Viram Chinh in Hindi – विराम चिह्न क्या है | Top 300+ उदाहरण

Viram chinh

विराम का अर्थ होता है -ठहरना या विश्राम । भाषा के लिखित रूप में विशेष स्थानों पर रुकने का संकेत करने वाले विशेष चिन्हों को विराम चिन्ह कहां जाता है। अर्थात् जब हमें बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-थोड़ा रुकना पड़ता है, जिससे हमारी भाषा और अधिक स्पष्ट ,अर्थवान और भावपूर्ण हो जाती है। भाषा …

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Visheshan – विशेषण : परिभाषा ,भेद , 500+ Top उदाहरण

विशेषण

आज की पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण में विशेषण(Visheshan)को पढने वाले है। इसके अंतर्गत हम विशेष टॉपिक विशेषण की परिभाषा(Visheshan ki Paribhasha) , विशेषण किसे कहते है(Visheshan kise kahate Hain), विशेषण के भेद(Visheshan ke Bhed), विशेषण के उदाहरण(Visheshan ke Udaharan), adjective meaning in hindi,आदि को विस्तार से समझेंगे । इस आर्टिकल के अंत में परीक्षा …

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Kabir Das ka Jivan Parichay | कबीर दास का जीवन परिचय

Kabir Das

आज के आर्टिकल में भक्तिकाल के चर्चित कवि कबीरदास के सम्पूर्ण जीवन परिचय (Kabir Das ka Jivan Parichay) को विस्तार से पढेंगे । कबीर दास जी का सम्पूर्ण परिचय – Kabir Das ka Jivan Parichay संत कबीर दास का जीवन परिचय -Kabir Das Jivan Parichay भारतीय धर्म साधना के इतिहास में कबीर ऐसे महान् विचार …

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Hindi Varnamala || हिंदी वर्णमाला || Hindi Grammar

Hindi Varnamala

दोस्तो आज की पोस्ट में हिंदी व्याकरण के अंतर्गत हम हिंदी वर्णमाला(Hindi Varnamala), हिंदी वर्णमाला चार्ट(Hindi varnamala chart), हिंदी अल्फाबेट चार्ट (Hindi alphabet chart), हिंदी व्यंजन(Hindi vyanjan), हिन्दी वर्णमाला(Hindi varnmala), हिंदी स्वर (Hindi swar), हिंदी अक्षरमाला(Hindi aksharmala),वर्णमाला इन हिंदी(Varnmala in hindi), हिंदी वर्णमाला शब्द (Hindi varnamala words), हिंदी वर्णमाला वर्कशीट(Hindi varnamala Worksheets), को पढेंगे और …

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फोर्ट विलियम कॉलेज – स्थापना, संस्थापक, प्रोफ़ेसर और भाषा मुंशी

फोर्ट विलियम कॉलेज(Fort William College)

फोर्ट विलियम कॉलेज (Fort William College): इसकी स्थापना कोलकाता में 10 जुलाई, 1800 ई. को हुई। इसकी स्थापना गवर्नर लॉर्ड वेलेजली ने करवाई। इस संस्था का पूर्व नाम ऑरिएंटल सेमिनरी था। इसके पहले हिंदी विभाग के प्रोफ़ेसर जॉन गिलक्राइस्ट थे। यहाँ भाषा मुंशी के पद पर लल्लूलाल जी व सदल मिश्र थे। फोर्ट विलियम कॉलेज …

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चिंतामणि त्रिपाठी – जीवन परिचय | रीतिबद्ध कवि | हिंदी साहित्य का इतिहास

चिंतामणि त्रिपाठी का जीवन परिचय

आज के आर्टिकल में हम रीतिबद्ध कवि चिंतामणि त्रिपाठी के सम्पूर्ण जीवन परिचय(Chintamani ka Jiwan Parichay) के बारे में विस्तार से जानने वाले है। चिंतामणि त्रिपाठी – Chintamani ka Jiwan Parichay चिंतामणि त्रिपाठी रीति काल के रीतिग्रंथकार अलंकारवादी आचार्य कवि थे। इनका जन्म 1609 ई. में तिकवाँपुर (कानपुर) में हुआ। ये तिकवांपुर, ज़िला कानपुर के …

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सरस्वती पत्रिका | सम्पूर्ण जानकारी | द्विवेदी युग | Saraswati Patrika

सरस्वती पत्रिका

इस आर्टिकल में द्विवेदी युग की चर्चित पत्रिका सरस्वती पत्रिका(Saraswati Patrika) के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है सरस्वती पत्रिका – Saraswati Patrika हिन्दी की पहली मासिक पत्रिका। जनवरी माह 1900 ई० में इंडियन प्रेस के संस्थापक बाबू चिंतामणी घोष द्वारा स्थापित और मई 1976 में अंतिम अंक प्रकाशित हुआ। सम्पादक: श्यामसुन्दर दास …

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शब्द शक्ति – अभिधा, लक्षणा और व्यंजना | उदाहरणों सहित

शब्द शक्ति

इस आर्टिकल में हिंदी व्याकरण के अंतर्गत शब्द शक्ति(Shabd Shakti) की पीडीऍफ़ फाइल उपलब्ध करवाई गयी है शब्द शक्ति- अभिधा, लक्षणा और व्यंजना साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

अ की मात्रा वाले शब्द – A ki Matra Wale Shabd

A ki Matra Wale Shabd

आज के आर्टिकल में हम अ की मात्रा वाले शब्द(A ki Matra Wale Shabd) की पूरी जानकारी आपको देंगे। आप आर्टिकल को अच्छे से पढ़ें। अ की मात्रा वाले शब्द – A ki Matra Wale Shabd दोस्तो अगर आप हिंदी सीखनें को उत्सुक हो , तो सही जगह हो आपको इस आर्टिकल में अ की …

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#1 नाथ साहित्य – अर्थ , प्रमुख ग्रन्थ , विशेषताएँ | हिंदी साहित्य | Best Notes(2024)

नाथ साहित्य

नाथ साहित्य :  महायान से सहजयान और सहजयान से नाथ सम्प्रदाय का विकास हुआ। सिद्धों की वाममार्गी भोगप्रधान योगसाधना की प्रतिक्रिया के रूप में आदिकाल में नाथ पन्थियों की हठयोग साधना आरम्भ हुई। राहुल सांकृत्यायन नाथपंथ को सिद्धों की परम्परा का ही विकसित रूप मानते हैं। इस पंथ को चलाने वाले मत्स्येन्द्रनाथ तथा गोरखनाथ माने …

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पाठ प्रस्तावना कौशल – अर्थ, परिभाषा, प्रस्तावना, लक्षण, मूल्यांकन

पाठ प्रस्तावना कौशल

इस आर्टिकल में हम पाठ प्रस्तावना कौशल(Path Prastavana Kaushal)  के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है ,उम्मीद है आपको इस टॉपिक पर सब क्लियर हो जाएगा। प्रस्तावना कौशल – Path Prastavana Kaushal पाठ प्रस्तावना कौशल अर्थ (Skill of Introducing a Lesson) प्रस्तावना कौशल शिक्षण प्रक्रिया की नींव हैं, क्योंकि किसी भी प्रकरण की …

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यमक अलंकार – Yamak Alankar | परिभाषा, पहचान | 10 उदाहरण

यमक अलंकार

यमक अलंकार: जब काव्य में एक शब्द का प्रयोग दो या अधिक बार प्रयुक्त होता है और हर बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब काव्य की पंक्तियों में यमक अलंकार(Yamak Alankar) होता है। यमक का अर्थ है – युग्म या जोङा। यमक अलंकार के दो भेद होते है  – अभंग और सभंग आज के …

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विभावना अलंकार – Vibhavana Alankar | परिभाषा, उदाहरण, पहचान

Vibhavana Alankar

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत विभावना अलंकार (Vibhavana Alankar) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। विभावना अलंकार – Vibhavana Alankar लक्षणः- ’’विभावना विनापि स्यात् कारणं कार्य जन्म चेत्।’’ विभावना अलंकार की परिभाषा – Vibhavana Alankar ki Paribhasha हमारे द्वारा जो कोई भी कार्य किया जाता है, उनके पीछे …

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मानवीकरण अलंकार – Manvikaran Alankar | परिभाषा, उदाहरण, पहचान

Manvikaran Alankar

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत मानवीकरण अलंकार (Manvikaran Alankar) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। मानवीकरण अलंकार – Manvikaran Alankar परिभाषा – मानवीकरण अलंकार जब प्राकृतिक चीजों में मानवीय क्रियाओं के होने का वर्णन हो भाव हो , तब वहाँ  मानवीकरण अलंकार होता है जब किसी पद में …

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