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hindi sahitya || हिंदी साहित्य की प्रमुख पंक्तियाँ|| hindi literature

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:19th May, 2022| Comments: 1

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हिंदी साहित्य की प्रमुख पंक्तियाँ(hindi sahitya kee pramukh panktiyaan)

Table of Contents

  • हिंदी साहित्य की प्रमुख पंक्तियाँ(hindi sahitya kee pramukh panktiyaan)
    • hindi sahitya || हिंदी साहित्य की प्रमुख पंक्तियाँ|| hindi literature
        • ऐसी समास की पोस्ट नही पढ़ी होगी आपने .. जरूर पढ़ें 

हिंदी मित्रो आज की  पोस्ट में हिंदी साहित्य(hindi sahitya) की महत्वपूर्ण पंक्तियाँ शामिल की गयी है इसमें से हर परीक्षा में एक दो पंक्तियाँ आपको जरूर मिलेगी।

hindi sahitya || हिंदी साहित्य की प्रमुख पंक्तियाँ|| hindi literature

 

1. मो सम कौन कुटिल खलकामीसूरदास
2. यह प्रेम को पंथ कराल महा तरवारि की धार पर धावनो हैबोधा
3. माधव हम परिनाम निरासाविद्यापति
4. हरि हू राजनीति पढ़ि आएसूरदास
5. भरोसो दृढ़ इन चरनन केरोसूरदास
6. इन मुसलमान जनन पर कोटिन हिंदू बारिहभारतेंदु
7. खुल गए छंद के बंधपंत
8. तुलसी का सारा काव्य समन्वय की विराट चेष्टा हैहजारीप्रसाद द्विवेदी
9. धुनि ग्रमे उत्पन्नों, दादू योगेंद्रा महामुनिरज्जब
10. काव्य आत्मा की संल्पनात्मक अनुभूति हैजयशंकर प्रसाद
11. प्रभु जी तुम चंदन हम पानीरैदास
12. सखा श्रीकृष्ण के गुलाम राधा रानी केभारतेंदु
13. देखे मुख भावै अनदेखे कमल चंद

ताते मुख मुरझे कमला न चंद

केशवदास
14. एक नार नक अचरज किया

साँप मार पिंजरे में दिया

खुसरो
15. केशव कहि न जादु का कहिएतुलसीदास
16. देसिल बअना सब इन मिट्ठा

      तै तैसन जपऔ अवहठ्ठा

विद्यापति
17. पुष्टिमार्ग का जहाज जात है सो

      जाको कछु लेना हो सो लेउ

विट्ठलनाथ
18. जाहि मन पवन न संचरई

      रवि ससि नहिं पवेस

सरहपा
19. यदि प्रबंध काव्य एक विस्तृत वनस्थली है तो मुक्तक     चुना  हुआ गुलदस्ताआचार्य शुक्ल
20. अवधू रहिया हाटे वाटे रूप बिरष की छाया

  तजिबा काम क्रोध लोभ मोह संसार की माया

गोरखनाथ
21. राजनीति का प्रश्न नहीं रे आज

  जगत के सम्मुख एक वृहत सांस्कृतिक समस्या जग के             निकट उपस्थित

पंत
22. भल्ला हुआ जु मारिया बहिणि म्हारा कंतु

     लज्जेयं तु वयंसिअहू जइ मग्गा घरु संतु

हेमचंद्र
23. निराला से बढ़कर स्वच्छंदतावादी कवि हिंदी में कोई नहीं हैहजारीप्रसाद द्विवेदी
24. पुस्तक जल्हण हाथ दै चलि गज्जन नृप काजचंदबरदाई
25. छोङो मत यह सुख का कण हैजयशंकर प्रसाद
26. मनहु कला ससभान कला सोलह सो बन्नियचंदबरदाई
27. प्रयोगवाद बैठे-ठाले का धंधा हैनंददुलारे वाजपेयी
28. बारह बरस लौं कूकर जिए, अरू तेरह लै जिए सियार

    बरिस अठारह छत्री जिए, आगे जीवन को धिक्कार

जगनिक
29. यदि इस्लाम न भी आया होता तो भी भक्ति साहित्य का         बारह आना वैसा ही होता जैसा आजहजारीप्रसाद द्विवेदी
30. गोरख जगायो जोग भगति भगायो लोगतुलसीदास (कवितावली से)
31. साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास हैबालकृष्ण भट्ट
32. झिलमिल झगरा झूलते बाकी रही न काहु

    गोरख अटके कालपुर कौन कहावै साहु

कबीर
33. भारतवर्ष का लोकनायक वही हो सकता है जो समन्वय       करने का अपार धैर्य लेकर आया होहजारीप्रसाद द्विवेदी
34. दशरथ सुत तिहुँ लोक बखाना

    राम नाम का मरम है आना

कबीर
35. मैं मजदूर हूँ, मजदूरी किए बिना मुझे भोजन करने का     अधिकार नहींप्रेमचंद
36. अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काममलूकदास
37. सूर अपनी आँखों से वात्सल्य का कोना-कोना झाँक आए हैरामचंद्र शुक्ल
38. विक्रम धँसा प्रेम का बारा

   सपनावती कहँ गयऊ पतारा

मंझन (मधुमालती से)
39. उत्तर अपभ्रंश ही पुरानी हिंदी हैचंद्रधर शर्मा गुलेरी
40. कब घर में बैठे रहैं, नाहिंन हाट बाजार

   मधुमालती, मृगावती पोथी दोउ उचार

बनारसीदास जैन
41. बालचंद बिज्जावइ भाषा, नहिंन

    दुहु नहिं लग्गई दुज्जन हासा

विद्यापति
42. मुझको क्या तू ढूँढ़े बंदे

     मैं तो तेरे पास में

कबीर
43. बलंदीप देखा अँगरेजा, तहाँ जाई जेही कठिन करेजाउसमान (चित्रावली में)
44. सूरतिय, नरतिय, नागतिय, सब चाहत अस होय

    गोद लिए हुलसी फिरैं तुलसी सो सुत होय

रहीम
45. कहा करौ बैकुंठहिं जाय

    जहाँ नहिं नंद, जहाँ न जसोदा, नहिं जहँ गोपी, ग्वाल न गाय

परमानंद दास
46. जाके प्रिय न राम वैदेही

   सो नर तजिए कोटि बैरी सम यद्यपि परम सनेही

तुलसीदास (विनयपत्रिका से)
47. जदपि सुजाति सुलच्छनी सुबरन सरस सुवतृ

    भूषण बिनु न विराजई कविता बनिता मित्त

केशवदास
48. आँखिन मूँदिबे के मिस आनि

    अचानक पीठि उरोज लगावै

मतिराम
49. अभिधा उत्तम काव्य है मध्य लक्षणा तीन

    अधम व्यंजना रस विरस, उलटी कहत नवीन

देव
50. भले बुरे सम, जौ लौं बोलत नाहिं

    जानि परत हैं काक पिक, ऋतु बसंत के माहिं

वृंद
51. नेही महा ब्रजभाषा प्रवीन और संदरतानि के भेद को जानैब्रजनाथ
52. एक सुभान कै आनन पै कुरबान जहाँ लगि रूप जहाँ कोबोधा
53. आठ मास बीते जजमान

    अब तो करो दच्छिना दान

प्रतापनारायण मिश्र
54. साखी सबदी दोहरा, कहि कहिनी उपखान

    भगति निरूपहिं निन्दहिं बेद पुरान

तुलसी
55. निर्गुण ब्रह्म को कियो समाधु

      तब ही चले कबीरा साधु

दादू
56. सब मम प्रिय सब मम उपजाये

     सबतैं अधिक मनुज मोहि भाये

तुलसी
57. पढ़ि कमाय कीन्हों कहा हरे देश कलेश

    जैसे कन्ता घर रहे तैसे रहे विदेस

प्रतापनारायण मिश्र
58. मैं हिंदुस्तान की तूती हूँ, अगर तुम वास्तव में मुझसे कुछ      पूछना चाहते हो तो हिंदवी मेें पूछोअमीर खुसरो
59. मैं मरूँगा सुखी

  मैने जीवन की धज्जियाँ उङाई हैं

अज्ञेय
60. यह सिर नवे न राम कू, नाहीं गिरियो टूट

   आन देव नहिं परसिये, यह तन जायो छूट

चरनदास
61. रुकमिनि पुनि वैसहि मरि गई

    कुलवंती सत सो सति भई

कुतुबन
62. जानत है वह सिरजनहारा, जो किछु है मन मरम हमारा।

    हिंदु मग पर पाँव न राखेऊ, का जो बहुतै हिंदी भाखेऊ

नूरमुहम्मद
63. मो मन गिरिधर छवि पै अटक्यो

    ललित त्रिभंग चाल पै चाल कै, चिबुक चारु गङि ठटक्यो

कृष्णदास
64. संतन को कहा सीकरी सों काम

    आवत जात पनहियाँ टूटी बिसरि गयो हरि नाम

कुंभनदास
65. बसो मेरे नैनन में नंदलाल

    मोहनि मूरत, साँवरि सूरत, नैना बने रसाल

मीराबाई
66. लोटा तुलसीदास को लाख टका को मोलहोलराय
67. कुंदन को रंग फीकौ लगेमतिराम
68. अमिय, हलाहल, मदभरे, सेत, स्याम, रतनार

    जियत, मरत, झुकि-झुकि परत, जेहि चितवत एक बार

रसलीन
69. कनक छुरी सी कामिनी काहे को कटि छीनआलम
70 अति सुधौ सनेह को मारग है

   जहँ नैकू सयानपन बाँक नहीं

घनानंद
71. आलम नेवाज सिरताज पातसाहन के

    गाज ते दराज कौन नजर तिहारी है

चंद्रशेखर
72. कलि कुटिल जीव निस्तार हित वाल्मीकि तुलसी भयोनाभादास जी
73. मात पिता जग जाइ तज्यो

    विधिहू न लिख्यो कछु भाल भलाई

तुलसी
74. अपना मस्तक काटिकै बीर हुआ कबीरदादू
75. सो जागी जाके मन में मुद्रा

   रात-दिवस ना करई निद्रा

कबीर
76. पराधीन सपनेहु सुख नाहींतुलसी
77. काहे री नलिनी तू कम्हलानी

    तेरे ही नालि सरोवर पानी

कबीर
78. काव्य की रीति सीखि सुकवीन सों

      देखी सुनि बहुलोक की बातें

भिखारीदास

 

 

दोस्तो आज की hindi sahitya  टॉपिक में हिन्दी साहित्य की प्रमुख पंक्तियाँ आपको कैसे लगी ,नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें

ये भी अच्छे से जानें ⇓⇓

समास क्या होता है ?

परीक्षा में आने वाले मुहावरे 

सर्वनाम व उसके भेद 

महत्वपूर्ण विलोम शब्द देखें 

विराम चिन्ह क्या है ?

परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें 

पर्यायवाची शब्द 

ऐसी समास की पोस्ट नही पढ़ी होगी आपने .. जरूर पढ़ें 

hindi sahitya

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Comments

  1. Pawan Sah says

    05/05/2019 at 1:26 PM

    बहुत अच्छा सर

    Reply

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