आधुनिक काल साहित्य

आधुनिक काल में भारतेन्दु मंडल के चर्चित लेखकगण

आधुनिक काल में भारतेन्दु मंडल के चर्चित लेखकगण

आधुनिक काल में भारतेन्दु मंडल के चर्चित लेखकगण   भारतेंदु हरिश्चंद्रः– कविवर हरिश्चंद्र (1850-1885) इतिहासप्रसिद्ध सेठ अमीचंद की वंश-पंरपरा में उत्पन्न हुए थे। उनके पिता बाबू गोपालचंद्र ’गिरिधरदास’ भी अपने समय के प्रसिद्ध कवि थे। हरिश्चंद्र ने बाल्यावस्था में ही काव्य-रचना आंरम्भ कर दी थी और अल्पायु में कवित्व प्रतिभा और सर्वतोमुखी रचना क्षमता का …

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प्रगतिवाद महत्वपूर्ण सीरीज़ व ट्रिक | Pragativad

pragativadi

प्रगतिवाद महत्वपूर्ण सीरीज़ व ट्रिक(pragativadi) 1.‘ बाघ ‘ लंबी कविता किसकी है ⇒केदारनाथ सिंह 2.लम्बी कविता ‘नेवला’ किसकी है ⇒त्रिलोचन 3.’युगधारा’ रचना है ⇒नागार्जुन 4.’प्रलय सृजन’ रचना है ⇒शिवमंगल सिंह’ सुमन’ 5. पांचाली रचना है ⇒रांगेय राघव 6.मैं पूरी ताकत के साथ शब्दों को फेंकना चाहता हूँ आदमी की तरफ…..पंक्ति है ⇒केदारनाथ सिंह 7.’भस्मांकुर’ नामक …

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द्विवेदी युगीन महत्त्वपूर्ण पंक्तियाँ -हिंदी साहित्य का इतिहास

द्विवेदी युग

आज की पोस्ट में हिंदी साहित्य के इतिहास के अंतर्गत परीक्षोपयोगी द्विवेदी युगीन महत्त्वपूर्ण पंक्तियाँ दी गयी है ,इन्हें आप कंठस्थ कर लेवें | अच्छी लगे तो शेयर जरुर करें द्विवेदी युगीन कवियों की महत्वपूर्ण काव्य पंक्तियाँ महावीर प्रसाद द्विवेदी सुरम्यरूपे, रसराशि-रंजिते, विचित्र वर्णाभरणे! कहाँ गई ? तुम्हीं अन्नदाता भारत के सचमुच बैलराज! महाराज! बिना …

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भारतेन्दु युग परिचय || हिंदी साहित्य का आधुनिक काल

आज की पोस्ट में हम हिंदी साहित्य के अंतर्गत आधुनिक काल में भारतेन्दु युग परिचय को पढेंगे ,और इस युग की प्रमुख विशेषताएँ जानेंगे भारतेन्दु काल या नवजागरण काल (1869 से 1900) हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के संक्राति काल के दो पक्ष हैं। इस समय के दरम्यान एक और प्राचीन परिपाटी में काव्य रचना …

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आधुनिक काल प्रश्नोतरी क्विज 2

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आधुनिक काल प्रश्नोतरी क्विज 2 आधुनिक काल प्र.1-प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएसन नामक अंतरर्राष्ट्रीय समस्था का प्रथम अधिवेशन कहां हुआ था? अ-पेरिस⇒ ब-लखनऊ स-लंदन द-जर्मनी प्र.2-प्रगतिवाद किस दर्शन से संबंध रखता है ? अ-मनोविश्लेष्ण वाद ब-मार्क्सवाद⇒ स-समाजवाद द-आतंकवाद प्र.3-निम्न मे से किस कविता को नागार्जुन का ‘मेनिफेस्टो’ कहा जाता है? अ-युगधार ब-पुरानी जूतियों का कोरस स-प्रतिहिंसा ही …

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Hindi sahitya ka itihas adhunik kal || हिंदी साहित्य || आधुनिक काल

Hindi sahitya ka itihas adhunik kal

दोस्तो आज की पोस्ट में हिंदी साहित्य के आधुनिक काल(Hindi sahitya ka itihas adhunik kal) को शोर्ट तरीके से बताया गया है ,आप इससे टॉपिक का रिवीजन कर सकते है हिन्दी साहित्य का आधुनिक काल हिन्दी गद्य का उद्भव और विकास भारतेन्दु पूर्व हिन्दी गद्य भारतेन्दु पूर्व हिन्दी गद्य प्रायः तीन रूपों में मिलता है …

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pragativadi kavydhara || प्रगतिवाद काव्यधारा विशेषताएँ || हिंदी साहित्य

प्रगतिवाद की प्रमुख विशेषताएँ

आज की पोस्ट में हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के अंतर्गत प्रगतिवाद की विशेषताएँ(pragativadi kavydhara) पढेंगे जिससे हम इस युग के बारे में अच्छे से जान पाएंगे | जैसा कि आपको विदित होगा कि प्रगतिवाद समयकाल  (1936-43 ई.) रहा है   (क) संवेदना(pragativadi kavydhara) (1) मार्क्सवाद में विश्वास: प्रगतिवादी चिन्तन मार्क्सवादी है। प्रगतिवादी कवि साम्यवाद …

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आधुनिक काल हिंदी साहित्य प्रश्नोतरी 1

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आधुनिक काल हिंदी साहित्य प्रश्नोतरी 1 ▶ *”आत्मा और परमात्मा का गुप्त वाग्विलास रहस्यवाद है और वही छायावाद है।”* किसका कथन है ? ➖रामकुमार वर्मा ✅ ▶ *”जिस प्रकार मैटर ऑफ़ फैक्ट(इतिवृत्तात्मक) के आगे की चीज छायावाद है उसी प्रकार छायावाद के आगे की चीज रहस्यवाद है।”* किसका कथन है ? ➖शांतिप्रिय द्विवेदी✅ ▶ *”कविता …

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भारतेन्दु युग की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ || Bhartendu Yug || हिंदी साहित्य

भारतेन्दु युग की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ

दोस्तो आज की पोस्ट में हम हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के अंतर्गत भारतेन्दु युग की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ  को पढेंगे ,आप इसे अच्छे से कवर करें | भारतेन्दु युग की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ/विशेषताएँ भावगत विशेषताएँ (1) अन्तर्विरोधों का साहित्य – भारतेन्दु काल की कविता अन्तर्विरोधी मूल्यों की कविता है और यह अन्तर्विरोध समाज की संरचना के …

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Mahadevi Verma Kavy Rahasyavaad || महादेवी वर्मा का काव्य रहस्यवाद

mahadevi verma kavya rahasyavaad

दोस्तो आज की पोस्ट में हम महादेवी वर्मा की काव्यगत विशेषताओं  के अंतर्गत इनके काव्य में रहस्यवाद(Mahadevi Verma Kavy Rahasyavaad) को पढेंगे | महादेवी के काव्य में रहस्यवाद(Mahadevi Verma Kavy Rahasyavaad) जैसा कि आचार्य शुक्ल दो प्रकार की रहस्य भावना स्वीकार करते है- 1. साधनात्मक 2. भावनात्मक साधनात्मक रहस्यवाद कबीर, जायसी में मिलता है तथा …

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