रीतिकाल

बिहारी रत्नाकर – जगन्नाथदास रत्नाकर || व्याख्या सहित || पद 1 से 25 तक

बिहारी रत्नाकर

इस आर्टिकल में बिहारी सतसई की टीका बिहारी रत्नाकर – जगन्नाथदास रत्नाकर(Bihari Ratnakar Jagnath Das Ratnakar) को महत्त्वपूर्ण तथ्यों के साथ समझाया गया है। बिहारी रत्नाकर – जगन्नाथदास रत्नाकर मेरी भव-बाधा हरौ, राधा नागरि सोइ। जा तन की झाँई परे, स्याम हरित-दुति होइ॥ 1 शब्दार्थ : भव – बाधा = सांसारिक कष्ठ नागरि = चतुर …

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रीतिकाल की पृष्ठभूमि || Ritikaal ki prsthbhumi || hindi sahitya

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रीतिकाल की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि भाषा साहित्य के निर्माण में युगीन वातावरण का विशेष योगदान होता है। प्रत्येक युग का वातावरण राजनीति, समाज, संस्कृति और कला के मूल्यों द्वारा निर्मित होता है, इसलिए युग विशेष के साहित्य के अध्ययन के लिए तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का ज्ञान होना आवश्यक है। रीतिकाल की पृष्ठभूमि के …

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रीतिमुक्त कवि बोधा जीवन परिचय – रीतिकालीन कवि || Hindi Sahitya

रीतिमुक्त कवि बोधा जीवन परिचय

आज के आर्टिकल में हम रीतिमुक्त कवि बोधा  (Bodha) का जीवन परिचय और उनकी रचनाएं की जानकारी प्राप्त करेंगे । बोधा का जीवन परिचय और रचनाएँ : बोधा का जन्म राजापुर जिला बाँदा मे हुआ यह सरयू पारी ब्राह्मण थे। इनका मूल नाम बुद्धिसेन था। शिव सिंह सरोज के अनुसार इनका जन्म संवत् 1804 (1747ई. …

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Ritikaal Kavydhara – रीतिकाल काव्यधारा (1700-1900 ई. तक) – हिंदी साहित्य

Ritikaal Kavydhara

आज के आर्टिकल में हम हिंदी साहित्य के इतिहास के अंतर्गत रीतिकाल काव्यधारा (Ritikaal Kavydhara)को पढेंगे ,आप इसे अच्छे से पढ़ें । रीतिकाल (1700-1900 ई. तक)   हिन्दी साहित्य के ’मध्य युग’ को पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल) तथा उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल) के नाम से जाना जाता है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने इसका सीमा निर्धारण संवत् 1700-1900 …

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रीतिमुक्त काव्य की विशेषताएँ || रीतिकाल || hindi sahitya

दोस्तों आज हम रीतिकाल काव्यधारा में हम रीतिमुक्त काव्य की विशेषताएँ पढेंगे ,जिसके बारे में आपको जानना बहुत जरुरी है रीतिमुक्त काव्य की सामान्य विशेषताएँ  भावावेग काव्य – रीतिमुक्त पद्धति के कवियों और इनकी काव्य-प्रवृत्तियाँ का जो परिचय यहां प्रस्तुत किया गया है उसके समन्वित आकलन से रीतिकालीन स्वच्छंद काव्यधारा का यह स्वरूप स्थिर होता …

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रीतिबद्ध काव्य धारा सम्पूर्ण

रीतिबद्ध काव्य धारा

दोस्तो आज हम रीतिकाल की रीतिबद्ध काव्य धारा सम्पूर्ण के बारे मे विस्तृत से जानेगे ताकि हमारा ये टॉपिक अच्छे से क्लियर हो सके रीतिबद्ध काव्य धारा सम्पूर्ण हिन्दी साहित्य  भूषण  भूषण ( १६१३-१७०५ ) रीतिकाल के तीन प्रमुख कवियों बिहारी , केशव और भूषण में से एक हैं। हिंदी साहित्य योजना से जुड़ें  ⇒  …

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रीतिकाल महत्वपूर्ण सार संग्रह 2

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रीतिकाल महत्वपूर्ण सार संग्रह 2 हिन्दी साहित्य के बेहतरीन वीडियो के लिए यहाँ क्लिक करें  रीतिकाल का समय निर्धारण 1700-1900 वि. आचार्य शुक्ल के अनुसार सर्वमान्य मत 1650-1850 ई. डाॅ. नगेन्द्र रीतिकाल के अन्य नाम ⇓⇓ उतरमध्य काल-रीतिकाल – आचार्य शुक्ल अलंकृत काल – मिश्र बंधु श्र्ंगार काल  – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ‘रीति’ का अर्थ है …

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रीतिकाल विशेष हिंदी साहित्य

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आज के पोस्ट में हम रीतिकालीन कवियों के महत्त्वपूर्ण प्रश्न जो परीक्षा में अक्सर पूछे जाते है उनके बारे में पढ़ेंगे। रीतिकाल विशेष हिंदी साहित्य 1. नगेन्द्र ने कवि देव की किस रचना को नायिका भेद का विश्वकोश माना है? ⇒ सुखसागर तरंग 2.पदमाकर की कोनसी रचना वाल्मीकि के रामायण का छायानुवाद है? ⇒ राम …

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