• Home
  • PDF Notes
  • Videos
  • रीतिकाल
  • आधुनिक काल
  • साहित्य ट्रिक्स
  • आर्टिकल

हिंदी साहित्य चैनल

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • PDF NOTES
  • VIDEOS
  • कहानियाँ
  • व्याकरण
  • रीतिकाल
  • हिंदी लेखक
  • कविताएँ
  • Web Stories

व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त

Author: KK Sir | On:4th May, 2022| Comments: 0

Tweet
Share3
Pin
Share
3 Shares

व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त  (Personality and definition principles)

Table of Contents

  • व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त  (Personality and definition principles)
  • व्यक्तित्व अर्थ (Meaning of personality)
    • व्यक्तित्व की परिभाषाएँ (Definition of personality)
    • व्यक्तित्व मापन के सिद्धांत (Principles of Personality Measurement)
        • TRICK-“विकट में जागो आम व्यक्ति हमें माँगना है मन से और शरीर से” Note : शब्दो  का विग्रह/विच्छेद करने पर पहला शब्द व्यक्तित्व मापन के सिद्धान्त का नाम तथा दूसरा शब्द उस सिद्धान्त के प्रतिपादक/प्रवर्तक/मनोवैज्ञानिक का नाम है।

दोस्तों आज हम आज की पोस्ट में व्यक्तितव और परिभाषा सिद्धांत के बारे में जानेंगे

व्यक्तित्व अर्थ (Meaning of personality)

‘व्यक्तित्व’ अंग्रेजी के पर्सनेल्टी (Personality) का पर्याय है। पर्सनेल्टी शब्द की उत्पत्ति
यूनानी भाषा के ‘पर्सोना’ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है ‘मुखोटा (Mask)’ ।उस समय व्यक्तित्व का तात्पर्य बाह्य गुणों से लगाया जाता था। यह धारणा व्यक्तित्व के पूर्ण अर्थ की व्याख्या नही करती। व्यक्तित्व की कुछ आधुनिक परिभाषाएँ दृष्टव्य है :

व्यक्तित्व की परिभाषाएँ (Definition of personality)

1. गिलफोर्ड : व्यक्तित्व गुणों का समन्वित रूप है।
2. वुडवर्थ : व्यक्तित के व्यवहार की एक समग्र विशेषता ही व्यक्तित्व है।
3. मार्टन : व्यक्तित्व व्यक्ति के जन्मजात तथा अर्जित स्वभाव, मूल प्रवृत्तियों, भावनाओं तथा इच्छाओं आदि का समुदाय है।
4. बिग एवं हंट : व्यक्तित्व व्यवहार प्रवृत्तियों का एक समग्र रूप है, जो व्यक्तित के सामाजिक समायोजन में अभिव्यक्त होता है।5. ऑलपोर्ट (Imp) : व्यक्तित्व का सम्बन्ध मनुष्य की उन शारीरिक तथा आन्तरिक वृत्तियों से है, जिनके आधार पर व्यक्ति अपने वातावरण के साथ समायोजन स्थापित करता है।

इस प्रकार हम निष्कर्ष रूप में कह सकते है, कि व्यक्तित्व एक व्यक्ति के समस्त मानसिक एवं शारीरिक गुणों का ऐसा गतिशील संगठन है, जो वातावरण के साथ उस व्यक्ति का समायोजन निर्धारित करता है।

 

व्यक्तित्व मापन के सिद्धांत (Principles of Personality Measurement)

TRICK-“विकट में जागो आम व्यक्ति हमें माँगना है मन से और शरीर से”
Note : शब्दो  का विग्रह/विच्छेद करने पर पहला शब्द व्यक्तित्व मापन के सिद्धान्त का नाम तथा दूसरा शब्द उस सिद्धान्त के प्रतिपादक/प्रवर्तक/मनोवैज्ञानिक का नाम है।

ट्रिक का विस्तृत्व रुप :
1. वि+कट = विशेषक सिद्धान्त-कैटल
में-silent
2. जा+गो = जिव सिद्धांत-गोल्डस्टीन
3. आ+म = आत्मज्ञान का सिद्धान्त-मास्लो
4. व्यक्ति = व्यक्ति अर्थात यह ट्रिक्स “व्यक्तित्व मापन  के सिद्धान्त” की है।

5. ह+में = हार्मिक सिद्धान्त-मैक्डूगल
6. माँगना+है = माँग सिद्धान्त-हेनरी मुरे
7. मन+से = मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त-सिंगमंड फ्रायड
और-silent
8. शरीर+से = शरीर रचना सिद्धान्त-शैल्डन

व्यक्तित्व की प्रकृति को स्पष्ट करने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व के सम्बन्ध में अनेक सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया है।व्यक्तित्व के प्रमुख सिद्धान्त इस प्रकार है-
1. मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त (Psychoanalytic theory)

इस सिद्धान्त का प्रतिपादन फ्रायड(Freud) ने किया था। उनके अनुसार व्यक्तित्व के तीन अंग है-
(i). इदम् (Id)
(ii). अहम् (Ego)
(iii). परम अहम् (Super Ego)
ये तीनो घटक सुसंगठित कार्य करते है, तो व्यक्ति ‘समायोजित’ कहा जाता है। इनसे संघर्ष की स्थिति होने पर व्यक्ति असमायोजित हो जाता

(i). इदम् (Id) : यह जन्मजात प्रकृति है। इसमें वासनाएँ और दमित इच्छाएँ होती है। यह तत्काल सुख व संतुष्टि पाना चाहता है। यह पूर्णतः अचेतन में कार्य करता है। यह ‘पाश्विकता का प्रतीक’ है।
(ii). अहम् (Ego) : यह सामाजिक मान्यताओं व परम्पराओं के अनुरूप कार्य करने की प्रेरणा देता है। यह संस्कार, आदर्श, त्याग और बलिदान के लिए तैयार करता है। यह ‘देवत्व का प्रतीक’ है।
(iii). परम अहम् (Super Ego) : यह इदम् और परम अहम् के बीच संघर्ष में मध्यस्थता करते हुए इन्हे जीवन की वास्तविकता से जोड़ता है अहम् मानवता का प्रतीक है, जिसका सम्बन्ध वास्तविक जगत से है। जिसमे अहम् दृढ़ व क्रियाशील होता है, वह व्यक्ति समायोजन में सफल रहता है। इस प्रकार व्यक्तित्व इन तीनों घटकों के मध्य ‘समायोजन का परिणाम’ है।

2. शरीर रचना सिद्धान्त (Body composition theory) इस सिद्धान्त के प्रवर्तक शैल्डन थे। इन्होंने शारीरिक गठन व शरीर रचना के आधार पर व्यक्तित्व की व्याख्या करने का प्रयास किया। यह शरीर रचना व व्यक्तित्व के गुणों के बीच घनिष्ठ संबंध मानते हैं। इन्होंने शारीरिक गठन के आधार पर व्यक्तियों को तीन भागों- गोलाकृति, आयताकृति, और लंबाकृति में विभक्त किया।गोलाकृति वाले प्रायः भोजन प्रिय, आराम पसंद, शौकीन मिजाज, परंपरावादी, सहनशील, सामाजिक तथा हँसमुख प्रकृति के होते हैं। आयताकृति वाले प्रायः रोमांचप्रिय, प्रभुत्ववादी, जोशीले, उद्देश्य केंद्रित तथा क्रोधी प्रकृति के होते हैं। लम्बाकृति वाले प्रायः गुमसुम, एकांतप्रिय अल्पनिद्रा वाले, एकाकी, जल्दी थक जाने वाले तथा निष्ठुर प्रकृति के होते हैं।

3. विशेषक सिद्धान्त : इस सिद्धान्त का प्रतिपादन कैटल ने किया था। उसने कारक विश्लेषण नाम की सांख्यिकीय प्रविधि का उपयोग करके व्यक्तित्व को अभिव्यक्त करने वाले कुछ सामान्य गुण खोजे, जिन्हें ‘व्यक्तित्व विशेषक’ नाम दिया। इसके कुछ कारक है- धनात्मक चरित्र, संवेगात्मक स्थिरता, सामाजिकता, बृद्धि आदि।कैटल के अनुसार व्यक्तित्व वह विशेषता है, जिसके आधार पर विशेष परिस्थिति में व्यक्तित के व्यवहार का अनुमान लगाया जाता है। व्यक्तित्व विशेषक मानसिक रचनाएँ है। इन्हे व्यक्ति के व्यवहार प्रक्रिया की निरंतरता व नियमितता के द्वारा जाना जा सकता है।

4. माँग सिद्धान्त : इस सिद्धांत के प्रतिपादक हेनरी मुझे मानते हैं कि मानव एक प्रेरित जीव है जो अपने अंतर्निहित आवश्यकताओं तथा दबावों के कारण जीवन में उत्पन्न तनाव को कम करने का निरंतर प्रयास करता रहता है। वातावरण व्यक्ति के अंदर कुछ माँगो को उत्पन्न करता है। यह माँगे ही व्यक्ति के द्वारा किए जाने वाले व्यवहार को निर्धारित करती है।

व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त

ये भी जरूर पढ़ें ⇓⇓

मनोविज्ञान प्रश्नोत्तर 4 

शिक्षा मनोविज्ञान 40 महत्वपूर्ण प्रश्न 

व्यक्तित्व परिभाषा और सिद्धान्त 

अभिप्रेरणा क्या है 

मनोविज्ञान की मोस्ट परिभाषाएँ 

बाल्यावस्था के लिए महत्वपूर्ण कथन 

अधिगम प्रश्नोत्तर 

अभिप्रेरणा और अभिप्रेरक यहाँ पढ़े 

व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त,व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त,व्यक्तित्व और परिभाषा सिद्धान्त,personality definition,
personality test,
personality,
personality development in hindi,

Tweet
Share3
Pin
Share
3 Shares
Previous Post
Next Post

Reader Interactions

ये भी पढ़ें

  • My 11 Circle Download – Latest Version App, Apk , Login, Register

    My 11 Circle Download – Latest Version App, Apk , Login, Register

  • First Grade Hindi Solved Paper 2022 – Answer Key, Download PDF

    First Grade Hindi Solved Paper 2022 – Answer Key, Download PDF

  • Ballebaazi App Download – Latest Version Apk, Login, Register, Fantasy Game

    Ballebaazi App Download – Latest Version Apk, Login, Register, Fantasy Game

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Subscribe Us Now On Youtube

Search

सम्पूर्ण हिंदी साहित्य पीडीऍफ़ नोट्स और 5000 वस्तुनिष्ठ प्रश्न मात्र 100रु

सैकंड ग्रेड हिंदी कोर्स जॉइन करें

ट्विटर के नए सीईओ

टेलीग्राम चैनल जॉइन करें

Recent Posts

  • द्वन्द्व समास – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Dwand samas
  • द्विगु समास – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Dvigu Samas
  • NTA UGC NET Hindi Paper 2022 – Download | यूजीसी नेट हिंदी हल प्रश्न पत्र
  • My 11 Circle Download – Latest Version App, Apk , Login, Register
  • First Grade Hindi Solved Paper 2022 – Answer Key, Download PDF
  • Ballebaazi App Download – Latest Version Apk, Login, Register, Fantasy Game
  • कर्मधारय समास – परिभाषा, उदाहरण, पहचान || Karmadharaya Samas
  • Rush Apk Download – Latest Version App, Login, Register
  • AJIO App Download – Latest Version Apk, Login, Register
  • अव्ययीभाव समास – परिभाषा, भेद और उदाहरण || Avyayibhav Samas

Categories

  • All Hindi Sahitya Old Paper
  • App Review
  • General Knowledge
  • Hindi Literature Pdf
  • hindi sahitya question
  • Motivational Stories
  • NET/JRF टेस्ट सीरीज़ पेपर
  • NTA (UGC) NET hindi Study Material
  • Uncategorized
  • आधुनिक काल साहित्य
  • आलोचना
  • उपन्यास
  • कवि लेखक परिचय
  • कविता
  • कहानी लेखन
  • काव्यशास्त्र
  • कृष्णकाव्य धारा
  • छायावाद
  • दलित साहित्य
  • नाटक
  • प्रयोगवाद
  • मनोविज्ञान महत्वपूर्ण
  • रामकाव्य धारा
  • रीतिकाल
  • रीतिकाल प्रश्नोत्तर सीरीज़
  • विलोम शब्द
  • व्याकरण
  • शब्दशक्ति
  • संतकाव्य धारा
  • संधि
  • समास
  • साहित्य पुरस्कार
  • सुफीकाव्य धारा
  • हालावाद
  • हिंदी डायरी
  • हिंदी पाठ प्रश्नोत्तर
  • हिंदी साहित्य
  • हिंदी साहित्य क्विज प्रश्नोतर
  • हिंदी साहित्य ट्रिक्स
  • हिन्दी एकांकी
  • हिन्दी जीवनियाँ
  • हिन्दी निबन्ध
  • हिन्दी रिपोर्ताज
  • हिन्दी शिक्षण विधियाँ
  • हिन्दी साहित्य आदिकाल

हमारा यूट्यूब चैनल देखें

Best Article

  • बेहतरीन मोटिवेशनल सुविचार
  • बेहतरीन हिंदी कहानियाँ
  • हिंदी वर्णमाला
  • हिंदी वर्णमाला चित्र सहित
  • मैथिलीशरण गुप्त
  • सुमित्रानंदन पन्त
  • महादेवी वर्मा
  • हरिवंशराय बच्चन
  • कबीरदास
  • तुलसीदास

Popular Posts

Net Jrf Hindi december 2019 Modal Test Paper उत्तरमाला सहित
आचार्य रामचंद्र शुक्ल || जीवन परिचय || Hindi Sahitya
तुलसीदास का जीवन परिचय || Tulsidas ka jeevan parichay
रामधारी सिंह दिनकर – Ramdhari Singh Dinkar || हिन्दी साहित्य
Ugc Net hindi answer key june 2019 || हल प्रश्न पत्र जून 2019
Sumitranandan pant || सुमित्रानंदन पंत कृतित्व
Suryakant Tripathi Nirala || सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

Footer

हिंदी व्याकरण

 वर्ण विचार
 संज्ञा
 सर्वनाम
 क्रिया
 वाक्य
 पर्यायवाची
 समास
 प्रत्यय
 संधि
 विशेषण
 विलोम शब्द
 काल
 विराम चिह्न
 उपसर्ग
 अव्यय
 कारक
 वाच्य
 शुद्ध वर्तनी
 रस
 अलंकार
 मुहावरे लोकोक्ति

कवि लेखक परिचय

 जयशंकर प्रसाद
 कबीर
 तुलसीदास
 सुमित्रानंदन पंत
 रामधारी सिंह दिनकर
 बिहारी
 महादेवी वर्मा
 देव
 मीराबाई
 बोधा
 आलम कवि
 धर्मवीर भारती
मतिराम
 रमणिका गुप्ता
 रामवृक्ष बेनीपुरी
 विष्णु प्रभाकर
 मन्नू भंडारी
 गजानन माधव मुक्तिबोध
 सुभद्रा कुमारी चौहान
 राहुल सांकृत्यायन
 कुंवर नारायण

कविता

 पथिक
 छाया मत छूना
 मेघ आए
 चन्द्रगहना से लौटती बेर
 पूजन
 कैदी और कोकिला
 यह दंतुरित मुस्कान
 कविता के बहाने
 बात सीधी थी पर
 कैमरे में बन्द अपाहिज
 भारत माता
 संध्या के बाद
 कार्नेलिया का गीत
 देवसेना का गीत
 भिक्षुक
 आत्मकथ्य
 बादल को घिरते देखा है
 गीत-फरोश
Copyright ©2020 HindiSahity.Com Sitemap Privacy Policy Disclaimer Contact Us