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आदिकाल सुपर 100 सीरीज़ -1 – हिंदी साहित्य का इतिहास

Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:22nd May, 2022| Comments: 4

आदिकाल सुपर 100 सीरीज़ -1

Table of Contents

  • आदिकाल सुपर 100 सीरीज़ -1
    • हिंदी साहित्य का आदिकाल 
    • हिंदी साहित्य का आदिकाल 
    • हिंदी साहित्य का आदिकाल 
    • हिंदी साहित्य का आदिकाल 

 

आदिकाल सुपर 100 सीरीज़ -1

1.आचार्य शुक्ल ने आदिकाल में देशभाषा काव्य में कितनी पुस्तकों की संख्या मानी है~~8
2.” जनता की चित्तवृत्ति का संचित प्रतिबिंब ही साहित्य हैं “यह माना है~~ शुक्ल
3.” भाषा सर्वेक्षण “के रचयिता है~~ जॉर्ज ग्रियर्सन
4. पृथ्वीराज रासो कितने प्रकार के छंदों में लिखा गया है~~68
5. उपदेश रसायन रास के रचयिता है~~ जिनदत्त सूरी
6.पृथ्वीराज रासो काव्य किस कोटि का है~~वीरगाथा महाकाव्य
7.”हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास ” ग्रंथ के लेखक है~~ रामकुमार वर्मा
8.इतिहास लेखन की सबसे विकसित पद्धति है ~~विधेयवादी पद्धति
9. विद्यापति ने कीर्तिलता को किस संवाद रूप में लिखा है ~~भृंग-भृंगी
10.” राठौड़ा री ख्यात” के रचयिता है ~~दयालदास
11. नाथों में “रसायनी” कौन थे ~~नागार्जुन

12. कविराज श्यामलदास तथा काशी प्रसाद जायसवाल ने रासो की उत्पत्ति मानी है~~ रहस्य से
13. “आध्यात्मिक रंग के चश्मे आजकल बहुत सस्ते हो गए हैं उन्हें चढ़ाकर कुछ लोगों ने गीतगोविंद के पद्यों को आध्यात्मिक संकेत बताया है वैसे ही विद्यापति के पद्यों को भी”- पंक्ति है ~~आचार्य शुक्ल
14.काफिर बोध, पंचअग्नि, दयाबोध,अष्ट चक्र व रसराह ग्रंथ है ~~गोरखनाथ
15. कयमास वध किस रचना का खंड है~~ पृथ्वीराज रासो
16.उक्ति व्यक्ति प्रकरण के रचयिता है~~ दामोदर शर्मा
17. “मनहुं कला ससीभान कला सोलह सो बनिय “- पंक्ति है~~ चंदबरदाई
18. “राउलबेल”श्रृंगार परक चंपू काव्य के रचयिता है ~~रोडा कवि

19. अपभ्रंश भाषा का प्रथम कवि माना जाता है ~~स्वयंभू
20. स्वयं को ‘अभिमान मेरु’ कहा करते थे~~ पुष्पदंत
21. आदिकाल को संधिकाल एवं चारण काल किसने कहा ~~रामकुमार वर्मा
22. बौद्ध सिद्धों के पदों और दोहों को ‘ बौद्धगान ओ दोहा’ नाम से बांग्ला भाषा मे प्रकाशित किया~~ पंडित हरप्रसाद शास्त्री
23. किरान- उस- सादेन रचना है ~~अमीर खुसरो
24. ‘पुरुष परीक्षा’ किसकी संस्कृत में रचित रचना है~~ विद्यापति
25. रिठेमणि चरिउ के रचयिता है~~ स्वयंभू

हिंदी साहित्य का आदिकाल 

26. कीर्तिलता की भाषा है ~~अवहट्ट
27.भू- परिक्रमा के रचयिता है ~~विद्यापति
28. जयमयंक जस चंद्रिका के रचयिता है~~ मधुकर कवि
29. इयाश्रय काव्य की रचना की है~~ हेमचंद्र
30. ‘कुमारपाल प्रतिबोध’ गद्य पद्य में प्राकृत काव्य लिखा है~~ सोमप्रभ सुरि
31. गोरखनाथ में किसके योग का सहारा लेकर ‘हठयोग’ का प्रवर्तन किया~~ पतंजलि
32. ‘रत्नाकर जोपम कथा’ किस संप्रदाय का मानक ग्रंथ है~~ सिद्धों का
33.” जिमि लोण बिलिज्जई पाणी एहि तिमि धरणी लई चित्त” कथन है ~~कणहप्पा
34. “गंगा जऊना माझे बहई रे नाइ”है- उक्ति है~~ डोम्भीपा
35. “काआ तरुवर पंच बिड़ाल” उक्ति है~~ लुइपा
36. सिद्धों में सबसे पुराने माने जाते हैं~~ सरहपा
37. अपभ्रंश नाम पहले-पहल किस के शिलालेख में मिलता है~~ वल्लभी राजा धारसेन द्वितीय
38. “उस समय जैसे ‘गाथा’ या ‘गाहा’ कहने से प्राकृत का बोध होता था वैसे ही दोहा या दूहा कहने से अपभ्रंश का” कथन के लेखक है~~ रामचंद्र शुक्ल

39. ‘देशी नाममाला’ किसकी रचना है~~ हेमचंद्र
40. हजारी प्रसाद द्विवेदी, विश्वनाथ प्रसाद मिश्र तथा चंद्रबली पांडेय ने रासो की उत्पत्ति मानी है~~ रासक
41. हरप्रसाद शास्त्री ने रासो की उत्पत्ति मानी है~~ राजयश
42.आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने रासो की उत्पत्ति मानी है ~~रसायण
43. पृथ्वीराज रासो की रचना विधान में सर्वाधिक विवादास्पद पक्ष है~~ ऐतिहासिकता
44. ‘कन कंड चरिउ’ के रचयिता है~~ कनकामर मुनि
45.’प्राकृत प्रकाश’ के रचयिता ~~वररुचि
46. ढोला मारु रा दुहा के रचयिता~~ कुशललाभ
47. सबसे पहले बारहमासा वर्णन किस रचना में मिलता है ~~बीसलदेव रासो
48. आदिकाल को अपभ्रंश काल कहा ~~धीरेंद्र वर्मा

49. बारह बरीस लौ कूकर जीवे, और तेरह लौ जिये सियार।
बरिस अठारह छत्री जीवे, आगे जीवन को धिक्कार।। उक्त पंक्ति है~~जगनिक
50. आदिकाल को ‘बीजवपन काल’ कहा है~~महावीर प्रसाद द्विवेदी

हिंदी साहित्य का आदिकाल 

51. दोहाकोश किसकी रचना है ~~सरहपा
52. मैथिल कोकिल कहे जाते हैं ~~विद्यापति
53.रणमल छंद की रचना की~~ श्रीधर
54. आल्हाखंड नाम से कौन सी रचना प्रसिद्ध है~~ परमाल रासो
55. “पद्मावती समय” किस रचना का खंड है~~ पृथ्वीराज रासो
56. राजमती और बीसलदेव की कथा किस ग्रंथ में है~~ बीसलदेव रासो
57.वर्ण रत्नाकर ग्रंथ के रचयिता है~~ ज्योतिरीश्वर
58. नाथ- संप्रदाय के रचयिता है~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
59. शिलांकित चंपू गेय काव्य रचना है~ राउलबेल
60. दो सुखने, खलिकबारी आदि रचनाएं हैं~ अमीर खुसरो
61. प्राण-संकली,सबदी, नरवैबोध, आत्मबोध और पंचमात्रा रचनाएं हैं~~ गोरखनाथ
62.गोरखनाथ की रचनाओं को ‘गोरखबानी’ नाम से संपादित किया ~~पीतांबर दत्त बड़थ्वाल
63.”पुस्तक जल्हण हत्थ दै, चलि गज़्ज़न नृज काज” पंक्ति है~ जल्हण

64. ‘चन्द हिंदी के प्रथम महाकवि माने जाते हैं और इनका पृथ्वीराज रासो हिंदी का प्रथम महाकाव्य है’ कथन के लेखक है~~ आचार्य शुक्ल
65.’पृथ्वीराज रासो’ को डॉक्टर श्यामसुंदर दास, मोहनलाल विष्णु लाल पंड्या, मिश्र बंधुओं एवं कर्नल टॉड मानते हैं~~ प्रामाणिक
66.हजारी प्रसाद द्विवेदी, मुनि जिन विजय, सुनीति कुमार चटर्जी आदि ‘पृथ्वीराज रासो’ को मानते हैं~~ अर्धप्रमाणिक
67.पृथ्वीराज रासो में कितने सर्ग या समय है~~69
68.”बज़्ज़िय घोर निसान रान चौहान चहुँ दिसि” पंक्ति है~~ चंदबरदई

69. संदेश रासक किस प्रकार का काव्य है~~ खंडकाव्य
70. पृथ्वीराज रासो को पूरा किया था~~ जल्हण ने
71.’परमात्म-प्रकाश’ और ‘योगसार’ किसकी रचना है~~ जोइंदु
72. पाहुड़दोहा के रचयिता है~~ मुनि रामसिंह
73. सरहपाद,सरोजवज्र व राहुलभद्र आदि नामों से कौन जाना जाता है~`सरहपा
74.अक्षरद्विकोपदेश,डोम्बिगीतिका व योगचार्य किसकी रचनाएं हैं~~डोम्बिपा
75. ‘श्रावकाचार’ व दब्ब-सहाव-पयास, लघुनयचक्र और दर्शनसार ग्रन्थ है~~देवसेन

 

हिंदी साहित्य का आदिकाल 

76. भरतेश्वर-बाहुबली रास खंड काव्य ग्रंथ लिखा~~ शालिभद्र सूरी
77. ‘स्थूलीभद्र रास’ किसकी रचना है~~ जिनधर्म सुरि
78. रेवंतगिरी रास रचना है ~~विजयसेन सुरि
79. ‘नेमिनाथ रास’ नामक ग्रंथ की 58 छंदों में रचना की~~सुमतिगणि
80. नाथ संप्रदाय को ‘अवधूत संप्रदाय’, ‘योग संप्रदाय’ कहा है~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
81. डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा किस रचना में हिंदी साहित्य को अखिल भारतीय साहित्य से सम्बद्ध करने का प्रयास हुआ है~~ हिंदी साहित्य की भूमिका
82.’आधुनिक हिंदी साहित्य का विकास’ किसके द्वारा लिखित है~~ श्री कृष्णलाल
83.’हिंदी पुस्तक साहित्य’ को आधुनिक साहित्य संपत्ति का बीजक किसने कहा है~~ डॉ• माता प्रसाद गुप्त
84.’हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास’ लिखा गया~~ डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी
85.’हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास’ में संपूर्ण इतिहास को डॉ. गणपति चंद्र गुप्त ने कितने काल खंडों में विभाजित किया है~~ आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल

हिंदी साहित्य का आदिकाल 

86.हिंदी साहित्य का सर्वाधिक व्यवस्थित और प्रथम इतिहास है~~ हिंदी साहित्य का इतिहास(शुक्ल)
87.अपभ्रंश साहित्य को हिंदी साहित्य से अलग मानकर उसे पूर्व पीठिका के रूप में किसने प्रस्तुत किया ~~आचार्य शुक्ल
88.आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने काल विभाजन का प्रधान आधार क्या माना~~ जनता की चित्तवृत्ति के परिवर्तन को
89.शुक्ल कृत हिंदी साहित्य का इतिहास में आदिकाल का नाम जो सर्वाधिक विवादास्पद रहा ~~वीरगाथाकाल
90.’हिंदी के मुसलमान कवि’ नामक पुस्तक के लेखक है~~ गंगा प्रसाद सिंह
91.हिंदी साहित्य का कौनसा इतिहास ग्रंथ एक पुस्तक के रूप में सबसे बड़ा है~~ हिंदी साहित्य का इतिहास (रमाशंकर शुक्ल रसाल)
92.राजस्थानी साहित्य की रूपरेखा के लेखक हैं~~ मोतीलाल मेनारिया
93.हिंदी साहित्य इतिहास में दोहरे नामकरण की प्रवृत्ति का आरंभ किसने किया~~ आचार्य शुक्ल

94.हजारी प्रसाद द्विवेदी का कौनसा ग्रंथ एक व्याख्यान ग्रंथ है~~ हिंदी साहित्य का आदिकाल
95.अपभ्रंश को पुरानी हिंदी माना~~ चंद्रधर शर्मा गुलेरी
96.आचार्य शुक्ल ने आदिकाल के कितने ग्रंथों को प्रामाणिक माना है ~~12
97.’द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान’ किसके द्वारा रचित है जिसमें केवल हिंदी कवियों का उल्लेख है~~ ग्रियर्सन
98.द मार्डन वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान सन 1888 में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की पत्रिका के रूप में प्रकाशित हुआ
99.हिंदी साहित्य के इतिहास में काल विभाजन का सर्वप्रथम प्रयास किया~~ग्रियर्सन

100.’तज़किरा-ई-शुअराई हिंदी’ किसके द्वारा रचित इतिहास ग्रंथ है~~ मौलवी करीमुद्दीन

 

यह भी पढ़ें :

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भिक्षुक कविता 

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गीतफरोश कविता 

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Comments

  1. डॉ शक्तिदान चारण says

    18/06/2018 at 5:27 PM

    वास्तव मे सुपर लिखा है।

    Reply
    • केवल कृष्ण घोड़ेला says

      20/06/2018 at 8:55 AM

      जी धन्यवाद

      Reply
  2. Moti jaisalmeri says

    01/09/2019 at 5:47 PM

    Super,Thankx….

    Reply
    • केवल कृष्ण घोड़ेला says

      03/09/2019 at 12:14 PM

      जी धन्यवाद

      Reply

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