• मुख्यपृष्ठ
  • पीडीऍफ़ नोट्स
  • साहित्य वीडियो
  • कहानियाँ
  • हिंदी व्याकरण
  • रीतिकाल
  • हिंदी लेखक
  • हिंदी कविता
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • हिंदी लेख
  • आर्टिकल

हिंदी साहित्य चैनल

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • 🏠 मुख्यपृष्ठ
  • पीडीऍफ़ नोट्स
  • साहित्य वीडियो
  • रीतिकाल
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • आर्टिकल

रीतिकाल की पृष्ठभूमि || Ritikaal ki prsthbhumi || hindi sahitya

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:26th Jul, 2019| Comments: 1

रीतिकाल की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

Table of Contents

  • रीतिकाल की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
    • रीतिकाल की राजनीतिक परिस्थिति
    • रीतिकाल की सामाजिक परिस्थिति
    • रीतिकाल की सांस्कृतिक परिस्थिति
      • रीतिकाल की साहित्यिक परिस्थितियाँ

भाषा साहित्य के निर्माण में युगीन वातावरण का विशेष योगदान होता है। प्रत्येक युग का वातावरण राजनीति, समाज, संस्कृति और कला के मूल्यों द्वारा निर्मित होता है, इसलिए युग विशेष के साहित्य के अध्ययन के लिए तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का ज्ञान होना आवश्यक है। रीतिकाल की पृष्ठभूमि के सन्दर्भ में विभिन्न परिस्थितियों का विवरण निम्नलिखित है

रीतिकाल की राजनीतिक परिस्थिति

 

  • राजनीतिक दृष्टि से काल मुगलों के शासन के वैभव के चरमोत्कर्ष और उसके बाद उत्तरोतर काल के हृास, पतन और विनाश का काल था। शाहजहाँ के शासनकाल में मुगल वैभव अपनी चरम सीमा पर था। राजदरबारों में वैभव, भव्यता और अलंकरण प्रमुख था। राजा और सामन्त मनोरंजन के लिए गुणीजनों, कवियों और कलाकारों को प्रश्रय देते थे। जहाँगीर ने अपने शासनकाल में राज्य का विस्तार किया था, उसे शाहजहाँ ने दक्षिण भारत तक विस्तृत कर दिया।
  • शाहजहाँ के बाद औरगंजेब ने जब सता सँभाली तो धार्मिक उपद्रव शुरू हो गए, परिणामस्वरूप उसका शासनकाल इन्हीं उपद्रवों में समाप्त हो गया। इसके पश्चात् उतरवर्ती मुगल शासन प्रारम्भ हुआ। यह शासन धीरे-धीरे कमजोर होता गया और मुगलों पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया।
  • अवध के विलासी शासकों का अन्त भी मुगल साम्राज्य के समान कारुणिक रहा। राजस्थान में भी विलास और बहुपत्नी प्रथा इतनी बढ गई थी कि औरगंजेब के बाद राजपुरुष कुचक्रों, षड्यन्त्रों और आन्तरिक कलह के शिकार होकर पतनोन्मुख हो गए। बिहारी के काव्य में वर्णित मुगलकालीन वैभव, विलास का समर्थन हाॅकिन्स ने अपने यात्रा वृतान्त में किया है।

रीतिकाल की सामाजिक परिस्थिति

 


  • सामाजिक दृष्टि से इस काल को आदि से अन्त तक घोर अधःपतन का काल कहना चाहिए। इस काल में सामान्तवाद का बोलबाला था, जिस कारण सामन्तशाही का जनसामान्य पर भी पङ रहा था। सामाजिक व्यवस्था का केन्द्रबिन्दु बादशाह था। इस वर्ग के श्रमजीवी कृषक, सेठ-साहूकार, व्यापारी आदि सभी शोषित थे।
  • यहाँ जनसाधारण की चिकित्सा का प्रबन्ध भी नहीं था। ऐसी दयनीय दशा में लोग भाग्यवादी या नैतिक मूल्यों से रहित थे। कार्य सिद्धि के लिए उत्कोच (घूस) लेना-देना साधारण बात थी, जिस कारण विलासिता की प्रवृति बढ गई और नारी मात्र ’भोग्या’ बनकर रह गई थी। कन्याओं का अपहरण अभिजात्य वर्ग के लोगों के लिए साधारण बात थी, इसलिए अल्पायु में ही लङकियों का विवाह कर दिया जाता था। यहाँ बहु विवाह की प्रथा भी प्रचलित थी तथा अभिजात्य संस्कृति और नैतिक मूल्यों का हृास हो गया था।

रीतिकाल की सांस्कृतिक परिस्थिति

 

  • सामाजिक परिस्थिति के समान सांस्कृतिक परिस्थिति भी अत्यन्त दयनीय थी। अकबर, जहाँगीर और शाहजहाँ की उदारवादी नीति भी औरगंजेब के शासनकाल में समाप्त हो गई थी। औरगंजेब की कट्टरता के कारण धार्मिक कार्य व्यापार भी नहीं हो पा रहा था।
  • अन्धविश्वास इतना बढ गया था कि हिन्दू मन्दिरों में तथा मुसलमान पीरों के तकिए पर जाकर मनोरथ सिद्ध करते थे। जनता के अन्धविश्वास का लाभ पुजारी और मौलवी उठाते थे। रामलीलाओं और रामचरितमानस के पाठ का प्रभाव केवल मनोविनोद तक ही सीमित था।

रीतिकाल की साहित्यिक परिस्थितियाँ

 

  • साहित्य और कला की दृष्टि से यह काल अत्यन्त समृद्ध रहा है। इस काल के कवि साधारण परिवार से होते थे, परन्तु उन्हें सही वृति (जीविका) मिल जाती थी एवं उनकी गणना प्रतिष्ठित लोगों में होती थी।
  • कवियों का उचित सम्मान एवं प्रतिष्ठा कला को प्रोत्साहित करने के लिए होता था। वे चमत्कारपूर्ण काव्य रचना करने को कवि-कर्म की सफलता मानते थे, जिस कारण उनका काव्य श्रृंगार के संकुचित क्षेत्र में ही सिमटकर रह गया था।

ये भी जरुर पढ़ें ⇓⇓

रीतिकाल सार संग्रह 

रीतिकाल की विशेषताएँ 

रीतिकाल साहित्य टेस्ट सीरीज 

हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक : 

स्वर व्यंजन , शब्द भेद,  उपसर्ग  ,कारक , क्रिया, वाच्य , समास ,मुहावरे , विराम चिन्ह

 

परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें 

 

साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें 

 

Tweet
Share59
Pin
Share
59 Shares
केवल कृष्ण घोड़ेला

Published By: केवल कृष्ण घोड़ेला

आप सभी का हिंदी साहित्य की इस वेबसाइट पर स्वागत है l यहाँ पर आपको हिंदी से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी l हम अपने विद्यार्थियों के पठन हेतु सतर्क है l और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है l धन्यवाद !

Previous Post
Next Post

Reader Interactions

ये भी पढ़ें

  • Matiram Ka Jivan Parichay | मतिराम का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

    Matiram Ka Jivan Parichay | मतिराम का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

  • रीतिकाल कवि देव का जीवन परिचय – Biography Of Dev in Hindi

    रीतिकाल कवि देव का जीवन परिचय – Biography Of Dev in Hindi

  • Meera Bai in Hindi – मीराबाई का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

    Meera Bai in Hindi – मीराबाई का जीवन परिचय – Hindi Sahitya

Comments

  1. Avatarनीरज कुमार says

    15/04/2020 at 4:38 PM

    Great work

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Hindi Sahitya PDF Notes

Search

Recent Posts

  • Utpreksha Alankar – उत्प्रेक्षा अलंकार, परिभाषा || परीक्षोपयोगी उदाहरण
  • अनुप्रास अलंकार – अर्थ | परिभाषा | उदाहरण | हिंदी काव्यशास्त्र
  • रेवा तट – पृथ्वीराज रासो || महत्त्वपूर्ण व्याख्या सहित
  • Matiram Ka Jivan Parichay | मतिराम का जीवन परिचय – Hindi Sahitya
  • रीतिकाल कवि देव का जीवन परिचय – Biography Of Dev in Hindi
  • Meera Bai in Hindi – मीराबाई का जीवन परिचय – Hindi Sahitya
  • सूरदास का जीवन परिचय और रचनाएँ || Surdas
  • उजाले के मुसाहिब – कहानी || विजयदान देथा
  • परायी प्यास का सफर – कहानी || आलमशाह खान
  • हिन्दी उपन्यास – Hindi Upanyas – हिंदी साहित्य का गद्य

Join us

हिंदी साहित्य चैनल (telegram)
हिंदी साहित्य चैनल (telegram)

हिंदी साहित्य चैनल

Categories

  • All Hindi Sahitya Old Paper
  • Hindi Literature Pdf
  • hindi sahitya question
  • Motivational Stories
  • NET/JRF टेस्ट सीरीज़ पेपर
  • NTA (UGC) NET hindi Study Material
  • Uncategorized
  • आधुनिक काल साहित्य
  • आलोचना
  • उपन्यास
  • कवि लेखक परिचय
  • कविता
  • कहानी लेखन
  • काव्यशास्त्र
  • कृष्णकाव्य धारा
  • छायावाद
  • दलित साहित्य
  • नाटक
  • प्रयोगवाद
  • मनोविज्ञान महत्वपूर्ण
  • रामकाव्य धारा
  • रीतिकाल
  • रीतिकाल प्रश्नोत्तर सीरीज़
  • व्याकरण
  • शब्दशक्ति
  • संतकाव्य धारा
  • साहित्य पुरस्कार
  • सुफीकाव्य धारा
  • हालावाद
  • हिंदी डायरी
  • हिंदी साहित्य
  • हिंदी साहित्य क्विज प्रश्नोतर
  • हिंदी साहित्य ट्रिक्स
  • हिन्दी एकांकी
  • हिन्दी जीवनियाँ
  • हिन्दी निबन्ध
  • हिन्दी रिपोर्ताज
  • हिन्दी शिक्षण विधियाँ
  • हिन्दी साहित्य आदिकाल

Footer

Keval Krishan Ghorela

Keval Krishan Ghorela
आप सभी का हिंदी साहित्य की इस वेबसाइट पर स्वागत है. यहाँ पर आपको हिंदी से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी. हम अपने विद्यार्थियों के पठन हेतु सतर्क है. और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है. धन्यवाद !

Popular Posts

Net Jrf Hindi december 2019 Modal Test Paper उत्तरमाला सहित
आचार्य रामचंद्र शुक्ल || जीवन परिचय || Hindi Sahitya
Tulsidas ka jeevan parichay || तुलसीदास का जीवन परिचय || hindi sahitya
Ramdhari Singh Dinkar || रामधारी सिंह दिनकर || हिन्दी साहित्य
Ugc Net hindi answer key june 2019 || हल प्रश्न पत्र जून 2019
Sumitranandan pant || सुमित्रानंदन पंत कृतित्व
Suryakant Tripathi Nirala || सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

जीवन परिचय

  1. मैथिलीशरण गुप्त
  2. सुमित्रानंदन पन्त
  3. महादेवी वर्मा
  4. हरिवंशराय बच्चन
  5. कबीरदास
  6. तुलसीदास

Popular Pages

हिंदी साहित्य का इतिहास-Hindi Sahitya ka Itihas
Premchand Stories Hindi || प्रेमचंद की कहानियाँ || pdf || hindi sahitya
Hindi PDF Notes || hindi sahitya ka itihas pdf
रीतिकाल हिंदी साहित्य ट्रिक्स || Hindi sahitya
Copyright ©2020 HindiSahity.Com Sitemap Privacy Policy Disclaimer Contact Us