• Home
  • PDF Notes
  • Videos
  • रीतिकाल
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • आर्टिकल

हिंदी साहित्य चैनल

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • PDF NOTES
  • VIDEOS
  • कहानियाँ
  • व्याकरण
  • रीतिकाल
  • हिंदी लेखक
  • कविताएँ
  • Web Stories

शेखर एक जीवनी – अज्ञेय

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:27th May, 2022| Comments: 0

आज के आर्टिकल में हम अज्ञेय द्वारा लिखित उपन्यास शेखर एक जीवनी के बारे में चर्चा करेंगे ,इसकी विषयवस्तु को समझेंगे |

शेखर एक जीवनी - अज्ञेय

⇒ शेखर: एक जीवनी आतंकवाद की छाया में लिखा हुआ एक ऐसा उपन्यास है, जिस पर मनोविश्लेषण शास्त्र के प्रभाव के साथ समाज के परिप्रेक्ष्य में व्यक्ति और उसके विचारों को देखा गया है।

’शेखर एक जीवनी’ आत्मकथन शैली में लिखा गया वैयक्तिक अनुभवों का एक लंबा दस्तावेज है। इसके नायक शेखर में अपने आसपास के जीवन तथा उसके विविध प्रसंगों को संवेदनात्मक रूप में प्रस्तुत करने की क्षमता है। शेखर के व्यक्तित्व में गौरव और शक्ति का योग है। वह विद्रोही है किंतु आश्चर्य की बात है कि उसका विद्रोह सक्रिय नहीं हो पाता। क्रांतिकारियों के संपर्क में आकर तथा विलम्ब में होने वाली हिंसा के औचित्य को स्वीकार करते हुए भी वह क्रांति-कार्यों में भागीदारी नहीं करता।

उसके चरित्र की एक निर्बलता है प्रेरणा और निष्ठा की कमी। शशि शेखर को कर्म की ओर प्रवृत्त होने की प्रेरणा दी। शशि उपन्यास का एक विवेकशील पात्र है।

एक बार जेल से बाहर निरुद्देश्य घूमते हुए शेखर को शशि कर्तव्यरत होने की ओर प्रेरित करती है, ’’अब जल्दी-जल्दी कुछ निश्चय कर डालो न, क्या करोगे? यों ही भटकना अच्छा नहीं।’’ इसके उत्तर में शेखर के मन में जो अंतद्र्वन्द्व होता है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि उसमें निश्चय ही दृढ़ता का अभाव है। वह मन में विचारता है, ’’मैं क्या निश्चय करूँ? आगे मैंने कौन-से निश्चय किए हैं? या किए हैं तो कौन से निश्चय का अनुसरण संभव हो सकता है।’’

शेखर में अहम्पन्यता और दंभ भी है। सैक्स के प्रति शेखर के दकियानूसी रवैये से निश्चय ही पाठक के मन में खीज होती है। अपने संपर्क में आने वाली प्रत्येक युवती के प्रति उसका सैक्स जाग उठता है।

शेखर एक जीवनी – अज्ञेय

सत्य को सह पाने की यह कायर प्रवृत्ति शेखर में बार-बार दिखाई पङती है। एक बात और शेखर में कर्मशीलता, चारित्रिक स्थिरता और साहस का अभाव है।

उपन्यास के आधार पर उससे प्राप्त होने वाले राजनीतिक प्रसंगों की व्याख्या करने पर यह कह सकते हैं कि शेखर एक द्विधाग्रस्त मानसिकता वाला मध्यवर्ग से आया हुआ चरित्र है जो अनायास क्रांतिकारी कार्यों तथा राजनीति के बहाव में आ जाता है।
मृत्युदंड पाये हुए शेखर के सामने सारा अतीत सजीव हो उठता है। इस उपन्यास की नई शैली और लेखक की पैनी मनोवैज्ञानिक दृष्टि ने इस उपन्यास को हिन्दी साहित्य की उच्च कोटि की तथा अग्रगण्य रचना के रूप में मान्यता प्रदान की है।

उपन्यास में एक व्यक्ति के निजी जीवन की वेदना एवं यातना का चित्रण होते हुए उसमें युग का बौद्धिक संघर्ष भी प्रतिबिम्बत होता है जिसके फलस्वरूप व्यक्ति का विकास होता है।’’ शेखर की बाल्यावस्था पर फ्रायडवादी प्रभाव को मानते हुए सत्यपाल चुघ लिखते हैं कि, ’’बाल-जीवन के चित्रण में शेखर की जिज्ञासाओं, व्यवहारों आदि का वर्णन फ्रिटज का अनुकरण मात्र नहीं, उसकी अपनी परिस्थितियों का परिणाम है। हम इस मत से सहमत हैं और हमारा तो यही कहना है कि शिशु के मन में सहज संवेदनाएँ होती हैं।

नई बातों और वस्तुओं, जैसे ईश्वर सम्बन्धी, जन्म सम्बन्धी तथा माता-पिता के यौन-प्रणय-व्यापार सम्बन्धी जो जिज्ञासा एक सामान्य शिशु में होती है, शेखर में उसी तीव्र जिज्ञासा भाव का आवर्तन-प्रत्यावर्तन अहिर्न रूप में होता हुआ दिखाई पङता है।’’

निष्कर्षतः

हम कह सकते हैं कि अज्ञेय ने शेखर के चरित्र को विशिष्ट बनाने हेतु अहंवादी, भयग्रस्तता, जिज्ञासु वृत्ति, अनास्थावादी भाव, अधोमुखी क्रियाएं, घृणाभावना, अनुशासन बद्धता, आत्मनिर्भरता की भावना, विद्रोह-धर्मिता, आत्म-पीङा आदि विशेष प्रवृत्तियों को उसमें पिरोया है। इन सभी प्रवृत्तियों से उसका चरित्र विशिष्ट बनाया गया है।

नेट जेआरएफ से जुड़ी अन्य सामग्री भी पढ़ें 

Tweet
Share
Pin
Share
0 Shares
Previous Post
Next Post

Reader Interactions

ये भी पढ़ें

  • वर्ण किसे कहते है –  Varn Kise Kahate Hain

    वर्ण किसे कहते है – Varn Kise Kahate Hain

  • उपन्यास के अंग – तत्व || हिंदी साहित्य

    उपन्यास के अंग – तत्व || हिंदी साहित्य

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Search

5000 हिंदी साहित्य वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सैकंड ग्रेड हिंदी कोर्स जॉइन करें

ट्विटर के नए सीईओ

टेलीग्राम चैनल जॉइन करें

Recent Posts

  • Application in Hindi – प्रार्थना पत्र कैसे लिखें
  • बिहारी रत्नाकर – जगन्नाथदास रत्नाकर || व्याख्या सहित || पद 1 से 25 तक
  • समुच्चयबोधक अव्यय – परिभाषा,अर्थ ,उदाहरण || Samuchaya Bodhak
  • सूफ़ीकाव्य महत्वपूर्ण तथ्य – हिंदी साहित्य
  • वर्ण किसे कहते है – Varn Kise Kahate Hain
  • उपन्यास के अंग – तत्व || हिंदी साहित्य
  • हिंदी ट्रिक 1
  • आइए जाने वेद क्या है
  • सिंधु घाटी सभ्यता सार
  • विराम चिह्न क्या है – Viram chinh in Hindi || हिंदी व्याकरण

Categories

  • All Hindi Sahitya Old Paper
  • General Knowledge
  • Hindi Literature Pdf
  • hindi sahitya question
  • Motivational Stories
  • NET/JRF टेस्ट सीरीज़ पेपर
  • NTA (UGC) NET hindi Study Material
  • Uncategorized
  • आधुनिक काल साहित्य
  • आलोचना
  • उपन्यास
  • कवि लेखक परिचय
  • कविता
  • कहानी लेखन
  • काव्यशास्त्र
  • कृष्णकाव्य धारा
  • छायावाद
  • दलित साहित्य
  • नाटक
  • प्रयोगवाद
  • मनोविज्ञान महत्वपूर्ण
  • रामकाव्य धारा
  • रीतिकाल
  • रीतिकाल प्रश्नोत्तर सीरीज़
  • विलोम शब्द
  • व्याकरण
  • शब्दशक्ति
  • संतकाव्य धारा
  • संधि
  • समास
  • साहित्य पुरस्कार
  • सुफीकाव्य धारा
  • हालावाद
  • हिंदी डायरी
  • हिंदी पाठ प्रश्नोत्तर
  • हिंदी साहित्य
  • हिंदी साहित्य क्विज प्रश्नोतर
  • हिंदी साहित्य ट्रिक्स
  • हिन्दी एकांकी
  • हिन्दी जीवनियाँ
  • हिन्दी निबन्ध
  • हिन्दी रिपोर्ताज
  • हिन्दी शिक्षण विधियाँ
  • हिन्दी साहित्य आदिकाल

हमारा यूट्यूब चैनल देखें

Best Article

  • बेहतरीन मोटिवेशनल सुविचार
  • बेहतरीन हिंदी कहानियाँ
  • हिंदी वर्णमाला
  • हिंदी वर्णमाला चित्र सहित
  • मैथिलीशरण गुप्त
  • सुमित्रानंदन पन्त
  • महादेवी वर्मा
  • हरिवंशराय बच्चन
  • कबीरदास
  • तुलसीदास

Popular Posts

Net Jrf Hindi december 2019 Modal Test Paper उत्तरमाला सहित
आचार्य रामचंद्र शुक्ल || जीवन परिचय || Hindi Sahitya
तुलसीदास का जीवन परिचय || Tulsidas ka jeevan parichay
रामधारी सिंह दिनकर – Ramdhari Singh Dinkar || हिन्दी साहित्य
Ugc Net hindi answer key june 2019 || हल प्रश्न पत्र जून 2019
Sumitranandan pant || सुमित्रानंदन पंत कृतित्व
Suryakant Tripathi Nirala || सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

Footer

हिंदी व्याकरण

 वर्ण विचार
 संज्ञा
 सर्वनाम
 क्रिया
 वाक्य
 पर्यायवाची
 समास
 प्रत्यय
 संधि
 विशेषण
 विलोम शब्द
 काल
 विराम चिह्न
 उपसर्ग
 अव्यय
 कारक
 वाच्य
 शुद्ध वर्तनी
 रस
 अलंकार
 मुहावरे लोकोक्ति

कवि लेखक परिचय

 जयशंकर प्रसाद
 कबीर
 तुलसीदास
 सुमित्रानंदन पंत
 रामधारी सिंह दिनकर
 बिहारी
 महादेवी वर्मा
 देव
 मीराबाई
 बोधा
 आलम कवि
 धर्मवीर भारती
मतिराम
 रमणिका गुप्ता
 रामवृक्ष बेनीपुरी
 विष्णु प्रभाकर
 मन्नू भंडारी
 गजानन माधव मुक्तिबोध
 सुभद्रा कुमारी चौहान
 राहुल सांकृत्यायन
 कुंवर नारायण

कविता

 पथिक
 छाया मत छूना
 मेघ आए
 चन्द्रगहना से लौटती बेर
 पूजन
 कैदी और कोकिला
 यह दंतुरित मुस्कान
 कविता के बहाने
 बात सीधी थी पर
 कैमरे में बन्द अपाहिज
 भारत माता
 संध्या के बाद
 कार्नेलिया का गीत
 देवसेना का गीत
 भिक्षुक
 आत्मकथ्य
 बादल को घिरते देखा है
 गीत-फरोश
Copyright ©2020 HindiSahity.Com Sitemap Privacy Policy Disclaimer Contact Us