रीतिमुक्त कवि बोधा जीवन परिचय – रीतिकालीन कवि || Hindi Sahitya

आज के आर्टिकल में हम रीतिमुक्त कवि बोधा  (Bodha) का जीवन परिचय और उनकी रचनाएं की जानकारी प्राप्त करेंगे ।

रीतिमुक्त कवि बोधा जीवन परिचय

बोधा का जीवन परिचय और रचनाएँ :

  • बोधा का जन्म राजापुर जिला बाँदा मे हुआ
  • यह सरयू पारी ब्राह्मण थे।
  • इनका मूल नाम बुद्धिसेन था।
  • शिव सिंह सरोज के अनुसार इनका जन्म संवत् 1804 (1747ई. ) मे हुआ।
  • इनका काव्य काल संवत्1830 -1860 (1773 ई. से 1803ई.)माना जाता है।
  • पन्ना दरबार मे सुभान नामक वेश्या से प्रेम करते थे।
  • राजा खेत सिंह ने नाराज होकर इनको 6 महीने का देश निकाला दे दिया। तब इन्होने विरहवारीश की रचना की ।

 प्रमुख कथन

  • प्रेम के पीर की व्यंजना भी इन्होंने बड़ी मर्मस्पर्शिनी युक्ति से कही है -आचार्य शुक्ल
  • व्याकरण दोष होने पर भी इनकी भाषा चलती और मुहावरेदार है -आचार्य शुक्ल
  • बोधा बेधड़क होकर निसंकोच बात करते हैं – डॉक्टर नगेंद्र
  • ‘नेजे’,’कटारी ‘और ‘क़ुरबान ‘वाली बजारी ढंग की रचना भी इन्होंने कहीं-कहीं की है – आचार्य शुक्ल
  • यह भावुक और रसज्ञ के कवि थे इसमें कोई संदेह नहीं -आचार्य शुक्ल
  • इन्होंने कई रीति ग्रंथों में लिखकर अपनी मौज के अनुसार फुटकर पदों की रचना की है -आचार्य शुक्ल

बोधा के द्वारा 2 ग्रंथो कि रचना की गई :-

(1) विरहवारीश
(2) इश्कनामा

 विरहवारीश :-

  •  सुभान के वियोग मे इन्होने विरहवागीश की  रचना की ।
  • आलम की माधवनल कामकंदला पर आधारित रचना विरहवारीश है।
  • यह प्रबंध काव्य है।

 इश्कनामा :-

  • विरह सुभान दम्पति विलास इश्क नामा रचना है।
  • यह श्रृंगार परक रचना है।
  • यह मुक्तक रचना हैं।

बोधा की प्रमुख पंक्तियां

1. अति खीन मृणाल के तरहु ते नहीं ऊपर पाँव दै आवणो है।

2. दाता कहां,सूर कहां,सुंदर सुजान कहां, आप को न चाहै ताके बाप को न चाहिए।

3. कबहूं मिलिबो कबहूं मिलिबो वह धीरज ही में धरैबो करें।

4. यह प्रेम को पंथ कराल महा तरवारि की धार पै धावनो है।

5.एक सुभान के आनन पर कुरबान जहां लगी रूप जहां को।

6 . जान मिले तौ जहान मिले नहीं जान मिले तौ जहान कहा को।

7. हिलि मिलि जानै तासों मिलि कै जनावे हेत,
हित को ना जानै ताको हितू न बिसहिये ।

दोस्तो आज के आर्टिकल में हमने रीतिमुक्त कवि बोधा के बारे में परीक्षा में आने वाले तथ्यों के बारे में पढ़ा है ,अगर आप हमारे इस आर्टिकल से पूरी तरह से खुश है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तो को जरूर शेयर करें ।

3 thoughts on “रीतिमुक्त कवि बोधा जीवन परिचय – रीतिकालीन कवि || Hindi Sahitya”

  1. जी, चंदबरदाई की जानकारी प्रस्तुत कीजिए।

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