काव्यशास्त्र 200 प्रश्नोत्तर -हिंदी साहित्य

आज की पोस्ट में काव्यशास्त्र के महत्त्वपूर्ण 200 प्रश्न दिए गए है,ये प्रश्न परीक्षा के लिए उपयोगी है ,आप इन्हें अपने रजिस्टर में नोट कर लेवें |

1. संस्कृत काव्यशास्त्रीय ग्रंथों के आधार पर काव्यशास्त्र का प्रथम आचार्य माना जाता है ?
(अ) आनंदवर्धन (ब) भरतमुनि
(स) भट्टतौत (द) कुंतक
2. ’नाट्यशास्त्र’ के रचयिता कौन हैं ?
(अ) मम्मट (ब) उद्भट
(स) भरतमुनि (द) भामह
3. ’काव्यालंकार’ किसकी रचना है ?
(अ) भामह (ब) जगन्नाथ
(स) कुंतक (द) विश्वनाथ
4. भामह किस संप्रदाय के समर्थक हैं ?
(अ) रीति (ब) वक्रोक्ति
(स) ध्वनि (द) अलंकार
5. भामह के ग्रंथ के आधार पर ’भामह-विवरण’ की रचना करने वाले आचार्य कौन हैं ?
(अ) उद्भट (ब) कुंतक
(स) भट्टतौत (द) आनंदवर्धन
6. ’अभिनवभारती’ में किस ग्रंथ की टीका व व्यवस्था है?
(अ) साहित्यदर्पण (ब) नाट्यशास्त्र
(स) काव्यकौतुक (द) काव्यप्रकाश
7. काव्यादर्श एवं दशकुमारचरित ग्रंथों के रचयिता कौन हैं ?
(अ) भरत (ब) भामह
(स) दण्डी (द) भट्टतौत
8. दण्डी किस संप्रदाय से समर्थक थे ?
(अ) अलंकार (ब) रीति
(स) वक्रोक्ति (द) ध्वनि

9. काव्यालंकार सारसंग्रह किसकी रचना है ?
(अ) उद्भट (ब) मम्मट
(स) भट्टतौत (द) महिमभट्ट
10. काव्यालंकार सूत्रवृत्ति रचना के रचनाकार कौन है ?
(अ) राजशेखर (ब) वामन
(स) भोज (द) रुय्यक
11. वामन किस संप्रदाय के समर्थक थे ?
(अ) रस (ब) अलंकार
(स) रीति (द) ध्वनि
12. ’काव्यालंकार सूत्रवृत्ति’ के हिंदी अनुवाद की भूमिका किसने लिखी है ?
(अ) डाॅ. नगेन्द्र (ब) आचार्य शुक्ल
(स) रामकुमार वर्मा (द) अज्ञेय
13. नायक-नायिका भेद का विस्तृत निरूपण सर्वप्रथम किस ग्रंथ में किया गया ?
(अ) काव्यप्रकाश (ब) नाट्यशास्त्र
(स) साहित्यदर्पण (द) काव्यालंकार
14. प्रेयान् रस की सर्वप्रथम चर्चा किस आचार्य ने की ?
(अ) उद्भट (ब) रुद्रट
(स) आनंदवर्धन (द) मम्मट
15. ’ध्वन्यालोक’ के रचनाकार कौन हैं ?
(अ) मम्मट (ब) आनंदवर्धन
(स) वामन (द) उद्भट
16. ’ध्वन्यालोक’ के प्रधान आलोचक कौन माने जाते हैं?
(अ) जगन्नाथ (ब) मम्मट
(स) अभिनव गुप्त (द) दण्डी

17. ’ध्वन्यालोक’ की टीका का क्या नाम है ?
(अ) काव्यमीमांसा (ब) रसगंगाधर
(स) लोचन (द) नाट्यशास्त्र
18. ’ध्वन्यालोक’ की टीका ’लोचन’ के रचनाकार कौन है ?
(अ) अभिनव गुप्त (ब) राजशेखर
(स) महिम भट्ट (द) भोज
19. ’काव्यमीमांसा’ के रचनाकार कौन है ?
(अ) राजशेखर (ब) भट्टतौत
(स) विश्वनाथ (द) जगन्नाथ

 

20. ’दशरूपक’ के रचनाकार कौन है ?
(अ) विश्वनाथ (ब) वामन
(स) धनंजय (द) कुंतक
21. ’वक्रोक्तिजीवितम्’ किसकी रचना है ?
(अ) भरतमुनि (ब) कुंतक
(स) वामन (द) क्षेमेंद्र
22. वक्रोक्ति को काव्य का ’जीवन’ किस आचार्य ने माना ?
(अ) क्षेमेंद्र (ब) कुंतक
(स) धनिक (द) धनंजय
23. व्यक्तिविवेक रचना के रचनाकार कौन है ?
(अ) धनंजय (ब) महिमभट्ट
(स) जगन्नाथ (द) भोज
24. ’औचित्य विचार चर्चा’ एवं ’कविकण्ठाभरण’ के रचनाकार है ?
(अ) विश्वनाथ (ब) दण्डी
(स) कंुतक (द) क्षेमेंद्र
25. ’सरस्वतीकण्ठाभरण’ किसकी रचना है ?
(अ) दण्डी (ब) आनंदवर्धन
(स) भोजराज (द) भामह
26. ’काव्यप्रकाश’ के रचनाकार कौन है ?
(अ) दण्डी (ब) मम्मट
(स) कुंतक (द) भोज
27. ’अलंकारसर्वस्व’ के रचयिता कौन है ?
(अ) रुय्यक (ब) विश्वनाथ
(स) मम्मट (द) जगन्नाथ
28. ’साहित्य-दर्पण’ किसकी रचना है ?
(अ) दण्डी (ब) वामन
(स) विश्वनाथ (द) जगन्नाथ
29. ’रसगंगाधर’ के रचयिता कौन है ?
(अ) भोज (ब) महिम भट्ट
(स) जगन्नाथ (द) रुय्यक
30. किस संस्कत को शाहजहाँ ने ’पंडितराज’ की उपाधि से विभूषित किया ?
(अ) विश्वनाथ (ब) जगन्नाथ
(स) श्री शंकुक (द) अभिनवगुप्त
31. अलंकार से संबद्ध ग्रंथ ’कुवलयानंद’ के रचयिता है?
(अ) महिम भट्ट (ब) जयदेव
(स) अप्पय दीक्षित (द) विश्वनाथ
32. प्रतिभा के दो भेद ’कारयित्री’ एवं ’भावयित्री’ किस आचार्य ने किए ?
(अ) विश्वनाथ (ब) राजशेखर
(स) मम्मट (द) भोज
33. किसकी प्रतिभा को भावयित्री प्रतिभा कहा जाता है?
(अ) सहृदय (ब) कवि
(स) भावुक (द) निबंधकार
34. ’प्रज्ञा नवनवोन्मेषशालिनी प्रतिभा मता।’’ किसकी पंक्ति है ?
(अ) रुद्रट (ब) जगन्नाथ
(स) भट्टतौत (द) वामन
35. कितने प्रकार के काव्य हेतु माने गए है ?
(अ) पाँच (ब) तीन
(स) चार (द) सात
36. ’धर्मार्थकाममोक्षेषु वैचक्षण्यं कलासु च।’’ किसकी पंक्ति है ?
(अ) भामह (ब) मम्मट
(स) भरत (द) वामन
37. ’’काव्यं यशसेऽर्थकृते व्यवहारविदे शिवेतरक्षतये
सद्यःपरनिर्वृतये कान्तासम्मिततयोपदेशयुजे।’’
काव्य प्रयोजन में उक्त परिभाषा किसकी है ?
(अ) भामह (ब) कुंतक
(स) मम्मट (द) जगन्नाथ
38. शब्दशक्ति के मूलतः कितने भेद माने गए है ?
(अ) एक (ब) चार
(स) पाँच (द) तीन
39. जब प्रसिद्ध अर्थ अथवा साक्षात् संकेतित अर्थ-बोध के मूल कारण उपलब्ध हों तब कौन-सी शब्दशक्ति होती है ?
(अ) लक्षणा (ब) अभिधा
(स) व्यंजना (द) तात्पर्यवृत्ति
40. जहाँ मुख्यार्थ की बाधा होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के कारण मुख्यार्थ से संबद्ध अन्य अर्थ लक्षित हो वहाँ शब्दशक्ति होती है ?
(अ) लक्षणा (ब) तात्पर्य
(स) अभिधा (द) व्यंजना
41. रूढ़ा और प्रयोजनवती किस शब्दशक्ति के प्रमुख भेद है ?
(अ) अभिधा (ब) व्यंजना
(स) लक्षणा (द) तात्पर्यवृत्ति
42. अभिधा और लक्षणा द्वारा अपना-अपना अर्थ बताकर शांत हो जाने पर किसी अन्य ही अर्थ का बोधन होता है, वहाँ कौन-सी शब्दशक्ति होती है ?
(अ) तात्पर्यवृत्ति (ब) व्यंजना
(स) लक्षणा (द) अभिधा
43. ध्वनि-सिद्धांत के प्रवर्तक माने जाते है ?
(अ) आनंदवर्धन (ब) मम्मट
(स) भामह (द) वामन
44. निम्न में से कौन अलंकारवादी आचार्य नहीं है ?
(अ) वामन (ब) भामह
(स) दण्डी (द) उद्भट
45. किस आचार्य ने शब्दालंकारों को अधम काव्य, अर्थालंकारों को मध्यम काव्य तथा गुणीभूत व्यंग्य और ध्वनि को क्रमशः उत्तम और उत्तमोत्तम कहा ?
(अ) आनंदवर्धन (ब) मम्मट
(स) विश्वनाथ (द) जगन्नाथ
46. जनश्रुति के आधार पर किस आचार्य को रस के प्रवर्तक होने का श्रेय दिया गया है ?
(अ) भरत (ब) नन्दिकेश्वर
(स) भामह (द) दण्डी
47. भरत ने रसो की संख्या कितनी मानी ?
(अ) दस (ब) पांच
(स) आठ (द) नौ
48. ’विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद् रसनिष्पति’’ -रसनिष्पत्ति के संबंध में उक्त प्रख्यात कथन किसका है?
(अ) नन्दिकेश्वर (ब) भरत
(स) आनंदवर्धन (द) भोज
49. सहृदय के अंतःकरण में जो मनोविकार वासना रूप में सदा विद्यमान रहते है तथा जिन्हें कोई भी अवरुद्ध भाव दबा नहीं सकता उन्हें कहते है ?
(अ) स्थायी भाव (ब) विभाव
(स) व्यभिचारी (द) अनुभाव
50. सामान्यतः स्थायी भावों की संख्या कितनी मानी जाती है ?
(अ) नौ (ब) आठ
(स) चार (द) छह
51. बीभत्स रस का स्थायी भाव है ?
(अ) विस्मथ (ब) जुगुप्सा
(स) निर्वेद (द) शोक

 

52. रसनिष्पत्ति के प्रथम व्याख्याकार कौन है ?
(अ) श्री शंकुक (ब) भट्टनायक
(स) भट्ट लोल्लट (द) अभिनवगुप्त
53. सामाजिक के हृदय में वासना रूप में स्थित रति, उत्साह, शोक आदि भावों के उद्बोधक कारणों को कहते हैं ?
(अ) स्थायी भाव (ब) संचारी भाव
(स) विभाग (द) अनुभाव
54. आलंबन और उद्दीपन रस के किस अंग के भेद है ?
(अ) स्थायी भाव (ब) संचारी भाव
(स) व्यभिचारी भाव (द) विभाव
55. रत्यादि स्थायी भावों को प्रकाशित करने वाली आश्रय की बाह्य चेष्टाएँ कहलाती है ?
(अ) स्थायी भाव (ब) अनुभाव
(स) विभाव (द) व्यभिचारिभाव
56. अनुभाव के कितने रूप माने गए है ?
(अ) चार (ब) तीन
(स) पाँच (द) एक
57. सात्त्विक अनुभाव कितने प्रकार के माने गए है ?
(अ) दस (ब) दो
(स) आठ (द) तीन
58. अस्थिर मनोविकार अथवा चित्तवृत्तियाँ क्या कहलाती है ?
(अ) अनुभाव (ब) संचारी भाव
(स) स्थायी (द) काव्य हेतु
59. व्यभिचारी भावों की संख्या सामान्यतः कितनी मानी गई है ?
(अ) तैंतीस (ब) पचास
(स) दस (द) पाँच
60. रस का भोक्ता वास्तविक रामादि एवं नट को किसने माना ?
(अ) भट्टनायक (ब) भट्टलोल्लट
(स) अभिनवगुप्त (द) श्री शंकुक
61. रसनिष्पत्ति के संदर्भ में किस आचार्य के सिद्धांत को आरोपवाद की संज्ञा दी गई ?
(अ) श्री शंकुक (ब) भट्टलोल्लट
(स) अभिनवगुप्त (द) भट्टनायक
62. किस आचार्य के सिद्धांत को रसनिष्पत्ति के संदर्भ में अनुमानवाद की संज्ञा दी गई ?
(अ) श्री शंकुक (ब) भट्टनायक
(स) भट्टलोल्लट (द) अभिनवगुप्त
63. किस आचार्य का सिद्धांत चित्र-तुरंग-न्याय पर आधारित था ?
(अ) भट्टलोल्लट (ब) भट्टनायक
(स) शंकुक (द) अभिनवगुप्त
64. किस आचार्य को साधारणीकरण का प्रवर्तक माना जाता है ?
(अ) भट्टनायक (ब) श्री शंकुक
(स) अभिनवगुप्त (द) भट्टलोल्लट
65. अभिधा, भावकत्व और भोग, काव्य के तीन व्यापार किस आचार्य ने माने ?
(अ) भट्टलोल्लट (ब) अभिनवगुप्त
(स) शंकुक (द) भट्टनायक
66. ’अभिव्यक्तिवाद’ किस आचार्य का सिद्धांत है ?
(अ) भट्टनायक (ब) अभिनवगुप्त
(स) भट्टलोल्लट (द) शंकुक
67. भट्टनायक का भोजकत्व व्यापार अभिनवगुप्त के मन में किस नाम से अभिहित हुआ है ?
(अ) रसाभिव्यक्ति (ब) भावाभिव्यक्ति
(स) भावकत्व (द) आरोपवाद
68. भरत-सूत्र के अंतिम व्याख्याता है ?
(अ) भट्टनायक (ब) शंकुक
(स) अभिनवगुप्त (द) भट्टलोल्लट
69. न्याय सिद्धांत के आधार पर रसनिष्पत्ति की व्याख्या करने वाले व्याख्याकार थे ?
(अ) अभिनवगुप्त (ब) शंकुक
(स) रामचंद्र शुक्ल (द) भट्टनायक
70. सांख्य दर्शन के आधार पर रसनिष्पत्ति की व्याख्या करने वाले व्याख्याकार कौन है ?
(अ) भट्टनायक (ब) डाॅ. नगेन्द्र
(स) शंकुक (द) भट्टलोल्लट
71. वेदांतानुसार रसनिष्पत्ति की व्याख्या करने वाले व्याख्याकार कौन है ?
(अ) शंकुक (ब) भट्टनायक
(स) भट्टलोल्लट (द) अभिनवगुप्त
72. ’साधारणीकरण विभावादि का होता है, यह भावकत्व का परिणाम है’’ यह किस व्याख्याकार का कथन है ?
(अ) भट्टलोल्लट (ब) भट्टनायक
(स) रामचंद्र शुक्ल (द) डाॅ. नगेन्द्र
73. आलंबन का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार कौन है ?
(अ) रामचंद्र शुक्ल (ब) डाॅ. नगेन्द्र
(स) केशवप्रसाद मिश्र (द) अज्ञेय
74. कवि-भावना का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार कौन है ?
(अ) डाॅ. नगेंद्र (ब) रामचंद्र शुक्ल
(स) केशवप्रसाद मिश्र (द) दिनकर
75. सहृदय की चेतना का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार कौन है ?
(अ) केशवप्रसाद मिश्र (ब) रामविलास शर्मा
(स) डाॅ. नगेन्द्र (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
76. काव्यशास्त्र में ’आत्मा’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया ?
(अ) दण्डी (ब) वामन
(स) रुद्रट (द) कुंतन
77. काव्य के अंतरंग पर बल देने वाला संप्रदाय है ?
(अ) ध्वनि (ब) रीति
(स) वक्रोक्ति (द) सभी
78. स्थायी भाव को उद्घोषित करने वाले कारण कहलाते है ?
(अ) अनुभाव (ब) रस
(स) विभाव (द) संचारी भाव
79. साधारणीकरण की व्याख्या के अंतर्गत कवि-कर्म या कवि-अनुभूति की ओर इंगित किया ?
(अ) विश्वनाथ (ब) अभिनवगुप्त
(स) भट्टलोल्लट (द) धनंजय
80. भावक या पाठक का साधारणीकरण माना ?
(अ) रामचंद्र शुक्ल (ब) श्यामसुंदर दास
(स) डाॅ. नगेन्द्र (द) केशवप्रसाद मिश्र
81. नायक-नायिका-भेद निरूपक ग्रंथ ’उज्ज्वलनीलमणि’ के रचनाकार कौन है ?
(अ) रूपगोस्वामी (ब) मम्मट
(स) भानुमिश्र (द) भामह
82. शील के आधार पर नायक के कितने भेद माने गए है ?
(अ) दो (ब) चार
(स) पाँच (द) दस
83. ’विशिष्टापदरचना रीतिः’ किसका कथन है ?
(अ) कुंतक (ब) आनंदवर्द्धन
(स) भरत (द) वामन
84. रीति को संघटना अर्थात् सम्यक घटना नाम किस आचार्य ने दिया ?
(अ) वामन (ब) भोज
(स) आनंदवर्द्धन (द) रुय्यक
85. ’शब्दार्थौ सहितौ काव्यम्’- किसका कथन है ?
(अ) भामह (ब) दण्डी
(स) आनंदवर्द्धन (द) विश्वनाथ

 

 

86. ’शरीरं तावद् इष्टार्थव्यवच्छिना पदावली’- किसने कहा था ?
(अ) जगन्नाथ (ब) विश्वनाथ
(स) दण्डी (द) भामह
87. ’रीतिरात्मा काव्यस्य’-किसने कहा था ?
(अ) वामन (ब) भरत
(स) महिम भट्ट (द) कुंतक
88. ’शब्दार्थ शरीरं तावत्काव्यम्’-किसका कथन है ?
(अ) मम्मट (ब) आनंदवर्द्धन
(स) कुंतक (द) वामन
89. ’तद्दोषौ शब्दार्थों सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि’ -किसने कहा था ?
(अ) मम्मट (ब) जगन्नाथ
(स) विश्वनाथ (द) रामचंद्र शुक्ल
90. ’रमणीयार्थप्रतिपादकः शब्दः काव्यम्’-किसका कथन है ?
(अ) वामन (ब) मम्मट
(स) दण्डी (द) जगन्नाथ
91. ’वाक्यं रसात्मकं काव्यम्’- किसका कथन है ?
(अ) जगन्नाथ (ब) विश्वनाथ
(स) वामन (द) दण्डी
92. ’कवि समय’ का सर्वप्रथम व्यवस्थित एवं पर्याप्त निरूपण किस आचार्य द्वारा किया गया ?
(अ) वामन (ब) भरत
(स) राजशेखर (द) भामह
93. रसनिष्पत्ति में ब्रह्म-सहोदर की व्याख्या की ?
(अ) भट्टलोल्लट (ब) भट्टनायक
(स) अभिनवगुप्त (द) शंकुक
94. रसनिष्पत्ति में प्रेक्षक की अनुभूति की उपेक्षा करने वाले व्याख्याकार कौन है ?
(अ) शंकुक (ब) अभिनवगुप्त
(स) भट्टनायक (द) भट्टलोल्लट
95. निम्न में से ध्वनि विरोधी आचार्य है ?
(अ) भट्टनायक (ब) भट्टलोल्लट
(स) शंकुक (द) अभिनवगुप्त
96. रसनिष्पत्ति के अंतर्गत रस को मूल पात्र में किसने किया ?
(अ) शंकुक (ब) भट्टलोल्लट
(स) भट्टनायक (द) अभिनवगुप्त
97. हिंदी साहित्य में छंदशास्त्र की दृष्टि से प्रथम कृति मानी जाती है ?
(अ) छंदसार (ब) छंदमाला
(स) छंदवीणा (द) छंदविहार
98. गणराज्य किस विद्वान की कृति है ?
(अ) प्लेटो (ब) अरस्तु
(स) लांेगिनुस (द) काॅलिरज
99. किस विद्वान् ने काव्य की भर्त्सना करते हुए उसे समाज से बहिष्कृत करने का दर्शन दिया ?
(अ) जाॅन ड्राइडन (ब) अरस्तू
(स) लोंगिनुस (द) प्लेटो
100. ’काव्य में उदात्त तत्त्व’ (पेरिइप्सुम) का सिद्धांत किस पाश्चात्य आचार्य का है ?
(अ) काॅलरिज (ब) सैन्त ब्यव
(स) अरस्तू (द) लोंगिनुस
101. साहित्य का उद्देश्य ’विरेचन’ किस विद्वान् ने माना?
(अ) अरस्तू (ब) काॅलरिज
(स) जाॅन ड्राइडन (द) एडलर
102. पेरी पोइतिकेस (काव्यशास्त्र) किसकी रचना है ?
(अ) एडलर (ब) अरस्तू
(स) प्लेटो (द) लांेगिनुस
103. अरस्तू ने नाटक (त्रासदी) के कितने तत्त्व माने है?
(अ) सात (ब) तीन
(स) छह (द) पाँच
104. किस विद्वान् ने त्रासदी का सर्वप्रथम गंभीर और सर्वांगीण विवेचन किया ?
(अ) प्लेटो (ब) अरस्तू
(स) एडलर (द) काॅलरिज
105. कल्पना के लिए ’फैन्सी’ शब्द का प्रयोग किसने किया ?
(अ) होरेस (ब) प्लेटो
(स) जाॅन ड्राइडन (द) काॅलरिज
106. किस आलोचक के काव्यालोचन-सिद्धांत अंग्रेजी स्वच्छंदतावाद का घोषणापत्र समझे जाते है ?
(अ) काॅलरिज (ब) अरस्तू
(स) प्लेटो (द) वर्ड्सवर्थ
107. ’लिरिकल बैल्ड्स’ किसका काव्य-संग्रह है ?
(अ) वर्ड्सवर्थ (ब) दान्ते
(स) लोंगिनुस (द) शेक्सपियर
108. कल्पना के दो प्रकार ’प्राथमिक कल्पना’ और विशिष्ट कल्पना’ किसने माने ?
(अ) इलियट (ब) काॅलरिज
(स) प्लेटो (द) अरस्तू
109. ’दि वेस्ट लैण्ड’ प्रसिद्ध कविता किस लेखक की है ?
(अ) इलियट (ब) वर्ड्सवर्थ
(स) काॅलरिज (द) जाॅन ड्राइडन
110. ’परंपरा का सिद्धांत’ तथा ’कला और निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत’ किस आलोचक ने दिया ?
(अ) होरेस (ब) इलियट
(स) लोंगिनुस (द) वर्ड्सवर्थ
111. विसंगत अनुक्रम छाँटिए –
(अ) शृंगार तिलक – रुद्रभट्ट
(ब) उज्ज्वलनीलमणि – रूपगोस्वामी
(स) काव्यादर्श – दण्डी
(द) कुवलयानंद – अभिनवगुप्त
112. अरस्तु का काव्यालोचन गं्रथ है –
(अ) पेरिइप्सुम (ब) पेरिपोइतिकेस
(स) प्रोलितेरियस (द) यायोग्राफिया लिटरेरिया
113. प्लेटो का समय माना जाता है –
(अ) 427 ई.पू. से 347 ई.पू. तक
(ब) 327 ई.पू. से 287 ई.पू. तक
(स) 327 ई.पू. से 275 ई.पू. तक
(द) 427 ई.पू. से 375 ई.पू. तक
114. प्लेटो के संपूर्ण चिंतन का मुख्य उद्देश्य है –
(अ) आदर्श राज्य-निर्माण (ब) आदर्श कवि-निर्माण
(स) आदर्श अनुकरण निर्माण (द) आदर्श काव्य-निर्माण
115. प्लेटो की रचना नहीं है ?
(अ) इओन (ब) रिपब्लिक
(स) पोलितेइया (द) पेरिपोइतिकेस
116. प्लेटो के गुरु कौन थे ?
(अ) अरस्तु (ब) सुकरात
(स) होरेस (द) डार्विन
117. अरस्तु का जन्म स्थान कौनसा है –
(अ) एथेन्स (ब) स्तगिरा नगर
(स) खलकिस नगर (द) पालमीरा में
118. अरस्तु का जन्म और मृत्यु समय है –
(अ) 384 ई.पू. तथा 322 ई.पू.
(ब) 347 ई.पू. तथा 280 ई.पू.
(स) 375 ई.पू. तथा 300 ई.पू.
(द) 425 ई.पू. तथा 340 ई.पू
119. ’अनुकरण सत्य से तिगुना दूर है’ माना है –
(अ) प्लेटो (ब) अरस्तू
(स) सुकरात (द) लोंजाइनस
120. सही अनुक्रम रेखांकित कीजिए –
(क) कुवलयानंद – अप्पय दीक्षित
(ख) वक्रोक्ति जीवित – आ. विश्वेश्वर (हिंदी भाष्य)
(ग) रसगंगाधर – जगन्नाथ
(घ) अलंकार सर्वस्व – रुय्यक
(अ) अप्पय दीक्षित, जगन्नाथ, रुय्यक, आ. विश्वेश्वर
(ब) अप्पय दीक्षित, जगन्नाथ, आ. विश्वेश्वर, रुय्यक
(स) अप्पय दीक्षित, आ. विश्वेश्वर, जगन्नाथ, रुय्यक
(द) जगन्नाथ, आ. विश्वेश्वर, रुय्यक, अप्पय दीक्षित
121. ’काव्य को प्रकृति की अनुकृति’ माना है –
(अ) प्लेटो (ब) अरस्तु
(स) इलियट (द) रिचर्ड्स
122. ’कविता प्रबल मनोवेगांे का सहज उच्छलन है’ मानते है –
(अ) काॅलरिज (ब) रिचर्ड्स
(स) इलियट (द) वर्ड्सवर्थ
123. अरस्तु ने ’त्रासदी’ के कितने अंग माने है ?
(अ) आठ (ब) बारह
(स) छह (द) चार
124. ’बायोग्राफिया लिटरेरिया’ के रचनाकार है ?
(अ) वर्ड्सवर्थ (ब) इलियट
(स) काॅलरिज (द) रिचर्ड्स
125. ’कैथार्सिस’ का अर्थ है –
(अ) अनुकरण (ब) शुद्धिकरण
(स) आनंद (द) निर्वैयक्तिकरण

 

126. लोंजाइनस ने कितने काव्य-दोष माने हैं –
(अ) तीन (ब) चार
(स) पाँच (द) छह
127. अरस्तु के परवर्ती व्याख्याकारों ने ’विरेचन’ का अर्थ नहीं किया है –
(अ) धर्मपरक (ब) नीतिपरक
(स) कलापरक (द) अर्थपरक
128. ’पेरिइप्सुस’ के रचयिता है –
(अ) क्रोचे (ब) लोंजाइनस
(स) काॅलरिज (द) रिचर्ड्स
129. प्लेटो और अरस्तू के बाद तीसरा महत्त्वपूर्ण नाम पाश्चात्य काव्यशास्त्र में है –
(अ) इलियट (ब) रिचर्ड्स
(स) क्रोचे (द) लोंजाइनस
130. लोंजाइनस ने उदात्त के कितने स्त्रोत माने है ?
(अ) चार (ब) पाँच
(स) छह (द) सात
131. ’विरेचन सिद्धांत’ के प्रवर्तक कौन है –
(अ) इलियट (ब) रिचर्ड्स
(स) अरस्तु (द) गिलबर्ट मरे
132. लोंजाइनस के अनुसार काव्य-दोष नहीं है –
(अ) वागाडम्बर (ब) बालेयता
(स) भावाडम्बर (द) अभिजात पद-रचना
133. त्रासदी का अंग नहीं है –
(अ) चरित्र (ब) कथानक
(स) मंगलाचरण (द) विचार
134. ’लिरिकल बैलेड्स’ के रचनाकार कौन है ?
(अ) इलियट (ब) रिचर्ड्स
(स) वर्ड्सवर्थ (द) काॅलरिज
135. ’कल्पना मानव-मस्तिष्क की बिंब-विधायिनी’ शक्ति है’ मानते है –
(अ) वर्ड्सवर्थ (ब) काॅलरिज
(स) क्रोचे (द) इलियट
136. ’चित्रकार अथवा किसी भी अन्य कलाकार की ही तरह कवि भी अनुकर्ता है’ कथन है –
(अ) प्लेटो (ब) अरस्तु
(स) सुकरात (द) इलियट
137. ’आम आदमी की भाषा’ अथवा ’ग्रामीण भाषा’ के पक्षधर थे –
(अ) काॅलरिज (ब) वर्ड्सवर्थ
(स) क्रोचे (द) अरस्तु
138. कविता को भावों को सहज उच्छलन नहीं माना –
(अ) वर्ड्सवर्थ (ब) काॅलरिज
(स) रिचर्ड्स (द) इलियट
139. मूलतः दार्शनिक और सौंदर्यशास्त्री है –
(अ) काॅलरिज (ब) क्रोचे
(स) रिचर्ड्स (द) मैथ्यू आर्नल्ड
140. ’परंपरा और व्यक्ति-प्रज्ञा’ निबंध के लेखक है –
(अ) आई.ए. रिचर्ड्स (ब) बेनेदितो क्रोचे
(स) इलियट (द) काॅलरिज
141. ’अभिव्यंजना सिद्धांत’ के प्रवर्तक है –
(अ) क्रोचे (ब) काॅलरिज
(स) मैथ्यू अर्नाल्ड (द) वर्ड्सवर्थ
142. ’कविता कवि-व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं, व्यक्तित्व से पलायन है’ कथन है –
(अ) इलियट (ब) रिचर्ड्स
(स) ड्राइडन (द) वर्ड्सवर्थ
143. क्रोचे के ’अभिव्यंजना सिद्धांत’ को किस भारतीय आचार्य के सिद्धांत से जोङा जाता है –
(अ) वामन (ब) कुंतक
(स) क्षेमेन्द्र (द) मम्मट
144. ’द काॅकटेल पार्टी’ काव्य के लेखक है –
(अ) ड्राइडन (ब) रिचर्ड्स
(स) वर्ड्सवर्थ (द) इलियट
145. टी.एस. इलियट मूलतः थे –
(अ) जर्मनी (ब) रूसी
(स) फ्रांसीसी (द) अमरीकी
146. ’नयी समीक्षा’ के जनक माने जाते है –
(अ) टी.एस. इलियट (ब) वर्ड्सवर्थ
(स) बेनेदितो क्रोचे (द) रिचर्ड्स
147. ’एस्थेटिक’ पुस्तक के रचयिता है –
(अ) काॅलरिज (ब) क्रोचे
(स) रिचर्ड्स (द) इलियट
148. ’द वेस्ट लैंड’ के रचयिता है –
(अ) इलियट (ब) ड्राइडन
(स) रिचर्ड्स (द) काॅलरिज
149. अभिव्यंजनावाद को भारतीय वक्रोक्तिवाद का विलायती उत्थान माना है –
(अ) श्यामसुंदर दास (ब) रामचंद्र शुक्ल
(स) हजारीप्रसाद द्विवेदी (द) लक्ष्मीनारायण सुधांशु
150. ’द सेक्रैट वुड’ के रचयिता है –
(अ) इलियट (ब) वर्ड्सवर्थ
(स) रिचर्ड्स (द) ड्राइडन
151. सहजानुभूति-अभिव्यंजना को आंतरिक प्रक्रिया मानते है –
(अ) काॅलरिज (ब) बेनेदितो क्रोचे
(स) वर्ड्सवर्थ (द) रिचर्ड्स
152. ’काव्य जीवन की आलोचना है’ ऐसा मानते है –
(अ) मैथ्यू अर्नाल्ड (ब) रिचर्ड्स
(स) इलियट (द) अरस्तु
153. ’नयी समीक्षा’ के समीक्षक है –
1. ब्लैक मूर 2. क्लिंथ बु्रक्स 3. रैन्सम 4. वारेन
(अ) एक तथा तीन (ब) दो तथा तीन
(स) दो, तीन तथा चार (द) सभी
154. मनोवैज्ञानिक आलोचक है –
(अ) आई.ए. रिचर्ड्स (ब) मैथ्यू अर्नाल्ड
(स) बेनेदितो क्रोचे (द) काॅलरिज
155. ’मलार्मे औरे वैलेरी’ मूलतः है –
(अ) प्रतीकवादी (ब) बिंबवादी
(स) स्वच्छंतावादी (द) मार्क्सवादी
156. स्वच्छंदतावाद की विशेषता नहीं है –
(अ) विद्रोह की प्रवृत्ति (ब) कल्पना का प्राधान्य
(स) व्यक्तिवाद (द) यथार्थवादिता
157. कौन मार्क्सवादी आलोचक नहीं है –
(अ) माओत्से तुंग (ब) जार्ज लुकाच
(स) जाॅन ड्राइडन (द) काडवेल
158. मार्क्सवादी आलोचक नहीं है –
(अ) प्लेखानोव (ब) क्रिस्टोफर काॅडवेल
(स) राल्फ फाॅक्स (द) वर्ड्सवर्थ
159. ’प्रिंसिपल्ज ऑफ लिटरेरी क्रिटिसिज्म’ के रचनाकार है –
(अ) आई.ए. रिचर्ड्स (ब) जाॅन ड्राइडन
(स) मैथ्यू अर्नाल्ड (द) काॅलरिज
160. स्वच्छंदतावादी कवि नहीं है –
(अ) काॅलरिज (ब) शैली
(स) कीट्स (द) जार्ज लूकाच
161. ’मूल्य सिद्धांत’ के प्रवर्तक कौन है ?
(अ) ड्राइडन (ब) इलियट
(स) रिचर्ड्स (द) वर्ड्सवर्थ
162. अस्तित्ववादी नहीं है –
(अ) मलार्मे (ब) यास्पर्श
(स) पाॅल टिलिश (द) सात्र्र
163. निम्न में कौन बिंबवादी लेखक नहीं है –
(अ) टी.ई. ह्यूम (ब) एजरा पाउंड
(स) आलइगंटन (द) राॅबर्ट पेन
164. प्रतीकवादी रचनाकार नहीं है –
(अ) बोदलेयर (ब) वर्ले
(स) रैम्बो (द) एफ.आर. लीविस
165. वस्तुनिष्ठ समीकरण का सिद्धांत है –
(अ) आई.ए. रिचर्ड्स (ब) टी.एस. इलियट
(स) मैथ्यू अर्नाल्ड (द) जाॅन ड्राइडन
166. अस्तित्ववादी की विशेषता नहीं है –
(अ) अजनबीपन (ब) एकांतिकता
(स) सामाजिकता (द) विशृंखलता
167. ’नयी समीक्षा’ के समीक्षक नहीं है –
(अ) क्लींथ बु्रक्स (ब) डब्ल्यू. के. विमसाॅट
(स) जाॅन क्रो रैंमस (द) कांट
168. ’निर्वैयक्तिकरण’ सिद्धांत है –
(अ) इलियट (ब) काॅलरिज
(स) वर्ड्सवर्थ (द) क्रोचे
169. ’द न्यू क्रिटिसिज्म’ पुस्तक के लेखक है –
(अ) जान क्रो रेन्सम (ब) राबर्ट पेन वारेन
(स) क्लींथ ब्रुक्स (द) रिचर्ड्स
170. ’उत्तर संरचनावाद’ का जन्म हुआ –
(अ) फ्रांस (ब) जर्मन
(स) रूस (द) अमरीका
171. ’एम्बिगुइटी’ नयी समीक्षा में इस शब्द के प्रवर्तक है-
(अ) एलन टेट (ब) विलियम एम्पसन
(स) राबर्ट पेन वारेन (द) जान क्रो रेन्सम
172. उत्तर-आधुनिकतावादी चिंतक नहीं है –
(अ) फ्रांसुआ ल्योताट (ब) फ्रेडरिक जेमेसन
(स) बौद्रिआ (द) एफ.आर. लीविस
173. विलियम एम्पसन ने कितने प्रकार के ’अनेकार्थता या श्लेष’ माने है –
(अ) पाँच (ब) छह
(स) सात (द) नौ
174. मिथकीय समीक्षा का सबसे समर्थ प्रवक्ता है –
(अ) नार्थप फ्राई (ब) कैरिसर
(स) विको (द) रिचार्ड चेज
175. ’सार्वभौम मूर्तविधान’ नयी समीक्षा में इस शब्दावली के प्रयोगकर्ता है –
(अ) डब्ल्यू.के. विमसाट (ब) विलियम एम्पसन
(स) जान क्रो रैम्सम (द) राबर्ट पेन वारेन

 

176. ’अजनबीपन’ किस विचारधारा की विशेषता है –
(अ) स्वच्छंदतावाद (ब) माक्र्सवाद
(स) यथार्थवाद (द) अस्तित्ववाद
177. ’मिथ’ शब्द कहाँ का है –
(अ) यूनानी (ब) रोमानी
(स) चीनी (द) जापानी
178. ’अजनबीपन’ किसकी रचना में नहीं मिलता है –
(अ) काफ़्का (ब) कामू
(स) सात्र्र (द) कीट्स
179. कल्पना सिद्धांत के प्रवर्तक है –
(अ) आई.एस. रिचर्ड्स (ब) बेनेदितो क्रोचे
(स) सेमुअल काॅलरिज (द) जाॅन ड्राइडन
180. ’सैविन टाइप्स ऑफ एम्बिगुइटी’ के रचनाकार है-
(अ) विमसाट (ब) विलियम एम्पसन
(स) ब्लैकमर (द) राबर्ट पेन वारेन
181. अंतर्विरोध (पैराडॅक्स) शब्द के अंग्रेजी नयी समीक्षा में प्रस्तुतकर्ता है –
(अ) क्लींथ ब्रुक्स (ब) जान क्रो रैन्सम
(स) राबर्ट जेन वारेन (द) विमसाट
182. ’अनेकार्थता’ अथवा ’श्लेष’ शब्द के नयी समीक्षा में प्रवर्तक है –
(अ) विलियम एम्पसन (ब) विमसाट
(स) जान क्रो रैन्सम (द) राबर्ट पैन वारेन
183. विखंडन (डीकंस्ट्रक्शन) शब्दावली के नयी समीक्षा में प्रयोक्ता है –
(अ) जाॅक देरिदा (ब) जान क्रो रैन्सम
(स) हाइडेगर (द) यास्र्पन
184. नयी समीक्षा में ’तनाव’ शब्द के प्रवर्तक है –
(अ) जान क्रो रेन्सम (ब) एलन टेट
(स) विलियम एम्पसन (द) क्लींथ ब्रुक्स
185. उत्तर-सरंचनावादी चिंतक नहीं है –
(अ) जाॅक देरिदा (ब) मिशेल फूको
(स) जाक लाकां (द) नीत्से
186. ’दार्शनिक यथार्थवाद’ के प्रवर्तक है –
(अ) डेकार्टे या लाॅक (ब) डार्विन
(स) एंजिल (द) डी. केमटा
187. ’अर्थ-मीमांसा’ सिद्धांत के प्रवर्तक हैं –
(अ) जाॅनसन (ब) रिचर्ड्स
(स) ड्राइडन (द) इलियट
188. ’त्रासदी’ की आत्मा अरस्तु ने माना है –
(अ) कथानक (ब) पात्र
(स) विचार (द) गीत
189. ’फ्रायडियन यथार्थवाद’ के प्रवर्तक है –
(अ) फ्रायड (ब) एडलर
(स) युंग (द) डी.एच. लारेन्स
190. ’संप्रेषण का सिद्धांत’ है –
(अ) रिचर्ड्स (ब) ड्राइडन
(स) काॅलरिज (द) इलियट
191. यूनानी शब्द ’मेमिसिस’ का हिंदी अनुवाद है –
(अ) शुद्धिकरण (ब) ललित कल्पना
(स) अनुकरण (द) विरेचन
192. ’अभिव्यंजनावाद’ के प्रवर्तक है –
(अ) क्रोचे (ब) काॅलरिज
(स) ड्राइडन (द) रिचर्ड्स
193. ’अंतश्चेतनावादी यथार्थवाद’ के प्रवर्तक है –
(अ) वाल्टेयर (ब) डी.एच. लारेन्स
(स) युंग (द) एडलर
194. ’स्वच्छंदतावाद’ के प्रवर्तक है –
(अ) वर्ड्सवर्थ (ब) रूसी
(स) शैली (द) कीट्स
195. ’स्वच्छंदतावाद’ की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है –
(अ) व्यक्तिवाद (ब) अति कल्पना
(स) भावुकता (द) प्रकृति
196. ’कल्पना’ को काव्य की आत्मा माना है –
(अ) काॅलरिज (ब) क्रोेचे
(स) वर्ड्सवर्थ (द) लोंजाइनस
197. ’विडंबना (आयरनी)’ तथा ’विसंगति (एब्सर्ड)’ के नयी समीक्षा में प्रयोगकर्ता है –
(अ) क्लींथ बु्रक्स (ब) विमसाट
(स) एलेन टेट (द) वारेन
198. ’मार्क्सवादी यथार्थवाद’ के प्रवर्तक है –
(अ) एंजिल (ब) लेनिन
(स) माक्र्स (द) डेकार्टे
199. स्वच्छंदता विरोधी आलोचना के आरंभकर्ता माने जाते है –
(अ) आई.ए. रिचर्ड्स (ब) टी.एस. इलियट
(स) काॅलरिज (द) जाॅन ड्राइडन
200. ’कला-अनुकृति की अनुकृति है’ माना है –
(अ) प्लेटो (ब) अरस्तु
(स) सुकरात (द) वर्ड्सवर्थ

उत्तरमाला 

1 ब 46 ब 91 ब 136 ब 181 अ
2 स 47 स 92 स 137 ब 182 अ
3 अ 48 ब 93 ब 138 द 183 द
4 द 49 अ 94 द 139 ब 184 ब
5 अ 50 अ 95 अ 140 स 185 द
6 ब 51 ब 96 स 141 ब 186 अ
7 स 52 स 97 ब 142 अ 187 ब
8 अ 53 ब 98 अ 143 ब 188 अ
9 अ 54 द 99 द 144 द 189 अ
10 ब 55 ब 100 द 145 द 190 अ
11 स 56 अ 101 अ 146 अ 191 स
12 अ 57 स 102 ब 147 ब 192 अ
13 द 58 ब 103 स 148 अ 193 ब
14 ब 59 अ 104 ब 149 ब 194 अ
15 ब 60 ब 105 स 150 अ 195 अ
16 स 61 ब 106 द 151 ब 196 अ
17 स 62 अ 107 अ 152 अ 197 अ
18 अ 63 स 108 ब 153 द 198 स
19 अ 64 अ 109 अ 154 अ 199 अ
20 स 65 द 110 ब 155 अ 200 अ
21 ब 66 ब 111 द 156 द
22 ब 67 अ 112 ब 157 स
23 ब 68 स 113 अ 158 द
24 द 69 ब 114 अ 159 अ
25 स 70 अ 115 द 160 द
26 ब 71 द 116 ब 161 स
27 अ 72 ब 117 ब 162 अ
28 स 73 अ 118 अ 163 द
29 स 74 अ 119 अ 164 द
30 ब 75 अ 120 स 165 ब
31 स 76 ब 121 ब 166 स
32 ब 77 अ 122 द 167 द
33 अ 78 स 123 स 168 अ
34 स 79 द 124 स 169 अ
35 ब 80 ब 125 ब 170 अ
36 अ 81 अ 126 अ 171 ब
37 स 82 ब 127 द 172 द
38 द 83 द 128 ब 173 स
39 ब 84 स 129 द 174 अ
40 अ 85 अ 130 ब 175 अ
41 स 86 स 131 स 176 द
42 ब 87 अ 132 द 177 अ
43 अ 88 ब 133 स 178 द
44 अ 89 अ 134 अ 179 स
45 ब 90 द 135 ब 180 ब

 

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