काव्यशास्त्र

अरस्तू का विरेचन सिद्धान्त – हिंदी साहित्य – काव्यशास्त्र

Arastu ka virechan Siddhant

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंन्तर्गत अरस्तू का विरेचन सिद्धान्त (Arastu ka virechan Siddhant) विस्तार से पढेंगे । अरस्तू का विरेचन सिद्धान्त (Arastu ka virechan Siddhant) दोस्तो  प्लेटो ने काव्य पर आरोप लगाया था कि काव्य हमारी वासनाओं का दमन करने के स्थान पर उनका पोषण करता है। अरस्तू का मत इससे भिन्न …

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भारतीय काव्यशास्त्री और उनका जीवन परिचय

भारतीय काव्यशास्त्री एवं उनकी कालजयी कृतियां 1. भरतमुनि (  2 शती ई॰ पूर्व से 3 शती ई॰ पू॰ के बीच ) कालजयी कृति :  नाट्यशास्त्र (नाट्यविधानों का अमर विश्वकोश) रस-सम्प्रदाय के प्रवर्तक तत्र विभावानुभावव्यभिचारी संयोगात्द्रस-निष्पत्ति। —नाट्यशास्त्र, भरतमुनि भवति जगति योग्यं नाटकं प्रेक्षकाणम्। —नाट्यशास्त्र   2. भामह  (छठी शती का मध्यकाल)   कालजयी कृति : काव्यालंकार  …

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काव्य दोष – अर्थ ,परिभाषा और उदाहरण || Kavya Dosh

काव्य दोष

दोस्तो आज की पोस्ट में हम काव्यशास्त्र का महत्वपूर्ण विषय काव्य दोष (Kavya Dosh) के बारे में चर्चा करेंगे काव्य दोष – Kavya Dosh आचार्य मम्मट ने अपनी काव्य परिभाषा में दोषहीनता को काव्य का एक लक्षण मानते हुए लिखा है: ’’तद्दोषौ शब्दार्थौ सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि’’ स्पष्टीकरण – यहां प्रयुक्त ’अदोषौ’ का तात्पर्य दोषहीनता से है। …

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रूपक अलंकार – परिभाषा, भेद, उदाहरण || Roopak Alankar

रूपक अलंकार

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र के अंतर्गत रूपक अलंकार(Rupak Alankar) को विस्तार से पढेंगे ,इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण उदाहरणों को भी पढेंगे। रूपक अलंकार उदाहरण, रूपक अलंकार किसे कहते है, सांग रूपक अलंकार, रूपक अलंकार के 10 उदाहरण, रूपक अलंकार के भेद, रूपक अलंकार के भेद PDF, रूपक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। रूपक …

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संरचनावाद – पाश्चात्य काव्यशास्त्र || हिंदी साहित्य

संरचनावाद

आज के आर्टिकल में हम पाश्चात्य काव्यशास्त्र के अंतर्गत संरचनावाद (Sanrachanavad) के बारे में चर्चा करेंगे ,हम आशा करते है कि आप इस विषयवस्तु को  अच्छे से समझ पाएंगे । 🔷 संरचनावाद पाश्चात्य समीक्षा जगत से हिंदी में आया। इसका विकास फ्रांस में 1960 के दशक में हुआ। 🔷 यह जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, मानवशास्त्र, साहित्य …

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काव्यशास्त्र महत्वपूर्ण प्रश्न और तथ्य | Kaavyshastr Quiz

आज के आर्टिकल में हम काव्यशास्त्र महत्वपूर्ण प्रश्न और तथ्य(Kaavyshastr Quiz) के बारे में जानकारी देने वाले है ,आप प्रत्येक प्रश्न को अच्छे से तैयार कर लेवें काव्यशास्त्र महत्वपूर्ण प्रश्न – Kaavyshastr Quiz 1.  काव्य के तत्व माने गए है -दो 2.  महाकाव्य के उदाहरण है -रामचरित मानस, रामायण, साकेत, महाभारत, पदमावत, कामायनी, उर्वशी, लोकायतन, …

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उत्प्रेक्षा अलंकार – परिभाषा, भेद, 50 उदाहरण – Utpreksha Alankar

Utpreksha Alankar

आज के आर्टिकल में हम भारतीय काव्यशास्त्र के अंतर्गत उत्प्रेक्षा अलंकार (Utpreksha Alankar) को पढेंगे, इससे जुड़े परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण उदाहरणों के माध्यम से समझेंगे। उत्प्रेक्षा अलंकार – Utpreksha Alankar आज के आर्टिकल में हम क्या सीखेंगे? उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा उत्प्रेक्षा अलंकार के भेद उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण उत्प्रेक्षा अलंकार के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्प्रेक्षा का …

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अलंकार उदाहरण – Alankar Ke Udaharan || Hindi Sahitya

अलंकार और उनके उदाहरण

आइए दोस्तों आज हम कुछ अलंकार और उनके उदाहरण से रूबरू करवाते है अलंकार – Alankar अलंकार शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है- आभूषण। काव्य रूपी काया की शोभा बढ़ाने वाले अवयव को अलंकार कहते हैं। दुसरे शब्दों में जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ते हैं, उसी प्रकार अलंकार साहित्य या काव्य को सुंदर …

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पाश्चात्य काव्यशास्त्र पार्ट 2 || Pashchatya Kavya Shastra

पाश्चात्य काव्यशास्त्र पार्ट 2 पाश्चात्य काव्यशास्त्र पार्ट 2(Pashchatya Kavya Shastra) _______________________ विखंडनवाद का प्रवर्तक किसको माना जाता है? ➤➤जाक  देरिदा को जाक देरिदा का समय है? ➤➤1930-2004ई• (जन्म-अल्जीरिया में) ऑफ ग्रेमेटोलॉजी और राइट एंड डिफरेंस(1978) प्रसिद्ध पुस्तके किसने लिखी ➤➤जाक देरिदा ने राजनीतिक दृष्टि से स्वच्छंदतावाद का उदय किस देश ने हुआ? ➤➤फ्रांस ने 1789 …

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वर्ड्सवर्थ का काव्यभाषा सिद्धान्त || Vardsvarth ka kavybhasha siddhant

वर्ड्सवर्थ का काव्यभाषा सिद्धान्त

वर्ड्सवर्थ का काव्यभाषा सिद्धान्त: ⇒वर्ड्सवर्थ की गणना 19वीं शताब्दी के प्रमुख समीक्षकों में की जाती है। इन्हें अपने समय का साहित्य पर्याप्त गिरा हुआ प्रतीत हुआ। अतः अपने युग की परिस्थिति को पहचानकर उन्होंने अपने कुछ सिद्धान्त प्रस्तुत किए। वर्ड्सवर्थ का काव्यभाषा सिद्धान्त  इन्होंने स्पष्ट किया कि काव्य के द्वारा हमारे भावों को शक्ति मिलनी …

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