Sankhya Vachak Visheshan

Table of Contents

  • संख्यावाचक विशेषण – Sankhya Vachak Visheshan
    • संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा – Sankhya Vachak Visheshan ki Paribhasha
    • संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण – Sankhya Vachak Visheshan ke Udaharan
    • संख्यावाचक विशेषण के भेद – Sankhya Vachak Visheshan ke Bhed
      • (1) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
      • (2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा – Sankhya Vachak Visheshan ki Paribhasha

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की संख्या बताते हैं अर्थात् संज्ञा एवं सर्वनाम का संख्या, समूह, आवृत्ति, और क्रम आदि का बोध कराते है, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते है।

दूसरे शब्दों में जो विशेषण अपने विशष्यों की निश्चित एवं अनिश्चित संख्याओं का बोध कराते है, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते है।

जैसे – तीन, चार, दस, एक, बीस, चौगुना, पाँचों, अनेक, कुछ, कई, पाँच, दुगुना, तीसरा, सौ, हजार ।

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण – Sankhya Vachak Visheshan ke Udaharan

  • मेरे स्कूल में इमारत चार मंजिला है।
  • मेरे पास दस पेन है।
  • पाँच घोङे दौङते है।
  • तारा दोगुने फल ले गई।
  • दस विद्यार्थी पढ़ते है।
  • विद्यालय के कुछ छात्र पिकनिक पर गए है।
  • मेरे पास बहुत सारी किताबें है।
  • रविना के दो भाई और तीन बहनें है।
  • मेरे घर में दो साईकिल है।
  • चारों भाई बहुत ही शक्तिशाली है।
  • दशरथ के चार पुत्र है।
  • राधा के पास पांच पुस्तकें हैं।
  • मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।
  • पवन आठवीं कक्षा में पढ़ता है।
  • मेरे पाँच दोस्त जयपुर गए है।
  • मैंने सरकार को कई पत्र लिखे।
  • हमारे गांव में दो हाॅस्पिटल है।

संख्यावाचक विशेषण के भेद – Sankhya Vachak Visheshan ke Bhed

संख्यावाचक विशेषण के दो भेद होते है।

  1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण
  2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।

(1) निश्चित संख्यावाचक विशेषण

जो विशेषण शब्द विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते है।

दूसरे शब्दों में, ’’जिससे किसी निश्चित संख्या का ज्ञान हो, वह निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है।

जैसे – एक, दो, तिगुना, चौगुना, चार, पहला, दुगुना, इकहरा, दोहरा।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण –

  • कमरे में एक पंखा घूम रहा है।
  • मेरी कक्षा में पचास विद्यार्थी है।
  • मेरे पास दो केले है।
  • मेरे चार दोस्त है।
  • कल मेरे दो दोस्त आएंगे।
  • चार आम खाओ।
  • मेरे दोस्त ने मुझे पचास रुपए दिए।
  • एक लङका विद्यालय जा रहा है।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के छः भेद है।

(क) गणनावाचक विशेषण – जिस विशेषण से साधारण संख्या या गिनती का बोध होता है, उसे गणनावाचक विशेषण कहते है।

गणनावाचक विशेषण के दो भेद है –

(अ) पूर्ण संख्यावाचक – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की निश्चित संख्या का ज्ञान करवाते हैं, वे पूर्ण संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – दस लङकियां, पाँच आदमी, दो, चार, सात।

(ब) अपूर्ण संख्यावाचक – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की अपूर्ण संख्या का ज्ञान करवाते हैं, वे अपूर्ण संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – ढाई, साढ़े तीन, पौने सात, ढाई किलो मीटर, सवा पांच रुपए आदि।

(ख) क्रमवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के क्रम का ज्ञान करवाते हैं, वे क्रमवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – चौथा आदमी, दूसरी कक्षा, तीसरी खिङकी, तीसरा, सातवां, आठवां।

(ग) आवृत्तिवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की आवृत्ति का ज्ञान कराते हैं, वे आवृत्तिसूचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – तीन बार, पांच बार, सात बार आदि।

(घ) समुदायवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के समुदाय का ज्ञान करवाते हैं, वे समुदायवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – पांचों, सातों, आठों, सभी।

(ङ) समुच्चयबोधक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के समुच्चय का ज्ञान करवाते हैं, वे समुच्चयबोधक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – दशक, बत्तीसा, चालीसा, पचासा, साठा, दर्जन, जोङा, शतक आदि।

(च) प्रत्येकवाचक विशेषण – जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के एक-एक रूप का ज्ञान करवाते हैं, वे प्रत्येकवाचक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – प्रत्येक, प्रतिमास, प्रतिवर्ष, एक-एक, पांच-पांच आदि।

(2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

जो विशेषण शब्द विशेष्य की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते, उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है।

दूसरे शब्दों में, ’’जिस विशेषण की संख्या निश्चित रूप से नहीं जानी जाती, उन्हें अनिश्चित विशेषण कहते है।

जैसे – कुछ, सब, कई, बहुत कम, काफी, थोङा, लगभग।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण –

  • कक्षा में बहुत कम छात्र उपस्थित हुए है।
  • आज बहुत सारे पक्षी उङ रहे है।
  • कुछ फल खाकर ही मेरी भूख मिट गई।
  • करीब तीस रूपए मिलेंगे।
  • जागरण में लगभग पचास लोग आएँगे।
  • थोङा सा खाना ले आओ।
  • आप सब आओगे क्या ?
  • आसमान में अनगिनत तारे होते है।
  • थोङा सा खाना ही खाऊँगी।
  • आज मंदिर में बहुत भीङ है।
  • सारे सेब खराब हो गए।
  • शहर में अनेक मकान जल गए।
  • बम के भय से कुछ लोग बेहोश हो गए।
  • कुछ देर बाद मैं चली जाऊँगी।
  • रवि कक्षा में प्रथम आया है।
  • भारत देश में कई सारे महापुरुषों का जन्म हुआ।
  • दूध से दोगुना पानी।
  • कल बाजार बहुत भरा हुआ था।
  • मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।
  • बाढ़ में बहुत सारे लोग मारे गए।
  • कुछ लोग घर पर है।
  • सैकङों लोग मारे गए।
  • पुस्तकालय में असंख्य पुस्तकें है।

गुणवाचक विशेषण

परिमाणवाचक विशेषण

सार्वनामिक/संकेतवाचक विशेषण

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